Blog: जज्बातों को बयां करने का दिन है वेलेंटाइन, बस दिल से स्वीकार कर लो इसे

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 7, 2018 08:12 PM2018-02-07T20:12:45+5:302018-02-07T20:14:09+5:30

फरवरी माह शुरू होते ही इश्क की खुमारी हर किसी में दिखने लगती है। कहते हैं ये महीना प्यार करने वालों के नाम होता है।

Valentine's Day: its love and heart touching day | Blog: जज्बातों को बयां करने का दिन है वेलेंटाइन, बस दिल से स्वीकार कर लो इसे

Blog: जज्बातों को बयां करने का दिन है वेलेंटाइन, बस दिल से स्वीकार कर लो इसे

फरवरी माह शुरू होते ही इश्क की खुमारी हर किसी में दिखने लगती है। कहते हैं ये महीना प्यार करने वालों के नाम होता है। प्यार है तो जिंदगी है, लेकिन ये प्यार का महीना केवल इश्क में डूबे लोगों के लिए ही हो ये जरुरी तो नहीं। दरअसल मुझे याद है जब मैं छोटी थी तो वेलेंटाइन वीक तो दूर इस खास दिन के बारे में सुना तक नहीं था। होली, दिवाली, ईद की तरीके से आज पूरे देश में मनाया जाना वाला इश्क का ये त्योहार  बच्चे से लेकर बड़े तक हर किसी को पता होता है। आज हर कोई इस खास दिन इस पूरे 7 से 14 तरीख के सप्ताह को मनाता है।

वहीं, आज वैलेंटाइन का  मतलब  प्यार के इजहार का दिन से है, अपने जज्बातों को शब्दों में बयां करने के लिए इस दिन का हर धड़कते हुए दिल को बेसब्री से इंतजार होता है।  प्यार भरा यह दिन खुशियों का प्रतीक माना जाता है और हर प्यार करने वाले शख्स के लिए अलग ही अहमियत रखता है। ये दिन ऐसे तो पश्चिमी देशों की सभ्याता है लेकिन आज ये त्यौहार का रूप लेकर हर शहर में मनाया जाने लगा है। 
 
कब हुआ शुरू

कहते हैं सबसे पहले 19वीं सदीं में अमेरिका ने इस दिन पर अधिकारिक तौर पर अवकाश घोषित कर दिया था।  इतना ही नहीं यू.एस ग्रीटिंग कार्ड के अनुमान के अनुसार पूरे विश्व में प्रति वर्ष करीब एक बिलियन वेलेंटाइन्स एक-दूसरे को कार्ड भेजते हैं, जो क्रिसमस के बाद दूसरे स्थान सबसे अधिक कार्ड के विक्रय वाला पर्व माना जाता है।  1969 में कैथोलिक चर्च ने कुल ग्यारह सेंट वेलेंटाइन के होने की पुष्टि की और 14 फरवरी को उनके सम्मान में पर्व मनाने की घोषणा की। इनमें सबसे महत्वपूर्ण वेलेंटाइन रोम के सेंट वेलेंटाइन माने जाते हैं। 1260 में संकलित की गई 'ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन' नामक पुस्तक में सेंट वेलेंटाइन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार रोम में तीसरी शताब्दी में सम्राट क्लॉडियस का शासन था। उसके अनुसार विवाह करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है। उसने आज्ञा जारी की कि उसका कोई सैनिक या अधिकारी विवाह नहीं करेगा। संत वेलेंटाइन ने इस क्रूर आदेश का विरोध किया। उन्हीं के आह्वान पर अनेक सैनिकों और अधिकारियों ने विवाह किए। आखिर क्लॉडियस ने 14 फरवरी सन् 269 को संत वेलेंटाइन को फांसी पर चढ़वा दिया। तब से उनकी स्मृति में प्रेम दिवस मनाया जाता है। 
 

