वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉगः पड़ोसी राष्ट्रों पर ध्यान दे सरकार

By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 18, 2018 12:19 AM2018-10-18T00:19:42+5:302018-10-18T00:19:42+5:30

इसका अर्थ क्या हुआ? क्या यह नहीं कि पड़ोसी देशों के साथ हमारी सरकार के संबंधों में कहीं न कहीं कोई बड़ी गड़बड़ी है। 

Ved Pratap Vaidik Blog: Government should care of neighboring nations | वेद प्रताप वैदिक का ब्लॉगः पड़ोसी राष्ट्रों पर ध्यान दे सरकार

सांकेतिक तस्वीर

हमारी विदेश नीति संबंधी दो खबरों ने आज सहसा मेरा ध्यान खींचा। इन दोनों खबरों का संबंध पड़ोसी देशों से है। एक है श्रीलंका और दूसरा है नेपाल। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेन ने भारत पर ऐसा आरोप लगा दिया है, जो पिछले 70 साल में किसी भी देश ने नहीं लगाया। उन्होंने अपनी मंत्रिमंडलीय बैठक में कहा कि भारत की गुप्तचर संस्था रॉ उनकी हत्या करने की कोशिश कर रही है। इधर हमारे प्रधानमंत्री ने नेपाल की यात्रएं कई बार की हैं और भूकंप के समय उसकी अपूर्व सहायता भी की है लेकिन आश्चर्य है कि दो साल बीत गए, दिल्ली के नेपाली दूतावास में राजदूत ही नहीं है।

इसका अर्थ क्या हुआ? क्या यह नहीं कि पड़ोसी देशों के साथ हमारी सरकार के संबंधों में कहीं न कहीं कोई बड़ी गड़बड़ी है। भूटान के डोकलाम में भी भारत को कड़वा घूंट पीना पड़ा और मालदीव की यामीन सरकार का मुक्का भी हमेशा तना रहा। यह ठीक है कि पाकिस्तान समेत हमारे सभी पड़ोसी राष्ट्रों के साथ चीन पींगें बढ़ा रहा है और उन्हें रेशम महापथ की चकाचौंध में फंसा रहा है लेकिन यह भी सत्य है कि भारत भी चीन को साधने की पूरी कोशिश कर रहा है।

पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंधों में ज्यादा उतार-चढ़ाव आते रहे तो उनका परिणाम भारत की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं होगा। जहां तक श्रीलंका का प्रश्न है, उसके राष्ट्रपति श्रीसेन  चीन के पक्षधर हैं और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे भारत आ रहे हैं। इसी तरह नेपाल के प्रधानमंत्री के।पी। ओली ने भी प्रधानमंत्री का कुछ हफ्तों पहले भाव-भीना स्वागत किया था लेकिन वे चीन की तरफ झुकते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की योजना को रद्द करके बूढ़ी गंडक पनबिजली परियोजना चीन को सौंप दी है। चीन उस पर 2.5 बिलियन डॉलर खर्च करेगा।

Web Title: Ved Pratap Vaidik Blog: Government should care of neighboring nations

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