लाइव न्यूज़ :

पीएम मोदी बखूबी जानते हैं इक्कों को 'जोकर' कैसे बनाना है

By खबरीलाल जनार्दन | Published: January 11, 2018 9:08 PM

रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते वक्त ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गुत्‍थी को समझ गए थे।

Open in App
(पीएम मोदी के सामने खड़े होने में क्या हालत होती है बीजेपी सांसदों की)

ताश में आधिकारिक तौर पर 52 पत्ते महत्वपूर्ण होते हैं। जाने क्यों तीन जोकर पत्ते छापे जाते हैं। बड़े लोग जोकर पत्ते बच्चों को थमा देते हैं। ताकि उन्हें अहसास रहे कि वे भी खेल में हैं। लेकिन असल मायनों वो जोकर बन रहे होते हैं। उम्मीद है रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते वक्त ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गुत्‍थी को समझ गए हों।

खेल को पूरा समझने के लिए ये चार बयान पढ़ने होंगे...

बीजेपी सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मैंने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाना चाहा तो वे नाराज हो गए। उन्हें सवाल पसंद नहीं। वह अपनी सुनाते हैं। बड़ी मुश्किल से उनके सामने कोई बोल पाता है।- पूर्व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद नाना पटोले

वित्त मंत्री ने जिस तरह अर्थव्यवस्था का कबाड़ा किया है, उस संदर्भ यदि इस वक्त मैं चुप रहा, तो यह मेरी राष्ट्रीय कर्तव्य निभाने में असफलता होगी। मैं इसके लिए आश्वस्त हूं कि यही बात भाजपा के कितने ही नेता कहना चाह रहे हैं, लेकिन डर के मारे कह नहीं पा रहे हैं।- अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा,

हां मैं आर्थिक मंदी की बात कर रहा हूं। भारत में ऐसी स्थिति बन सकती है, जब भारत के बैंक बर्बाद हो जाएंगे और फैक्टरियां बंद होने लगेंगी।- भाजपा के फायरब्रांड नेता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार आयोग के अध्यक्ष रहे सुब्रह्मण्यम स्वामी

नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को तात्कालिक नुकसान होगा और दीर्घकालिक फायदे भी नहीं होने वाले हैं।- रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन,

ये मशविरे उनके हैं, जिनके नाम पर अर्थशास्‍त्र को जानने, बखूबी समझने का ठप्पा लगा हुआ है। लेकिन इन बयानों के बाद संबंधित लोगों का क्या हश्र हुआ यह विश्लेषण का विषय है। इस श्रेणी में शत्रुघ्न सिन्हा और उमा भारती दो और बीजेपी नेता हैं। लेकिन ये दोनों इशारों में बात करते हैं। मुमकिन है उन्हें अपने साथी नेताओं के हश्र से डर हो।

अरुण जेटली को सुनते हैं पीएम मोदी?

हिन्दी की एक कहावत है, अगर किसी की नाप-जोख नहीं हो सकती, उसे संभालना भी असंभव है। शायद आपको याद हो, जिस दौर में हर दिन बैंकों से पैसे बदलने व पैसे निकालने के लिए नियम बन रहे थे; दूसरी ओर सड़कों पर लोगों की जान जा रही थी, वित्त मंत्री अरुण जेटली का बयान आया था, "नकद काले धन का कोई ठोस-ठोस आकलन उपलब्ध नहीं है।"

फिर प्रधानमंत्री का नोटबंदी कर के 86 फीसदी नकदी को एकमुश्त कागज का टुकड़ा बना देने का निर्णय किस आकलन पर आधारित था?

आंकड़े बता रहे हैं, नोटबंदी के एक साल पर सरकार को गिनाने के लिए ले-देकर गरीब कल्याण योजना में आए 5,000 करोड़ रुपए ही हैं, जिसका गुणगान किया जा सकता है। इसके अलावा जो कुछ हासिल है नोटबंदी से, वह जांच युग में है या दावों पर सवार है।

पीएम मोदी सुनते किसकी हैं, नीतियां कैसे बनाते हैं?

लोकसभा 2014 में एक जुमला (अमित शाह के मुताबिक वह जुमला था) बड़ा मशहूर हुआ। हर भारतीय नागरिक के खाते में 15-15 लाख रुपये आने वाले हैं। पर इसके ‌लिए बड़ा जरूरी था कि सबके पास खाते हों। लेकिन सेविंग अकाउंट के अपने नियम कानून होते हैं। पैसे कम होने पर जनता के वापस पैसे कटने लगते हैं। कई बार खाते बंद भी हो जाते हैं।

मोदी सरकार इसका काट लेकर आई, जन-धन खाता। खाते खुलने शुरू हुए। नोटबंदी के ऐन पहले वाले वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के बीच करीब 73,000 खाते प्रति दिन खुलने लगे।

लेकिन एक तरफ नोटबंदी बंदी हुई। दूसरी तरफ हर रोज 2,00,000 खाते खुलने लगे। शायद आपको याद हो कि किसी एक खाते में 2 लाख रुपये तक रखने पर किसी तरह की कोई जांच नहीं होगी, यही नियम था मोदी सरकार का।

