वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कोरोना टीके पर न हो टीका-टिप्पणी

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 7, 2021 11:16 AM2021-01-07T11:16:48+5:302021-01-07T11:17:36+5:30

यह टीका बुजुर्गो और बीमारों को पहले दिया जाएगा. इस गणित को भी स्वास्थ्य मंत्नालय सुलझा रहा है. वास्तव में कई मंत्नालयों के सहयोग से ही यह अभियान सफल होगा.

Vedapratap Vedic's blog: Do not comment on the Corona vaccine | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: कोरोना टीके पर न हो टीका-टिप्पणी

कोरोना वायरस वैक्सीन (सांकेतिक फोटो)

कोरोना वायरस के खिलाफ जैसा युद्ध भारत करेगा, वैसा कोई और देश करने की स्थिति में नहीं है. 30 करोड़ लोगों को फिलहाल टीका लगाने की तैयारी है. इतने लोग तो बस कुछ देशों में ही हैं.

धीरे-धीरे भारत में सभी 140 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका मिल सकेगा. मकर संक्रांति के दिन से टीकाकरण की यह क्रांति शुरू हो जाएगी. इस टीका-क्रांति को लेकर दो टीका-टिप्पणी हो रही है.

एक तो पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच और दूसरी टीका निर्माता दो भारतीय कंपनियों के बीच. दोनों कंपनियों- भारत बायोटेक और सीरम-इंस्टीट्यूट ने एक-दूसरे के टीके के बारे में जो विवाद खड़ा किया था, उसे अब उन्होंने खुद ही सुलझा लिया है.

इन दोनों के टीके दुनिया के सबसे सस्ते टीके होंगे. ये टीके भारत के वातावरण के भी अनुकूल होंगे. इन्हें अत्यधिक ठंडे शीतमान में रखने की जरूरत नहीं होगी. इन्हें सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने हजारों शीतयंत्न तैयार कर लिए हैं. 37 राज्यों के 41 हवाई अड्डों पर इस टीके को भिजवाने का इंतजाम हो गया है.

हवाई अड्डे से टीका-केंद्र तक भी टीका मिनटों में सुरक्षित पहुंचवाने की व्यवस्था की जा रही है. हर प्रदेश में हजारों टीका-केंद्र बनाए जा रहे हैं ताकि बुजुर्ग और कमजोर लोगों की भी समुचित सेवा हो सके. सरकार को इस अभियान में अभी 13500 करोड़ रु. खर्च करने होंगे.

यह टीका बुजुर्गो और बीमारों को पहले दिया जाएगा. इस गणित को भी स्वास्थ्य मंत्नालय सुलझा रहा है. वास्तव में कई मंत्नालयों के सहयोग से ही यह अभियान सफल होगा. यह अभियान लगभग वैसा ही है, बल्कि उससे भी ज्यादा गंभीर है, जो हमारे देश में चुनावों के दौर में होता है.

इस अभियान में देश के सभी लोगों का अधिकतम सहयोग होना चाहिए लेकिन हमारे विपक्षी नेताओं ने इस राष्ट्रसेवा के मामले में भी विवाद खड़े कर दिए हैं. उनका कहना है कि इस टीके का तीसरे परीक्षण के पहले ही उपयोग करना खतरनाक है. क्या हम अपने वैज्ञानिकों से भी ज्यादा उनकी बात को प्रामाणिक मानें?

यदि कुछ खतरा होगा तो उसका पता तुरंत चलेगा और तत्काल समुचित कार्रवाई होगी. कुछ लोग टीके के बारे में यह भ्रम भी फैला रहे हैं कि इसमें चर्बी है और उसको लगवाने वाला नपुंसक हो जाएगा. इन विघ्नसंतोषी टीका-टिप्पणियों को दरकिनार कर अभियान को सफल बनाना हर भारतीय का कर्तव्य है.

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: Do not comment on the Corona vaccine

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