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विश्व महासागर दिवस: तेजी से महासागरों का प्रदूषित होना क्यों है चिंताजनक?

By योगेश कुमार गोयल | Updated: June 8, 2023 12:07 IST

भोजन और दवाओं के प्रमुख स्रोत तथा जीवमंडल का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं महासागर, इसीलिए इनका संरक्षण बेहद जरूरी है.

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मानव जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका और इनके संरक्षण के लिए अनिवार्य प्रयासों के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 8 जून को ‘विश्व महासागर दिवस’ मनाया जाता है. जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डालना और महासागरों की वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में दुनिया में जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस को मनाने का प्रमुख कारण है. 

दरअसल हमारे जीवन में समुद्रों का बहुत अहम स्थान है और दुनियाभर के महासागर बढ़ते मानवीय क्रियाकलापों के कारण बुरी तरह प्रदूषित हो रहे हैं. इसलिए इस दिवस के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य समुद्रों की साफ-सफाई के प्रति जन-जागरूकता फैलाना और रोजमर्रा के जीवन में महासागरों की प्रमुख भूमिका का स्मरण कराना है. यह दिवस महासागरों को सम्मान देने, उनका महत्व जानने तथा उनके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है. 

दरअसल भोजन और दवाओं के प्रमुख स्रोत तथा जीवमंडल का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं महासागर, इसीलिए इनका संरक्षण बेहद जरूरी है. महासागरों का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से बड़ा महत्व है.  

वर्ष 1992 में रियो डी जेनेरियो में हुए ‘पृथ्वी ग्रह’ नामक फोरम में हर साल ‘विश्व महासागर दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया था. तब कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ओशन डेवलपमेंट तथा ओशन इंस्टीट्यूट ऑफ कनाडा द्वारा ‘पृथ्वी शिखर सम्मेलन’ में इसकी अवधारणा का प्रस्ताव रखा गया था. इस अवधारणा का मूल उद्देश्य लोगों को महासागरों पर मानवीय क्रियाकलापों के प्रभावों को सूचित करना, महासागर के लिए नागरिकों का एक विश्वव्यापी आंदोलन विकसित करना तथा विश्वभर के महासागरों के स्थायी प्रबंधन के लिए एक परियोजना पर वैश्विक आबादी को एकजुट करना है. 

वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस अवलोकन को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई, जिसके बाद यह दिवस ‘द ओशन प्रोजेक्ट’ तथा ‘वर्ल्ड ओशन नेटवर्क’ के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाने लगा.

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