डॉ. गायत्री शर्मा का ब्लॉग: नव आरंभ का त्योहार है होली
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 16, 2022 12:12 IST2022-03-16T12:12:01+5:302022-03-16T12:12:55+5:30
रिश्तों में भी ये रंग प्रसन्नता, अपनत्व, विश्वास व नजदीकियों का संचार करते है तथा दूर रहकर भी हमें एकजुटता व एक-दूसरे के साथ होने का विश्वास कराते है। आप भी होली पर अपनों का दिल जीतकर अपने मित्रों व नातेदारों के साथ इस त्योहार को पूर्ण जोश, उमंग व आनंद के साथ मनाएं।

डॉ. गायत्री शर्मा का ब्लॉग: नव आरंभ का त्योहार है होली
डॉ. गायत्री शर्मा
होली मानव मन और प्रकृति के अनुपम श्रृंगार का त्योहार है। फागुन में फगुआ का संदेश लाती स्वर्ण सी चमकती गेहूं की बालियां, आम्रकुंज से महकते कच्चे आमों की खुशबू, पलाश का खिलता शबाब और महुएं की मादक महक मन में जैसे नव स्फूर्ति और उमंग का संचार करती है। होलिका दहन के साथ ही मन की मलिनता का भी दहन कर हम शुभ विचारों के साथ जीवन में सकारात्मकता का श्रीगणेश करते है। प्राचीन पंरपंराओं के साथ ही मेल-मिलाप के रूप में होली हमें संस्कारों की समृद्ध परंपरा से भी जोड़े रखती है। जाति-धर्म और संप्रदाय के भेद से परे अनेकता में एकता का संदेश देते होली के विविध रंग तन के साथ ही मन के रिश्तों में भी अपनत्व, प्रेम व सौहार्द्र के विविध रंगों की अमिट छाप छोड़ जाते है।
रिश्तों को जोड़ती है होली:
जिंदगी में रिश्तों की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। मेल-मिलाप की मधुरता से सजे प्रेमिल रिश्तों की सुंदरता और पवित्रता त्योहारों के माध्यम से ही परिलक्षित होती है। तन-मन के साथ दिलों को भी प्रेम के रंगों में रंगने का त्योहार है, होली। यह रंगों के बहाने रिश्तों के श्रृंगार का त्योहार है। इसे फगुआ की बयार का जादू ही कहिए, जिसमें प्रकृति के साथ-साथ मानव मन भी प्रफुल्लित होकर ढोल और मांदल की थाप के साथ मयूर सा झूम उठता है। फाग गीतों की स्वरलहरियों में मानों हम अपनी ही धुन में मगन होकर इस संसार के सभी तनावों को विस्मृत कर कुछ पल अपने लिए और अपनों के लिए चुरा लेते है। इस प्रकार व्यस्तताओं के बीच भी होली हमें नए-पुराने रिश्तों की डोर को मजबूत करने का एक सुअवसर प्रदान करती है।
कर्मठता की प्रतीक है होली:
होली आलस्य को दूर कर मन में नव उत्साह, उमंग तथा स्फूर्ति का संचार करते हुए हमें कर्मठता का संदेश देती है। होली हमारे बाहर और भीतर दोनों के मौसम को बदल देती है। होली के साथ ही दो ऋतुओं की संधि का यह काल मन में एक नई चेतना का संचार करता है। होली सही वक्त होता है आलस्य का त्याग कर फिर से अपने काम पर लौटने का, गर्म कपड़ों के साथ ही सर्दी की यादों को भी संदूक में बंद कर बसंत के फूलों के रूप में नए विचारों व नव ऊर्जा को संचरित करने का, सूरज की मेहरबानियों से खुश होने का और धन-धान्य के रूप में समृद्धि को संजोने का।
सकारात्मकता लाती है होली:
होली नकारात्मकता का परित्याग कर सकारात्मकता को अपनाने का शुभ संदेश देती है। होली के दिन विधिवत पूजन कर हम ʿहोलिका दहनʾ करते हुए अपने जीवन की संपूर्ण नकारात्मकता का दहन कर ʿसर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयःʾ के उद्घोष के साथ सर्व कल्याण व सर्व सकारात्मकता की मंगलकामना करते है। जब मन में सकारात्मकता होगी तो निश्चित तौर पर हमारे सभी कार्य भी सिद्ध होंगे क्योंकि भक्त और भगवान के बीच आस्था और श्रृद्धा मात्र का फर्क है, यह हर सच्चे भक्त के मन में अपने आराध्य की मौजूदगी के प्रमाण का त्योहार है। होली की रात हम धन-धान्य, सुख-समृद्धि, आरोग्य व ईश्वर की कृपा-दृष्टि की कामना के साथ ही होलिका के फेरे लेकर अपने जीवन में पंचतत्व के महत्व को भी स्वीकारते है।
नारी की शक्ति का प्रतीक है होली:
होली खुशियों का त्योहार है। यह गिले-शिकवों और मतभेदों को भूलाकर रिश्तों को एक नया मौका देने का त्योहार है। होली हमें कृष्ण और राधा के बहाने त्योहारों पर सामुहिकीकरण का संदेश देती है। बरसाने की होली राधा-कृष्ण व गोप-गोपियों के माध्यम से इस समाज में नारी की अहमियत की स्वीकार्यता का प्रमाण है। नारी की देह कोमल सही पर जब यही कोमल काया वाली नारी अपने हाथों में लट्ठ उठा लेती है, तो जगत का पालन करने वाले द्वारकाधीश को भी अपना बचाव करने के लिए कई प्रपंच करने पड़ते है। नारी शक्ति की सार्मथ्य को पहचानने का त्योहार है होली।
एकता की मिसाल है होली:
होली अनेकता में एकता की एक अनुपम मिसाल है। यह पंचतत्व के रूप में जगत की सर्वशक्तिमान सत्ता के अस्तित्व को स्वीकारने का त्योहार है। यह सामूहिकता का प्रतीक होने के साथ ही दृढ़संकल्प और कर्माधार पर विश्वास का त्योहार भी है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि जब हम सभी एकजुट होंगे तो बड़ी से बड़ी मुसीबत भी हमें हरा नहीं पाएगी। होली का त्योहार भी हमें जीवन में हर मुसीबतों का सामना डटकर, खुशी व साहस के साथ करने का संदेश देता है।
होली के अलग-अलग रंग प्रेम और मित्रता के अलग-अलग भावों के रंग है। इस दिन हम रंग गालों पर लगते है लेकिन इसका असर सीधे दिलों पर होता है। रिश्तों में भी ये रंग प्रसन्नता, अपनत्व, विश्वास व नजदीकियों का संचार करते है तथा दूर रहकर भी हमें एकजुटता व एक-दूसरे के साथ होने का विश्वास कराते है। आप भी होली पर अपनों का दिल जीतकर अपने मित्रों व नातेदारों के साथ इस त्योहार को पूर्ण जोश, उमंग व आनंद के साथ मनाएं।