लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: पुतिन के इस तूफानी दौरे का क्या है गेम प्लान?

By लोकमित्र | Updated: December 9, 2021 10:02 IST

सवाल है कि व्लादिमीर पुतिन के इस औचक संक्षिप्त यात्र का गेम प्लान क्या है? इस यात्रा के दो सबसे गहरे अनुमान ये हैं कि यह यात्रा दो बड़े कूटनीतिक मसलों को साधने की रणनीति का हिस्सा है.

Open in App

वैश्विक मीडिया ही नहीं, व्हाइट हाउस से लेकर 6 डाउनिंग स्ट्रीट तक उलझन में हैं कि आखिर पुतिन के 6 दिसंबर के तूफानी भारत दौरे का गेम प्लान क्या है? जाहिर है दुनिया यह मानने को तैयार नहीं कि यह एस-400 मिसाइल सिस्टम को भारत द्वारा तमाम वैश्विक दबाव के बाद भी खरीदने से पीछे न हटने के लिए पुतिन की धन्यवाद यात्रा थी, न ही यह भारत-रूस की दोस्ती की 50वीं वर्षगांठ का महज केक काटने की औपचारिक यात्रा थी.

सवाल है फिर इस औचक संक्षिप्त यात्र का गेम प्लान क्या है? इस यात्रा के दो सबसे गहरे अनुमान ये हैं कि यह यात्रा दो बड़े कूटनीतिक मसलों को साधने की रणनीति का हिस्सा है. भले अमेरिका बनाम चीन की तनातनी के बीच रूस और अमेरिका के तनाव की बातें मीडिया की पहली प्राथमिकता न रही हों, लेकिन हकीकत यह है कि अमेरिका जितना आक्रामक चीन के साथ अपने संबंधों को लेकर है, उससे करीब 100 फीसदी ज्यादा वह रूस के विरुद्ध आक्रामक है. अमेरिका चाहते न चाहते अब समझ चुका है कि चीन वास्तविकता में उससे बड़ी आर्थिक ताकत है. साथ ही उसकी कूटनीति का अपना एक ऐसा अलहदा और मौलिक रंग है, जिसे अमेरिका या पश्चिमी देश चाहकर भी डिकोड नहीं कर पाते. शायद यही कारण है कि अमेरिका से बिना खौफ खाये जिस तरह चीन उसे चेतावनी दे रहा है और उसका मजाक उड़ा रहा है, उससे अमेरिका कसमसा रहा है. विशेषकर ताइवान और साउथ चाइना सी के मामले में.

बहरहाल, चीन के इस अकड़भरे रवैये से अमेरिका यह नहीं चाहता कि रूस भी उसे वही जमीन दिखाने की हिम्मत करे जो जमीन चीन ने दिखा दी है. इसलिए रूस और यूक्रेन के आपसी तनाव को अमेरिका ने अपनी नाक का बाल बना लिया है. यूक्रेन की तरफ से अमेरिका बार-बार रूस को धमकी दे रहा है कि अगर रूस ने यूक्रेन के खिलाफ हमले की जरा भी कोशिश की तो उसे इसके भयानक नतीजे भुगतने पड़ेंगे.

रूस और अमेरिका के बीच कई बार शाब्दिक झड़पें हो चुकी हैं. कहीं रूस इन झड़पों की अंतिम परिणति यूक्रेन को सबक सिखाने के रूप में तो नहीं देख रहा और ऐसे में रूस बनाम पश्चिमी दुनिया की स्थिति बन जाने को ध्यान में रखते हुए, पुतिन भारत को अचानक साधने आए हों और याद दिलाने भी कि 50 साल पहले जब पाकिस्तान के विरुद्ध बांग्लादेश को लेकर हुई जंग में भारत की यह स्थिति बन गई थी, तो रूस किस तरह भारत का साथ देने के लिए अपने 14 जंगी जहाजों और एक परमाणु पनडुब्बी के साथ हिंद महासागर में उतर आया था, जिसके बाद ही अमेरिका के सबसे बड़े सातवें जंगी बेड़े को बंगाल की खाड़ी की दिशा में बढ़ते अपने रुख को बदलना पड़ा था. 

