ब्लॉग: पी-20 से क्या हासिल करेगा हमारा देश ?

By अरविंद कुमार | Published: October 13, 2023 09:59 AM2023-10-13T09:59:01+5:302023-10-13T10:12:18+5:30

पी20 में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, यूरोपीय संसद समेत जी20 देशों के सदस्यों समते 200 अतिथि शामिल होंगे।

What will our country achieve from P-20? | ब्लॉग: पी-20 से क्या हासिल करेगा हमारा देश ?

फोटो क्रेडिट- एक्स

Highlights9वें जी20 संसदीय अध्यक्षों के सम्मेलन के बाद अब दिल्ली में पी-20 का आयोजन होने जा रहा हैइस बार की अध्यक्षता भारत के पास ही हैइसका आयोजन 13-14 अक्तूबर 2023 तक चलेगा

9वें जी20 संसदीय अध्यक्षों के सम्मेलन को लेकर एक बार फिर से राजधानी में काफी हलचल दिख रही है। इसे पी20 नाम दिया गया है, जिसकी अध्यक्षता भारत कर रहा है। लेकिन, संसदीय क्षेत्रों में इस बात को लेकर हैरानी है कि 13-14 अक्तूबर को हुए 9वें पी20 सम्मेलन को संसद भवन की जगह नवनिर्मित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन (यशोभूमि) में क्यों किया जा रहा है, जो द्वारका इलाके में स्थित है। 

अब तक जितने भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारत में हुए हैं, वे सभी संसद भवन परिसर में हुए हैं। फिर भी इस सम्मेलन में कुछ अहम मुद्दों पर चिंतन मनन होगा और आपस में बहुत कुछ समझने को मिलेगा।

पी20 सम्मेलन में 26 संसदों के अध्यक्ष, 10 उपाध्यक्षों के अलावा अंतरराष्ट्रीय संसदीय संगठन अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की भी भागीदारी होगी। मदर ऑफ डेमोक्रेसी प्रदर्शनी जी20 की तरह यहां भी लगी है। 

भारत की मेजबानी में हो रहे पी20 में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, यूरोपीय संसद समेत जी20 देशों के सदस्यों के अलावा बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई के 200 अतिथि आमंत्रित हैं। 

इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, पर उद्घाटन सत्र में उनके अलावा आईपीयू अध्यक्ष डुआर्टे पचेओ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ही बोलेंगे। पहले दिन प्रतिनिधियों को संसद भवन दिखाने ले जाया जाएगा, जहां नए संसद भवन का देखने के साथ वे पुराने संसद भवन (संविधान सदन) में रात्रिभोज करेंगे। 14 अक्तूबर को समापन सत्र में संयुक्त बयान जारी करने के साथ पी20 की अध्यक्षता औपचारिक तौर पर ब्राजील को सौंप दी जाएगी।

इस सम्मलेन का मुख्य विषय 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद' रखा गया है। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में एसडीजी के लिए एजेंडा 2030 की प्रगति में तेजी लाना, हरित भविष्य के लिए सतत ऊर्जा, महिलाओं को मुख्यधारा में लाना और सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव जैसे चार विषयों पर विचार-विमर्श होगा।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसी बैठकों से विभिन्न संसदों के बीच संबंध प्रगाढ़ बनाने और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने तथा समस्याओं के समाधान तलाशने में मदद मिलती है। संसदीय संस्थाओं में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) 100 साल से पुरानी है। 53 देशों की 180 से अधिक संसदों और विधानसभाओं के 18,000 से अधिक सांसदों और विधायकों को यह एक सूत्र में पिरोती है।

भारत की संसद और विधान मंडल इसके सदस्य हैं। भारत राष्ट्रमंडल देशों के संसद के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की मेजबानी 1971, 1986 और 2011 में भी कर चुका है और तीनों आयोजन संसद भवन में हुए।

Web Title: What will our country achieve from P-20?

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