ब्लॉग: क्यों भारत चाहता है बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी

By आरके सिन्हा | Published: November 23, 2023 10:33 AM2023-11-23T10:33:13+5:302023-11-23T10:39:53+5:30

पड़ोसी देश बांग्लादेश में 12वां संसदीय चुनाव 7 जनवरी, 2024 को होगा और जाहिर तौर पर भारत की इन चुनावों पर करीबी नजर रहने वाली है।

Blog: Why India wants Sheikh Hasina's return to Bangladesh | ब्लॉग: क्यों भारत चाहता है बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी

फाइल फोटो

Highlightsपड़ोसी देश बांग्लादेश में 12वां संसदीय चुनाव 7 जनवरी, 2024 को होगा बांग्लादेश के इस चुनाव पर भारत की भी करीबी नजर रहने वाली है बांग्लादेश में नई संसद के चुनाव की घोषणा के साथ तनाव और उपद्रव भी शुरू हो गया है

पड़ोसी देश बांग्लादेश में 12वां संसदीय चुनाव 7 जनवरी, 2024 को होगा और जाहिर तौर पर भारत की इन चुनावों पर करीबी नजर रहने वाली है। बांग्लादेश में नई संसद के चुनाव की घोषणा के साथ ही स्वाभाविक रूप से राजनीतिक तनाव और उपद्रव भी शुरू हो गए हैं।

प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी ने मांग की है कि चुनाव एक गैर-पार्टी अंतरिम सरकार की निगरानी में हों। इसके नेता और कार्यकर्ता प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के इस्तीफे की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। शेख हसीना की  सत्तारूढ़ अवामी लीग ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है और कहा है कि चुनाव शेख हसीना के नेतृत्व में ही होंगे।

इस बीच, भारत की तो चाहत होगी कि अगले चुनाव में भी अवामी पार्टी को सफलता मिले। इसमें कोई शक नहीं है कि शेख हसीना भारत के प्रति कृतज्ञता का भाव रखती हैं और भारत भी उन्हें हरसंभव सहयोग देता रहता है। शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंध मजबूत हो रहे हैं, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों और आपसी विश्वास व समझ पर आधारित है।

भारत ने शेख हसीना को विगत सितंबर के महीने में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में मित्र देश के रूप में आमंत्रित किया था। हालांकि बांग्लादेश जी-20 का सदस्य देश तो नहीं है, पर भारत ने बांग्लादेश को मेजबान तथा जी-20 के अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित करके साफ संकेत दे दिया था कि वह पड़ोसी मित्र देश को बहुत अहमियत देता है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हमेशा इस तथ्य को माना है कि भारत ने बांग्लादेश की आजादी में महत्वपूर्ण रोल निभाया था। शेख हसीना के लिए भारत की राजधानी नई दिल्ली तो अपने दूसरे घर की तरह ही है। उन्होंने यहां सन्‌ 1975 से 1981 के दौरान निर्वासित जीवन गुजारा था। तब उनके साथ उनके पति डॉ.एम.ए.वाजेद मियां और उनके दोनों बच्चे भी थे।

दरअसल शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक बंग बंधु शेख मुजीब-उर-रहमान, मां और तीन भाइयों का 15 अगस्त, 1975 को कत्ल कर दिया गया था ढाका में। उस भयावह कत्लेआम के समय शेख हसीना अपने पति और बच्चों के साथ जर्मनी में थीं इसलिए उन सबकी जान बच गई थीं। शेख हसीना के परिवार के कत्लेआम ने उन्हें बुरी तरह से झिंझोड़ दिया था। तब भारत ने उन्हें राजनीतिक शरण दी थी।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत-बांग्लादेश संबंध वर्तमान समय में ठीक दिशा में बढ़ रहे हैं। बहरहाल, भारत की चाहत है कि शेख हसीना बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों पर भी रोक लगाएं। उन्हें सम्मानपूर्वक स्वतंत्र जीवन यापन का अधिकार दिलाएं।

Web Title: Blog: Why India wants Sheikh Hasina's return to Bangladesh

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