ब्लॉग: ओजोन परत के बिना पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा

By योगेश कुमार गोयल | Updated: September 16, 2024 06:39 IST2024-09-16T06:39:36+5:302024-09-16T06:39:41+5:30

नवीन ऊर्जा के इन लक्ष्यों के लिए रिपोर्ट में भारत की सराहना भी की गई थी।

Without the ozone layer life on Earth would cease to exist | ब्लॉग: ओजोन परत के बिना पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा

ब्लॉग: ओजोन परत के बिना पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा

ओजोन परत के संरक्षण के लिए जन-जागरूकता फैलाने तथा ओजोन परत की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हानिकारक गैसों के उत्पादन और वातावरण में इन गैसों के उत्सर्जन को सीमित करने के प्रयासों पर जोर दिया जाता रहा है तथा आमजन को इसके लिए जागरूक करने के प्रयास भी किए जाते रहे हैं किंतु अपेक्षित लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा है।

16 सितंबर 1987 को ओजोन परत के क्षय को रोकने के लिए मॉन्ट्रियल में एक अंतरराष्ट्रीय समझौता हुआ था, जिसमें उन रसायनों के प्रयोग को रोकने से संबंधित महत्वपूर्ण समझौता किया गया था, जो ओजोन परत में छिद्र के लिए उत्तरदायी माने जाते हैं। ओजोन परत कैसे बनती है, यह कितनी तेजी से कम हो रही है और इस कमी को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, इसी संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए 1994 से प्रतिवर्ष ‘विश्व ओजोन दिवस’ मनाया जा रहा है किंतु चिंता की बात यह है कि पिछले कई वर्षों से ओजोन दिवस मनाए जाते रहने के बावजूद ओजोन परत की मोटाई लगातार कम हो रही है।

ओजोन दिवस प्रतिवर्ष एक थीम के साथ मनाया जाता है। विश्व ओजोन दिवस 2024 का विषय है ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना’। विश्व ओजोन दिवस का यह विषय ओजोन परत की रक्षा करने और वैश्विक स्तर पर व्यापक जलवायु कार्रवाई पहलों को आगे बढ़ाने में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

आईपीसीसी की एक रिपोर्ट में तापमान में डेढ़ तथा दो डिग्री वृद्धि की स्थितियों का आकलन किए जाने के बाद से इसे डेढ़ डिग्री तक सीमित रखने की आवश्यकता महसूस की जा रही है और इसके लिए दुनियाभर के देशों से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के नए लक्ष्य निर्धारित करने की अपेक्षा की जा रही है। जी-20 देशों पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों की समीक्षा पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सहित जी-20 देशों ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं, वे तापमान वृद्धि को डेढ़ डिग्री तक सीमित करने के दृष्टिगत पर्याप्त नहीं हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक जी-20 देशों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम नहीं हो रही है, जहां अभी भी करीब 82 फीसदी जीवाश्म ईंधन ही इस्तेमाल हो रहा है और चिंताजनक बात यह मानी गई है कि कुछ देशों में जीवाश्म ईंधन पर सब्सिडी भी दी जा रही है। उस रिपोर्ट के मुताबिक जी-20 देशों में औसतन 24 फीसदी नवीन ऊर्जा का ही उत्पादन हो रहा है। भारत ने हरित ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 2027 तक 47 फीसदी रखा है और 2030 तक सौ फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों के

उत्पादन का भी लक्ष्य है। नवीन ऊर्जा के इन लक्ष्यों के लिए रिपोर्ट में भारत की सराहना भी की गई थी। बहरहाल, अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना है कि ओजोन परत के बिना पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा और पानी के नीचे का जीवन भी नहीं बचेगा।

Web Title: Without the ozone layer life on Earth would cease to exist

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