वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: महिलाओं को कब मिलेगा बराबरी का अधिकार?

By वेद प्रताप वैदिक | Published: March 3, 2021 11:23 AM2021-03-03T11:23:53+5:302021-03-03T11:25:39+5:30

केरल और मणिपुर को छोड़ दें तो क्या वजह है कि सारे भारत में हर विवाहित स्त्री को अपना उपनाम बदलकर अपने पति का नाम लगाना पड़ता है? पति क्यों नहीं पत्नी का उपनाम ग्रहण करता है?

Vedapratap Vedic's blog: When will women get equal rights? | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: महिलाओं को कब मिलेगा बराबरी का अधिकार?

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

हम कहते हैं कि हमारे भारत में नारी की पूजा होती है. नारी की पूजा में ही देवता रमते हैं. ‘यत्न नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:’ लेकिन अभी-अभी विश्व बैंक की एक रपट आई है, जिससे पता चलता है कि नारी की पूजा करना तो बहुत दूर की बात है, उसे पुरुष की बराबरी का दर्जा देने में भी भारत का स्थान 123वां है.

यानी दुनिया के 122 देशों की नारियों की स्थिति भारत से कहीं बेहतर है. 190 देशों में से 180 देश ऐसे हैं, जिसमें नर-नारी समानता नदारद है. सिर्फ दस देश ऐसे हैं, जिनमें स्त्री और पुरुषों के अधिकार एक समान हैं. ये देश हैं - बेल्जियम, फ्रांस, डेनमार्क, लातविया, लग्जमबर्ग, स्वीडन, आइसलैंड, कनाडा, पुर्तगाल और आयरलैंड.

ये देश या तो भारत के प्रांतों के बराबर हैं या जिलों के बराबर. इनमें से एक देश भी ऐसा नहीं है, जिसकी संस्कृति और सभ्यता भारत से प्राचीन हो. पिछले ढाई-तीन सौ साल में यूरोप ने नर-नारी समता के मामले में क्रांति ला दी है लेकिन भारत, चीन और रूस जैसे बड़े देशों में अभी भी शासन, समाज, अर्थव्यवस्था और शिक्षा आदि में पुरुषवादी व्यवस्था चल रही है.

केरल और मणिपुर को छोड़ दें तो क्या वजह है कि सारे भारत में हर विवाहित स्त्री को अपना उपनाम बदलकर अपने पति का नाम लगाना पड़ता है? पति क्यों नहीं पत्नी का उपनाम ग्रहण करता है?

विवाह के बाद क्या वजह है कि पत्नी को अपने पति के घर जाकर रहना पड़ता है? पति क्यों नहीं पत्नी के घर जाकर रहता है? पैतृक संपत्ति तो होती है लेकिन ‘मातृक’ संपत्ति क्यों नहीं होती? पिता की संपत्ति का बंटवारा उसके बेटों को तो होता है, बेटियों को क्यों नहीं?

बच्चों के नाम के आगे सिर्फ उनके पिता का नाम लिखा जाता है, माता का क्यों नहीं? दुनिया के कितने देशों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्नी महिलाएं हैं? दुनिया के सभी समाजों में बहुपत्नी व्यवस्था चलती है, बहुपति व्यवस्था क्यों नहीं? स्त्रियां ही ‘सती’ क्यों होती रहीं, पुरुष ‘सता’ क्यों न हुए? इस पुरुषप्रधान विश्व का रूपांतरण अपने आप में महान क्रांति होगी.

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: When will women get equal rights?

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