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पांच राज्यों में चुनावः बंगाल पर नजर, भाजपा और टीएमसी में टक्कर, कांग्रेस की परंपरागत तैयारी?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: February 26, 2021 19:48 IST

बंगाल पर नजरः लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सफलता के कारण बीजेपी के हौंसले बुलंद हैं. वहां विधानसभा में 294 सीटें हैं.

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ठळक मुद्देवर्ष 2016 के चुनाव में टीएमसी को 211 सीटें मिली थीं.2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 18 सीटें जीत ली थीं.इस बार ममता बनर्जी के समक्ष सरकार बचाने की बड़ी चुनौती है.

पांच राज्यों में जो चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें बीजेपी और टीएमसी जहां आक्रामक हैं, वहीं कांग्रेस परंपरागत रफ्तार और तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है.

इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में पश्चिम बंगाल है, जहां ममता बनर्जी की सरकार है. पिछले विधानसभा चुनाव में तो बीजेपी को यहां कोई खास कामयाबी नहीं मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सफलता के कारण बीजेपी के हौंसले बुलंद हैं. वहां विधानसभा में 294 सीटें हैं.

वर्ष 2016 के चुनाव में टीएमसी को 211 सीटें मिली थीं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 18 सीटें जीत ली थीं, लिहाजा इस बार ममता बनर्जी के समक्ष सरकार बचाने की बड़ी चुनौती है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस, वामदलों, इंडियन सेकुलर फ्रंट आदि के बीच गठबंधन तकरीबन फाइनल है, सीटों के बंटवारे के बाद स्थिति स्पष्ट होगी. बीजेपी की कामयाबी अधिकतम हिन्दू वोट मिलने और मुस्लिम वोटों के बिखराव पर निर्भर है.

बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल के अलावा असम महत्वपूर्ण है, जहां 126 में से, पिछली बार 2016 में, बीजेपी को 60 सीटें मिली थीं और सरकार बनी थी, जबकि कांग्रेस को 26 सीटें मिली थीं.कांग्रेस के लिए केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी विशेष महत्व रखता है, जहां अभी यहां राष्ट्रपति शासन लागू है. वहां 30 सीटें हैं, जबकि तीन नामित सदस्य होते हैं.

कुछ दिनों पहले तक वहां कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार थी, लेकिन कुछ विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी, जिसके नतीजे में सरकार अल्पमत में आ गई और सीएम नारायणसामी को त्यागपत्र देना पड़ा. देश में, लेफ्ट के अंतिम सियासी गढ़ केरल में, लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है, जहां 140 सीटों पर चुनाव होने हैं.

हालांकि, बीजेपी यहां भी सक्रिय है, लेकिन क्या हांसिल होगा यह समय के गर्भ में है. तमिलनाडु में 234 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन वहां दोनों राष्ट्रीय दलों- कांग्रेस और बीजेपी की कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं रही है. अब तक मुख्य मुकाबला डीएमके और एआईएडीएमके के बीच होता रहा है.

इस बार बीजेपी, एआईएडीएमके के साथ है, तो कांग्रेस डीएमके के साथ है. इस बार चुनाव में कमल हासन की पार्टी भी होगी, जो दोनों दलों को नुकसान पहुंचाएगी. पिछली बार वहां 134 सीटें जीत कर एआईएडीएमके ने सरकार जरूर बनाई थी, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में डीएमके ने एकतरफा जीत हासिल की थी, इसलिए एआईएडीएमके के लिए वहां सरकार बचाना आसान नहीं है. देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और कांग्रेस, दोनों राष्ट्रीय दलों को इन पांच राज्यों में क्या मिलता है?

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