प्यार को मिलते हैं खुशमुमा पल

वैसे जिस तरह से हम सब अपनी जीवन में बिजी हो रहे हैं उसे देखकर तो लगता है अच्छा है ये प्यार के नाम का 1 हफ्ता तय किया गया, कम से कम हर कोई अपने जीवन के बहुमूल्य पलों से कुछ खास लंबे अपने साथी को इसी बहाने से तो दे पाते हैं, जो चेहरे पर मुस्कान और दिल में सुकून दे पाता है। लेकिन ये भी सच है कि प्यार के लिए एक हफ्ता या दिन की जरूरत है, क्योंकि इसके लिए तो हर दिन, हर पल सब कम पड़ जाता है। खैर जो भी हो ये इश्क ही तो है तो हर किसी को आज तक बांधे रखे हुए है। ऐसे में अगर इसके लिए एक दिन तय कर दिया जाए तो बुराई ही क्या कम से कम कुछ खास दिन के यादगार पल तो पार्टनर के पास होंगे। मुझे लगता है कि हर किसी को बस इस दिन को प्यार से ही स्वीकार करना चाहिए और प्यार जीवन में बांटना चाहिए।

संगठनों की गहरी नजर

मुहाब्बत के दुश्मनों की भी कमी नहीं है, वेलेंटाइन डे पर किसी संगठनों के लोग इसी फिराक में रहते हैं कि मौका मिलें और इन जोड़ो को धर दबोचें। इन ठेकेदारों को कोई ये तो बताए कि प्यार में बंदिश जितनी लगाई जाएगी ये उतने ही पंख लगाकर उड़ेगा।  मुझे तो बस इतना ही लगता है कि प्यार इ्न दिनों को छोटे बड़े हर शहरों में एक ट्रेंड की तरह से मनाया जाने लगा है। लेकिन जिस तरह से हर साल कुछ संगठन इस प्यार के दिन में प्रेमी युगलों पर बरसते हैं बड़ा ठेस पहुंचाता है। हर लोकतांत्रिक देश में रहते हैं अगर दो बालिग लड़का लड़की एक साथ कही निजी समय बिता रहे हैं तो ये किस हक से रोकते हैं। कई बार तो पुलिस तक वेलेंटाइन पर कपल्स को परेशान करने से पीछे नहीं हटती है। समझ नहीं आता या तो इन लोगों को प्यार मिला नहीं होगा या इन्होंने किया नहीं होगा वरना ऐसी हरकत ये ना करें। 

खौर जिस तरह से इस दिन पर रोक लगाई जा रही है उससे एक बार साफ है कि जितना इस पर रोक लगाई जाएगी , ये उतनी ही पंख फैलाएगा। मुझे ऐसा भी लगता है वेलेंटाइन का जोश स्कूल कॉलेज के दिनों में ज्यादा है फिर जैसे जैसे हम बड़े होते हैं ये सब महज एक खास दिन पर पार्टनर को खुश करना की प्रतिक्रिया रह जाता है। जब हम युवावस्था में पैर रखना जा रहे होते हैं उस समय इस दिन का जोश ही अलग होता है, घरववालों से छुपकर पार्टनर के साथ समय बिताना तोहफा खरीदे का मजा शायद ज्यादा खास होता होगा। मुझे तो बस इतना लगता है प्यार को मनाने के लिए किसी दिन पहरे की जरुरत नहीं होती है। इसको जीने के लिए दो पल ही काफी होते हैं और इश्क को शायद दिखावे की भी जरुर नहीं होती। वेलेंटाइन डे में जरुरी तो नहीं किसी  साथी के साथ ही मनाया जाए, कोई भी खास जिससे आपको लगता है आज के दिन 2 मिनट शिकवे भूलकर बात कर ली जाए शायद यही सबसे बेस्ट वेलेंटाइन होगा।

Web Title: Valentine's Day: its love and heart touching day

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे