Navratri 2024: गुणों और शक्तियों की प्रतीक हैं देवियां?
By नरेंद्र कौर छाबड़ा | Updated: October 4, 2024 05:21 IST2024-10-04T05:21:29+5:302024-10-04T05:21:29+5:30
Navratri 2024: सहन करने की शक्ति की प्रतीक मां जगदंबा प्रेम से भरी, बिना विचलित हुए विरोधियों को माफ करती हैं.

सांकेतिक फोटो
Navratri 2024: हर वर्ष नवरात्रि पर हम देवियों की पूजा-अर्चना कर उनकी शक्तियों का आवाहन करते हैं. ये देवियां कौन सी हैं और उनके पास क्या शक्तियां हैं सर्वप्रथम इस पर ध्यान देना होगा. जिन देवियों की पूजा की जाती है उन्हें शिव शक्ति कहा जाता है. उनको ईश्वर से सभी शक्तियां प्राप्त थीं इसलिए उनकी भुजाएं भी एक से अधिक दिखाई जाती हैं. इन देवियों ने काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी महिषासुर जैसे असुरों का नाश किया तथा विजय प्राप्त की. मुख्य रूप से आठ देवियों को अष्ट शक्ति के रूप में पूजा जाता है. मां पार्वती अंतर्मुखता की शक्ति की प्रतीक हैं. जब शंकर जी 10 वर्ष की तपस्या के लिए गए तो वह पीछे से अपने कार्य क्षेत्र में जुटी रहीं. मां पार्वती दुखी व हताश मनुष्य के अंदर उत्साह भरती हैं इसलिए उन्हें उमा भी कहा जाता है.
मां दुर्गा को अष्टभुजा धारी दिखाया जाता है जिसका अर्थ है उनके पास अष्ट शक्तियां हैं. वे शेर पर सवार रहती हैं अर्थात बहुत निर्भीक और निडर हैं. सहन करने की शक्ति की प्रतीक मां जगदंबा प्रेम से भरी, बिना विचलित हुए विरोधियों को माफ करती हैं. दुखी तथा अशांत आत्माओं को सुख-शांति का वरदान देकर उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. और सबसे समान स्नेह रखती हैं.
संतोष की शक्ति की प्रतीक मां संतोषी सबको संतुष्ट रखती हैं. निर्मल मन, सभी ईश्वरीय शक्तियों से संपन्न, असंतुष्ट आत्माओं को संतुष्टि करने वाली देवी हैं जो केवल गुड़ चने के प्रसाद में ही संतुष्ट हो जाती हैं. बुद्धि की देवी, सबके जीवन में खुशी, आनंद का वरदान लुटाने वाली मां गायत्री को कमल के फूल पर सफेद वस्त्र में सजी दिखाया जाता है जो कि पवित्रता के प्रतीक हैं.
निर्णय लेने की शक्ति की प्रतीक मां सरस्वती के पास एक हंस दिखाया जाता है जो मोती चुगता है पत्थर छोड़ देता है. वह नीर क्षीर को भी अलग करने की शक्ति रखता है. उनके हाथ में वीणा इस बात का प्रतीक है कि वह अपना ज्ञान संगीत के साथ स्वयं सुनाती हैं. ज्ञान तथा सृजन की देवी हैं.
सामना करने की शक्ति की प्रतीक मां काली विकार रूपी असुरों का विनाश करती हैं. उनका रौद्र रूप इस बात का प्रतीक है कि पुराने गहरे आसुरी संस्कारों का सामना करने व उन्हें खत्म करने के लिए दृढ़ निश्चय व हिम्मत चाहिए. सहयोग की शक्ति की प्रतीक देवी लक्ष्मी ज्ञान, धन, गुण रूपी हीरे-मोतियों से सुख समृद्धि का भंडार देने वाली, सबको प्रेम शक्ति का सहयोग देने वाली हैं. देवियों के भीतर जो गुण थे और जो शक्तियां थीं उन्हें हमें भी आत्मसात करना चाहिए. उन शक्तियों को अपने भीतर जागृत करके जीवन में खुशियां, आनंद, उत्साह बनाए रखना ही नवरात्रि पर्व मनाने का असली उद्देश्य है.