उन्नाव रेप और मर्डर केस: योगी राज में एक बेटी को बीजेपी विधायक से कौन बचाएगा?

By रंगनाथ | Published: April 10, 2018 05:33 PM2018-04-10T17:33:15+5:302018-04-10T17:58:05+5:30

भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर 17 साल की लड़की का बलात्कार करने का आरोप है। कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर पर पीड़िता के पिता की निर्मम पिटाई का आरोप है। बाद में पीड़िता के पिता की पुलिस हवालात में मौत हो गई।

Unnao Rape and Murder Case unmasked the reality of Yogi Adityanath Governance | उन्नाव रेप और मर्डर केस: योगी राज में एक बेटी को बीजेपी विधायक से कौन बचाएगा?

kuldeep singh sengar and alleged rape victim

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराध और अपराधियों को लेकर अक्सर बड़े-बड़े बोल बोलते रहे हैं। योगी खुलेआम कह चुके हैं कि अपराधियों से उन्हीं की भाषा में बात किया जाएगा। योगी विधान सभा में कह चुके हैं कि "देश तोड़ने वालों को तोड़ दिया जाएगा।" यूपी पुलिस ने योगी सरकार के पहले 10 महीने के आंकड़े जारी करते हुए बताया था कि इस दौरान 1100 मुठभेड़ों में 34 अपराधियों को मार गिराया गया, 265 घायल हो गये और 2744 हिस्ट्रीशीटर सलाखों के पीछे पहुँचा दिये गये। अगर सीएम योगी और उनकी पुलिस के दावों पर कोई यकीन कर ले तो उसे लगेगा कि उत्तर प्रदेश सचमुच ही राम राज्य की तरफ कदम बढ़ा चुका है। लेकिन जहा ठहरिए,कोई राय बनाने से पहले ये छोटी सी हक़ीक़त सुन लीजिए।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रहने वाली 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ जून 2017 में सामूहिक बलात्कार हुआ। लड़की का आरोप है कि यूपी के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ बलात्कार किया।मुख्यमंत्री योगी की बड़ी-बड़ी बातें और यूपी पुलिस की "जवाँमर्दी" पीड़िता के काम नहीं आई। लड़की के अनुसार वो शिकायत लेकर सीएम योगी से मिली थी। उन्होंने चार-पाँच दिनों में जाँच कराने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया। लेकिन ढाँक के तीन पात। आरोपी विधायक के खिलाफ पुलिस ने शिकायत नहीं दर्ज की। योगी राज में इंसाफ न मिलने पर लड़की इतनी हताश हो गयी कि उसे सीएम आवास के बाहर जाकर आत्मदाह की कोशिश की। लेकिन सीएम योगी और यूपी पुलिस का दिल इतने पर नहीं पसीजा। लड़की न्याय माँगने गई थी लेकिन उसे मिला क्या? दबंगों ने पुलिस में शिकायत करने के एवज में लड़की के पिता की बाँधकर निर्मम पिटाई कर दी। लड़की और उसके परिजनों का आरोप है कि विधायक के भाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़िता के पिता की पिटाई की थी। अब आप सोच रहे होंगे कि पीड़िता के पिता की निर्मम पिटाई से सीएम योगी और यूपी पुलिस का जमीर जागा होगा? लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर में बिजी यूपी पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए पीड़िता के घायल पिता को आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर लिया। हवालात में योगी राज के न्याय का पहिया ऐसा चला कि बेटी के सामूहिक बलात्कार से टूटे पिता की साँसों की डोर हवालात में टूट गयी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के पिता को 14 चोटें लगी थीं। पिटाई का आरोप विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर पर है। पीड़िता के अनुसार अभियुक्त जब उसके पिता की पिटाई कर रहे थे तो वहाँ पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। जब पीड़िता के बुरी तरह घायल पिता की हवालात में मौत की खबर आई तो कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित करके फर्ज अदायगी की गयी। जी हाँ, फर्ज अदायगी क्योंकि यूपी पुलिस की असलियत उस वक्त ही सामने आ गयी जब सूबे के पुलिस आईजी (लॉन एंड ऑर्डर) विधायक को "माननीय" कहकर इज्जत देते नजर आए। लेकिन आरोपी विधायक जी यूपी पुलिस जितने संस्कारी नहीं निकले। वो ऑन कैमरा पीड़िता और उसके परिजनों को "निम्न स्तर के लोग" कहते नजर आए।

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योगी आदित्यनाथ चाहे जो भी दावें करें इस पूरे मामले में यूपी पुलिस वैसी ही पेश आई है जैसी उसकी इमेज है। वही इमेज जो किसी शरीफ आदमी को शर्मसार कर देगी। यूपी पुलिस ने पहले यह कहकर अपना बचाव किया कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम नहीं लिया था। मीडिया में पीड़िता की लिखित शिकायत की फोटोकॉपी घूम रही है जिसमें उसने साफ तौर पर विधायक पर आरोप लगाया है। पीड़िता ने ऑन कैमरा बयान देकर विधायक पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया। जब पीड़िता के आत्मदाह की कोशिश, फिर उसके पिता की हवालात में मौत के बाद मामला मीडिया और सोशल मीडिया में जोर पकड़ने लगा तब यूपी पुलिस किरकिरी से बचने के लिए एक्टिव हुई। बीजेपी विधायक के भाई को गिरफ्तार किया और एफआईआर में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम शामिल किया।

तो क्या अब आपको लगने लगा है कि योगी राज में देर है अंधेर नहीं? ठहर जाइए। आज की ताजा ख़बर है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानन्द पर सात साल पुराने सामूहिक बलात्कार के केस को वापस लेने का निर्देश दिया है। कुलदीप सिंह सेंगर को योगी की कृपा के लिए शायद सात साल का इंतजार न करना पड़े! जिस तरह यूपी पुलिस अब तक इस पूरे मामले में पेश आई है उसे देखते हुए इस बात की उम्मीद बहुत कम है कि केंद्र समेत 21 राज्यों में सत्ताधारी बीजेपी के विधायक के सामने एक 17 साल की अनाथ लड़की टिक पाएगी।

Web Title: Unnao Rape and Murder Case unmasked the reality of Yogi Adityanath Governance

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