ब्लॉग: जलमग्न हो जाने की आशंका से क्यों डरा हुआ है असम का डिब्रूगढ़?

By पंकज चतुर्वेदी | Published: March 28, 2023 12:03 PM2023-03-28T12:03:00+5:302023-03-28T12:03:00+5:30

असम का डिब्रूगढ़ शहर पहले ब्रह्मपुत्र नदी से काफी दूर था, यह शहर डिब्रू नदी के किनारे था. हालांकि 1950 में इस इलाके में भयानक भूकंप आया और इससे ब्रह्मपुत्र नदी की दिशा ही बदल गई.

Why Assam's Dibrugarh city is scared of being submerged in Brahmaputra river | ब्लॉग: जलमग्न हो जाने की आशंका से क्यों डरा हुआ है असम का डिब्रूगढ़?

जलमग्न हो जाने की आशंका से डरा हुआ है असम का डिब्रूगढ़ (प्रतिकात्मक तस्वीर)

फरवरी के आखिरी दिनों में ‘टी सिटी ऑफ इंडिया’ कहलाने वाले असम के डिब्रूगढ़ शहर में ऐसी दहशत फैली कि कई बस्ती के लोगों को अपना सामान लेकर भागना पड़ा. शहर को नदी के प्रकोप से बचाने के लिए बनाए गए डिब्रूगढ़ टाउन प्रोटेक्शन (डीटीपी) डाइक से महज दस मीटर दूरी तक की जमीन कट कर नदी में बह गई. डिब्रूगढ़ गुरुद्वारे के पीछे की विशाल भूमि को ब्रह्मपुत्र नदी बहा ले गई. जब डीटीपी पर ही खतरा दिखने लगा तो डिब्रूगढ़ के लोग दहशत में आ गए. 12 मार्च को कोयला घाट के पास एक नए स्थान पर जमीन का बड़ा टुकड़ा नदी तोड़ कर ले गई. प्रशासन के पास रेत से भरी बोरियां रखने के अलावा कोई हल है नहीं.

डिब्रूगढ़ शहर पहले ब्रह्मपुत्र नदी से काफी दूर था, यह शहर तो डिब्रू नदी के किनारे था. सन्‌ 1950 में इस इलाके में भयानक भूकंप आया था और इससे  ब्रह्मपुत्र नदी की दिशा ही बदल गई. जमीन हिलने से नदी तट की भूमि ऊंची हुई और ब्रह्मपुत्र सीधे–सीधे डिब्रू से मिल गई. यही नहीं, मैजान चैनल, जो पूर्व में डिब्रू नदी की एक सहायक नदी थी, उसका मिलन भी हो गया. नदियों के मिलन से प्रवाह में आया तीखापन और फिर पहाड़ से तेजी से बहकर आ रही ब्रह्मपुत्र में गाद के बढ़ने से डिब्रूगढ़ के आसपास कटाव बढ़ गया. 

समझना होगा कि दुनिया में सबसे अधिक तलछट से भरी नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र है. इसके साथ बहकर आई गाद, मिट्टी और चट्टानों के टुकड़ों से द्वीप बनते हैं. यहां इसे चार की जमीन कहते हैं जो अचानक आई मिट्टी से निर्मित होती है. अनुमान है कि ऐसे कोई 2,300 से ज्यादा द्वीप बन चुके हैं यहां. अगर कुछ बड़े द्वीपों को छोड़ दें तों इनमें से अधिकांश द्वीप अस्थायी हैं- जो यहां से वहां स्थानांतरित होते रहते हैं. 

इनमें से सबसे बड़ा द्वीप माजुली है जो कि दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है. कटाव की वजह से अपने मूल आकार के एक तिहाई तक सिकुड़ जाने के बाद भी यह विशाल बना हुआ है. 400 वर्ग किमी में फैला माजुली तकरीबन राजस्थान की राजधानी जयपुर जितना बड़ा है. डिब्रूगढ़ भी इसी तरह निर्मित है और माजुली से महज 15 किमी दूर है. पिछले कई दशकों में डिब्रूगढ़ में हर दशक में बाढ़ के स्तर में 0.33 मीटर की निरंतर दर से वृद्धि हुई है. इससे नदी की गहराई कम हुई है और नतीजतन, नदी की पानी वहन करने की क्षमता कम हो गई है.

आज जरूरत है कि असम की नदियों में ड्रेजिंग के जरिये गहराई को बढ़ाया जाए, इसके किनारे से रेत उत्खनन पर रोक लगे. सघन वन भी कटाव रोकने में मददगार होंगे. अमेरिका की मिसीसिपी नदी भी कभी ऐसे ही भूमि कटाव करती थी. वहां 1989 में तटबंध को अलग तरीके से बनाया गया और उसके साथ खेती के प्रयोग किए गए. आज वहां नदी-कटाव पूरी तरह नियंत्रित है.

Web Title: Why Assam's Dibrugarh city is scared of being submerged in Brahmaputra river

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