सिर्फ अमेरिका ही नहीं, उस समय ब्रिटेन और अमेरिका के स्वाभाविक मित्रों में से एक फ्रांस ने भी भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की तरफ मोर्चाबंदी कर ली थी. जबकि भारत का पारंपरिक दुश्मन और इसी वजह से पाकिस्तान का पारंपरिक दोस्त चीन तो उसके साथ था ही. निश्चित रूप से 1971 में अगर रूसी शासन प्रमुख ख्रुश्चेव खुलकर भारत के साथ नहीं आते तो 1971 भारत के लिए दु:स्वप्न भी बन सकता था. 

कहीं पुतिन हमें उस कर्ज की याद दिलाने तो नहीं आए थे और यह आश्वासन पाने कि अगर उसके खिलाफ अमेरिका गोलबंद होता है तो भारत, अमेरिका के पाले में नहीं जाएगा, भले खुलकर वह रूस के साथ न आए? एक दूसरा अनुमान यह है कि जिस तरह से दुनिया की भू-राजनीतिक स्थितियां करवट ले रही हैं, उसमें अगर भारत और चीन इसी तरह एक दूसरे के आमने-सामने खड़े रहे तो इससे न सिर्फ एशिया बल्कि रूस को भी नुकसान होगा और चूंकि पुतिन की शी जिनपिंग से अच्छी दोस्ती भी है और राजनीतिक दृष्टि से दोनों देश एक पाले में भी हैं, इस वजह से पुतिन अपनी तरफ से भारत और चीन के बीच के गतिरोध को दूर करने के लिए, चीन की तरफ से कोई प्रस्ताव लेकर आए हों या भारत की तरफ से कोई प्रस्ताव लेकर गए हों!

वास्तव में जिस अंदाज का पुतिन ने तूफानी दौरा किया है, उसके दूरगामी ठोस अनुमान यही बनते हैं. बाकी अगर इस संक्षिप्त यात्र को दोनों देशों के कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्तों के पैमाने में देखें तो इतनी संक्षिप्त यात्र में दोनों देशों के बीच 28 समझौते हुए हैं, जिनमें कई समझौतों पर एमओयू भी साइन हुए हैं. साथ ही दोनों देशों ने घोषणा की है कि आपसी व्यापार बढ़ाएंगे.

टॅग्स :व्लादिमीर पुतिननरेंद्र मोदीरूसअमेरिकापाकिस्तानचीन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतगोवा जिला पंचायत चुनावः 50 में से 30 से अधिक सीट पर जीते भाजपा-एमजीपी, कांग्रेस 10, आम आदमी पार्टी तथा रिवोल्यूश्नरी गोअन्स पार्टी को 1-1 सीट

भारतहिजाब विवाद के बीच पीएम मोदी और अमित शाह से मिले नीतीश कुमार?, दिल्ली में 30 मिनट तक बातचीत, वीडियो

भारतबांग्लादेश में हिन्दू युवा के साथ हुई हिंसा के लिए बिहार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने पाकिस्तान को ठहराया जिम्मेवार, कहा- भारत की शांति में खलल पैदा करना चाहता है

भारतराज्यसभा चुनावः अप्रैल 2026 में 5 सीट खाली?, 2-2 सीट जदयू और भाजपा और एक सीट चिराग, मांझी ने बेटे संतोष कुमार सुमन से कहा-तू छोड़ दा मंत्री पद का मोह?

कारोबारFree Trade Agreement: ओमान, ब्रिटेन, ईएफटीए देशों, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस के बाद न्यूजीलैंड, 95 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क कम, जानें मुक्त व्यापार समझौते के फायदे

भारत अधिक खबरें

भारतभारत रत्न चौधरी चरण सिंह जयंतीः किसानों की बुलंद आवाज थे चौधरी चरण सिंह

भारतकफ सीरप मामले में सीबीआई जांच नहीं कराएगी योगी सरकार, मुख्यमंत्री ने कहा - अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा

भारतलोनावला नगर परिषदः सड़क किनारे फल बेचने वालीं भाग्यश्री जगताप ने मारी बाजी, बीजेपी प्रत्याशी को 608 वोट से हराया

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोशल मीडिया ‘इंस्टाग्राम’ पर मिली धमकी, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, जुटी जांच में

भारतबृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव: गठबंधन की कोई घोषणा नहीं?, राज-उद्धव ठाकरे में बातचीत जारी, स्थानीय निकाय चुनावों में हार के बाद सदमे में कार्यकर्त्ता?