वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: इमरान के कहे पर पानी फिरा
By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 30, 2018 03:47 AM2018-11-30T03:47:07+5:302018-11-30T03:47:07+5:30
कश्मीर के सवाल पर पाकिस्तान से ज्यादा भारत को जोर देना चाहिए. उसे पाकिस्तानी कब्जे के कश्मीर को बातचीत का पहला मुद्दा बनाना चाहिए. इमरान ने फ्रांस और जर्मनी की मिसाल देकर दोस्ती का जो हाथ बढ़ाया है, वह आज नहीं तो कल तो होना ही है.
गुरु नानक देवजी को समर्पित करतारपुर गलियारे के शिलान्यास के अवसर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान ने जो भाषण दिया, उस पर पानी फिर गया है. हमने अगले दक्षेस सम्मेलन के बहिष्कार की घोषणा कर दी और यह भी कह दिया कि जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होगा, हम कोई बात नहीं करेंगे. हमारी विदेश मंत्नी सुषमा स्वराज की यह प्रतिक्रिया निराधार नहीं है. उनका गुस्सा स्वाभाविक है.
हमारे प्रधानमंत्नी और विदेश मंत्नी दोनों पाकिस्तान जाने की दरियादिली दिखा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के बीच कोई संवाद नहीं है. इसके बावजूद सैकड़ों बार हमारी सीमा का उल्लंघन हुआ है. क्या इमरान खान अपनी सेना से इतना भी नहीं कह सकते कि अगले छह महीने तक नियंत्नण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा का एक बार भी उल्लंघन न हो? यदि पाकिस्तान की सरकार और फौज दोनों ही भारत से वादा कर लें, तो भी वे आतंकवाद को नहीं रोक सकते. यदि वे रोक सकते होते तो वे पहले अपने यहां ही रोक लेते. आतंकवादियों ने पिछले पांच साल में जितने लोग भारत में मारे हैं, उससे ज्यादा पाकिस्तान में मारे हैं. पाकिस्तान में विभिन्न आतंकी संगठनों का भी जहरीला इंद्रधनुष तना हुआ है.
कश्मीर के सवाल पर पाकिस्तान से ज्यादा भारत को जोर देना चाहिए. उसे पाकिस्तानी कब्जे के कश्मीर को बातचीत का पहला मुद्दा बनाना चाहिए. इमरान ने फ्रांस और जर्मनी की मिसाल देकर दोस्ती का जो हाथ बढ़ाया है, वह आज नहीं तो कल तो होना ही है. करतारपुर साहिब गलियारे के शिलान्यास समारोह में पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर बाजवा का शामिल होना अपने आप में एक अच्छा संकेत है. फौज भी उनके साथ है, इमरान का यह कहना काफी वजनदार है. हमारी सरकार चाहती तो इमरान की जलेबियों के जवाब में इमरतियां तो परोस ही सकती थी.