नतीजतन नोटबंदी ने 23.30 करोड़ नए जन-धन खाते खुलवा दिए। नोटबंदी के दिन (9 नवंबर 2016) को इन खातों में करीब 456 अरब रुपए जमा थे। काला धन मिटाने के लिए प्रधानमंत्री की ओर मांगे गए 50 दिन बाद इन खातों में करीब 746 अरब रुपए जमा हो गए।

उस दौर के प्रधानमंत्री के भाषणों को सुनिए। लगा था 50 दिन बाद वो सब होने वाला है, जो प्रधानमंत्री ने चुनावी रैलियों में कहा था। लेकिन प्रधानमंत्री की नाक के नीचे उनके अपना राज्य गुजरात के जन-धन खातों में जमाखोरी में 94 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी आई, जो कि पूरे सभी राज्यों में सर्वोपरि है।

वहां तक फिर भी ठीक था कि प्रधानमंत्री ने इन सबकी जांच की बात कही। लेकिन कब धीरे से नोटबंदी के दौरान अनियमितता को लेकर बैंकों की शुरू हुई जांच भी शिथिल पड़ गई किसी को पता ही नहीं चला।

आपको याद हो तो बीती फरवरी में संसद में खुद वित्त मंत्री ने कहा था नोटबंदी के दौर में हुई अनियमिताओं के लिए विभिन्न खाताधारकों (जन धन सहित) को आयकर विभाग ने 5,100 नोटिस भेजे हैं। पर फरवरी से दूसरी फरवरी आने को है, किसी एक नोटिस पर कार्रवाई की सूचना नहीं है।

जोकर बनाने की कला के माहिर पीएम मोदी

नोटबंदी के खिलाफ बोलने वालों को मोदी सरकार ने लगातार जोकर बनाने का काम किया। रघुराम राजन बोले तो उनका कार्यकाल जो आमतौर पर दो साल बढ़ना तय लग रहा था, उसके लिए बुलाया ही नहीं गया। 

पीएम मोदी अपने सहयात्री सहयात्री अरविंद पनगढ़िया ने भी साथ छोड़ दिया। यशवंत सिन्हा पर कार्रवाई चर्चे आम रहे। सुब्रह्मण्यम स्वामी के बारे में पीएम ने पहले ही अपनी राय जाहिर कर दी थी। देश चलाने के लिए हार्वर्ड वालों की नहीं 'हार्ड वर्क' की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि स्वामी हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि कर वहां अर्थशास्‍त्र पढ़ाते भी रहे हैं।

अब पूर्व बीजेपी सांसद नाना पटोले की बात कि किसानों के मुद्दे पीएम को सुनाना चाह रहे थे। साल 2017 में पहली बार किसानों ने दिल्ली आकर पेशाब पिया, चूहा खाया। किसानों की आत्महत्या तो अब आम हो चली है। पटोले छह महीने से पीएम को यह बताने में लगे थे (पटोले ने आज बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है)। लेकिन प्रधानमंत्री बचपन में ही इक्कों को जोकर कैसे बनाएं यह कला सीख गए थे।

टॅग्स :नरेंद्र मोदीनाना पटोलेसुब्रमण्यम स्वामी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPM Narendra Modi Nomination Live Updates: तीसरी बार बनारस से पीएम मोदी ने किया नामांकन, ये दिग्गज रहे मौजूद, देखें वीडियो और फोटो

भारतLok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी ने बनारस डीएम के सामने भरा पर्चा, देखिए नामांकन की तस्वीरें

भारतLok Sabha Elections 2024: "कांग्रेस को यूपी में एक भी सीट नहीं मिलेगी", बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा

भारतPM Narendra Modi Nomination live Updates: काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट के बाद काल भैरव दर पर पीएम मोदी, देखें तस्वीरें

भारतPM Modi Nomination: इतने बजे नामांकन दाखिल करेंगे पीएम मोदी, जानिए समय चुनने के पीछे का महत्व

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिLok Sabha Elections 2024: जानिए कौन हैं रमेश अवस्थी, 1990 से राजनीति में जुड़े....

राजनीतिLok Sabha Elections 2024: कानपुर में सीएम योगी की ललकार, कहा- तीसरी बार मोदी सरकार, अवस्थी को जिताएं

राजनीतिKanpur LS polls 2024: अक्षरा और मोनालिसा के रोड शो  में उमड़ा जनसैलाब, क्या टूटेगा जीत का रिकार्ड, अवस्थी रचेंगे इतिहास

राजनीतिKanpur LS polls 2024: रोडशो, जयकार और फूलों से स्वागत, पीएम मोदी ने कानपुर में भाजपा प्रत्याशी अवस्थी के समर्थन में किया रोड शो

राजनीतिसम्राट अशोक की जयंती समारोह का आयोजन, उपमुख्यमंत्री सम्राट सिंह चौधरी और उमेश कुशवाहा हुए शामिल