Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में मंगलवार भारतीयों के लिए एक और खुशियों भरा दिन रहा. देश की युवा होनहार निशानेबाज मनु भाकर ने मौजूदा ओलंपिक में उस समय देशवासियों को फिर एक बार झूमने का अवसर प्रदान किया जब उन्होंने अपने साथी सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच डाला.
आत्मविश्वास से लबालब मनु भाकर मंगलवार को कांसे का तमगा जीतकर आजाद भारत की एक ही ओलंपिक में लगातार दूसरा पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बनीं. टोक्यो ओलंपिक में मनु पिस्टल में खराबी आने के कारण फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं लेकिन यहां दो पदक जीतकर उन्होंने हर जख्म पर मरहम लगा दिया.
ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने वर्ष 1900 के ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी. मनु के लिए वर्तमान ओलंपिक खेलों में यह लगातार दूसरी कामयाबी रही है. इससे पूर्व इस हरियाणवी निशानेबाज ने रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के महिला एकल वर्ग में कांस्य पदक जीतकर देश को पहला पदक दिलवाया था.
पेरिस ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से डबल धमाका कर चुकी मनु भाकर के पास पदकों की हैट्रिक बनाने का मौका है. उन्हें अभी 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी भाग्य आजमाना है और देशवासियों को पूरा भरोसा है कि वे लगातार तीसरा पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक में भारत का परचम लहराने में कामयाब होंगी. मनु का यह तीसरा इवेंट शुक्रवार, दो अगस्त को होना है.
ओलंपिक खेलों के एक ही संस्करण में दूसरा पदक जीतने के बाद मनु भाकर की टिप्पणी गौर करने लायक रही. उनकी टिप्पणी से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह ओलंपिक खेलों जैसे बड़े मंच पर भी अपने आपको किस तरह संतुलित बनाए रखती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम हड़बड़ी नहीं करना चाहते थे. इत्मीनान से सांस लेना जरूरी था. निशानेबाजी ऐसा खेल है जिसमें यह बहुत जरूरी है क्योंकि दिल तेजी से धड़कता है. मैं सिर्फ अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर फोकस कर रही थी. हर शॉट में यही कोशिश की.’’ उनकी यह टिप्पणी इस बात की भी परिचायक है कि 22 वर्ष की छोटी आयु में उन्होंने खुद को किस तरह अपने शानदार प्रदर्शन के लिए फोकस कर रखा है.
मनु पेरिस ओलंपिक की इस यादगार सफलता से पूर्व 2023 विश्व चैंपियनशिप और 2022 हांगझोउ एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. अपने शानदार करियर में वह कुल नौ विश्व कप स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं.
इस कामयाबी के बाद बुलंद हौसलों से लबालब मनु भाकर के पास विश्व निशानेबाजी के खेल में अभी नई ऊंचाइयों को छूने का सुनहरा मौका है. साथ ही उनकी यह यादगार सफलता देश के उभरते निशानेबाजों और अन्य खेलों की उदीयमान प्रतिभाओं को प्रेरित करेगी.