वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: केरल में समंदर किनारे बने अवैध अपार्टमेंट्स ढहाए गए, सीखे सारा देश
By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 14, 2020 03:13 AM2020-01-14T03:13:14+5:302020-01-14T03:13:14+5:30
बड़े पैमाने पर अवैध भवन गिरवाने की कार्रवाई पहली बार हुई है. अभी तो ऐसे सिर्फ चार भवन ही गिरे हैं, देश में ऐसे हजारों अवैध भवन हैं, जिन्हें तुरंत गिराया जाना चाहिए. कई पड़ोसी देशों का हाल हमसे भी बुरा है. ऐसे अवैध भवनों से प्राकृतिक संपदा की हानि तो होती ही है, आम नागरिकों के हक भी मारे जाते हैं.
केरल में कल-परसों ऐसा काम हुआ है, जो पूरे देश में बड़े पैमाने पर होना चाहिए. कोच्चि के समुद्र तट के किनारे चार गगनचुंबी भवनों को कुछ ही क्षणों में जमींदोज कर दिया गया. ये भवन 17 से 19 मंजिले थे. इनमें तीन सौ से ज्यादा फ्लैट बने हुए थे. इन फ्लैटों में 300 से ज्यादा परिवार कई वर्षो से रह रहे थे. इन फ्लैटों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत गिराया गया. ये फ्लैट निजी बिल्डरों ने गैरकानूनी ढंग से बनाकर लोगों को कई वर्ष पहले बेच दिए थे. इन्हें बनाने की इजाजत केरल के नौकरशाहों ने दी थी.
जब इनके खिलाफ मुकदमा चला तो उच्च न्यायालय ने इन्हें निदरेष पाया लेकिन सबसे बड़ी अदालत के सामने यह मामला टिक नहीं पाया. साल भर पहले उसने इन गैरकानूनी फ्लैटों को गिराने का फैसला दिया. फ्लैट के निवासियों ने काफी शोर-गुल मचाया, काफी उठापटक की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. अदालत ने प्रत्येक फ्लैट मालिक को 25-25 लाख रु. का हर्जाना देने का आदेश दिया और आखिरकार इन भवनों को गिरवा दिया.
इतने बड़े पैमाने पर अवैध भवन गिरवाने की कार्रवाई पहली बार हुई है. अभी तो ऐसे सिर्फ चार भवन ही गिरे हैं, देश में ऐसे हजारों अवैध भवन हैं, जिन्हें तुरंत गिराया जाना चाहिए. कई पड़ोसी देशों का हाल हमसे भी बुरा है. ऐसे अवैध भवनों से प्राकृतिक संपदा की हानि तो होती ही है, आम नागरिकों के हक भी मारे जाते हैं.
ऐसे भवनों को सिर्फ गिरवा देना काफी नहीं है. जिन नौकरशाहों ने इनकी अनुमति दी है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे अवैध भवन निर्माताओं को भी कठोर सजा मिलनी चाहिए. पैसों के लालच में वे इतने पागल हो गए थे कि उन्होंने अदालत के आदेश के बावजूद अपना निर्माणकार्य जारी रखा. उनसे भी कम से कम आधा जुर्माना लिया जाना चाहिए था.