राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तानाशाही को लेकर अमेरिकियों का जवाब दे रहा धैर्य, 2700 जगह और 70 लाख लोग सड़क पर उतरे

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 23, 2025 05:18 IST2025-10-23T05:18:49+5:302025-10-23T05:18:49+5:30

अमेरिका का लोकतंत्र आधुनिक इतिहास में दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र माना जाता है, लेकिन डोनॉल्ड ट्रम्प के रवैये से अब वहां तानाशाही के हावी होने का खतरा पैदा हो गया है.

Americans responding President Donald Trump's authoritarianism patience 7 million people taking streets in 2700 locations No Kings Protest | राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तानाशाही को लेकर अमेरिकियों का जवाब दे रहा धैर्य, 2700 जगह और 70 लाख लोग सड़क पर उतरे

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Highlightsप्रदर्शनों को ‘नो किंग्स’ नाम दिया गया है, जिसका मतलब है कि अमेरिका में किसी राजा का शासन नहीं है.विशेष अधिकार प्रदान किए गए हैं लेकिन ट्रम्प उनका अत्यधिक दुरुपयोग कर रहे हैं.हाल के वक्त में उन्होंने गवर्नरों के विरोध के बावजूद कई शहरों में नेशनल गार्ड्स की तैनाती की.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तानाशाही के खिलाफ अमेरिका में आखिरकार नागरिकों का धैर्य जवाब देने लगा है. विगत रविवार को वहां लगभग 2700 जगहों पर 70 लाख लोगों का सड़क पर उतरना इस बात का प्रमाण है. अमेरिका के इतिहास में इसे सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है. हालांकि इसी साल 14 जून को भी अमेरिका में ट्रम्प के खिलाफ दो हजार जगहों पर प्रदर्शन हुए थे लेकिन इस बार के प्रदर्शन ने तो रिकॉर्ड ही कायम कर दिया. इन प्रदर्शनों को ‘नो किंग्स’ नाम दिया गया है, जिसका मतलब है कि अमेरिका में किसी राजा का शासन नहीं है.

अमेरिका का लोकतंत्र आधुनिक इतिहास में दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र माना जाता है, लेकिन डोनॉल्ड ट्रम्प के रवैये से अब वहां तानाशाही के हावी होने का खतरा पैदा हो गया है. दरअसल आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए वहां के राष्ट्रपति को संविधान में कुछ विशेष अधिकार प्रदान किए गए हैं लेकिन ट्रम्प उनका अत्यधिक दुरुपयोग कर रहे हैं.

व्हाइट हाउस में वापसी के बाद ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कई कार्यकारी आदेश जारी किए हैं. उन्होंने कांग्रेस से स्वीकृत फंडिंग को रोक दिया, संघीय सरकार में छंटनी की, कई देशों पर व्यापक टैरिफ लगाए. हाल के वक्त में उन्होंने गवर्नरों के विरोध के बावजूद कई शहरों में नेशनल गार्ड्स की तैनाती की.

राष्ट्रपति का कहना है कि उनके ये कदम संकट में घिरे देश के पुनर्निर्माण के लिए जरूरी हैं. लेकिन ट्रम्प प्रशासन की सख्त इमिग्रेशन पॉलिसी, व्यापक टैरिफ, अमेरिकी शहरों में नेशनल गार्ड्स की तैनाती और लाखों अमेरिकी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती को लेकर लोगों में भारी चिंता है.

अपने विरोधियों को ट्रम्प जिस तरह से धमकाते हैं, उसके बावजूद अगर लोग इतनी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर रहे हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों में उनके खिलाफ कितना भारी गुस्सा है. भारत सहित दुनिया के अनेक देशों पर मनमाना टैरिफ लगाकर वे अमेरिका के मित्र देशों को भी उसके खिलाफ करते जा रहे हैं और इस बढ़े हुए टैरिफ का खामियाजा भी अमेरिकियों को ही भुगतना पड़ रहा है.

अपने खिलाफ हो रहे ‘नो किंग्स’ प्रदर्शनों को लेकर ट्रम्प का कहना है कि वे कोई राजा नहीं हैं. लेकिन हकीकत में उनका व्यवहार किसी तानाशाह से कम नहीं है. बताया जाता है कि ट्रम्प ने 20 सेकंड का एक एआई-जनरेटेड  वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे ताज पहने और एक फाइटर जेट पायलट के रूप में दिखे.

विमान पर ‘किंग ट्रम्प’ लिखा हुआ था और वीडियो में ट्रम्प प्रदर्शनकारियों पर मल गिराते हुए दिखाए गए. ट्रम्प द्वारा इस तरह का वीडियो पोस्ट करना आखिर तानाशाही नहीं तो और किस तरह की मानसिकता को दर्शाता है? 

Web Title: Americans responding President Donald Trump's authoritarianism patience 7 million people taking streets in 2700 locations No Kings Protest

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