ब्लॉग: राज्यपालों और राज्य सरकारों के बीच बढ़ता टकराव चिंताजनक

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 20, 2024 11:07 AM2024-03-20T11:07:09+5:302024-03-20T11:08:50+5:30

विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों के बीच टकराव पहले भी होता था, लेकिन बीते कुछ सालों में यह काफी बढ़ गया है।

The increasing conflict between governors and state governments is worrying | ब्लॉग: राज्यपालों और राज्य सरकारों के बीच बढ़ता टकराव चिंताजनक

फोटो क्रेडिट- गूगल

तमिलनाडु में राज्यपाल आर.एन. रवि और राज्य सरकार के बीच घमासान का न थमना देश के लिए एक चिंता की बात है। भारतीय संविधान में भारत को ‘राज्यों के संघ’ के रूप में संबोधित किया गया है. हालांकि कई जानकारों का मानना है कि भारत एक अर्द्ध-संघीय देश है अर्थात् यह एक ऐसा संघीय राज्य है जिसमें एकात्मक सरकार की भी कुछ विशेषताएं मौजूद हैं।

दिक्कत यह है कि कई बार राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि की तरह काम करते प्रतीत होने लगते हैं, जिसके कारण केंद्र और संबंधित राज्य में सरकारें अगर अलग-अलग दल की हों तो टकराव की स्थिति बन जाती है जबकि 1988 में सरकारिया आयोग ने कहा था कि राज्यपाल को केंद्र और राज्य के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करना चाहिए, न कि केंद्र के एजेंट के रूप में आयोग ने यह भी कहा था कि राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श के बाद की जानी चाहिए।

यह कहने का मकसद यही था कि राज्यपाल राज्य सरकारों के साथ मिलकर राज्य के विकास कार्यों में सहायक बनें, न कि बाधक. तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी नवंबर, 2021 में राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों के 51वें सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्यपालों से राज्यों के ‘मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक’ की भूमिका निभाने का आह्वान किया था। लेकिन तथ्य यह है कि पिछले कुछ वर्षों से कई राज्यों में राज्यपालों और राज्य सरकारों के बीच टकराव बढ़ते जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। तमिलनाडु में नया मामला द्रमुक के वरिष्ठ नेता के. पोनमुडी को पुन: मंत्री नियुक्त करने से जुड़ा है।

राज्यपाल रवि ने पोनमुडी को राज्य मंत्रिमंडल में फिर शामिल करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। राज्य सरकार ने विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी नहीं देने से संबंधित मामले में अंतरिम याचिका भी दायर की है, जिसमें यह कहने के लिए संवैधानिक योजना का उल्लेख किया गया है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे होते हैं। विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों के बीच टकराव पहले भी होता था, लेकिन बीते कुछ सालों में यह काफी बढ़ गया है।

निश्चित रूप से दलगत राजनीति से परे हटकर सभी दलों को मिल-बैठ कर इस समस्या का हल निकालना होगा, ताकि देश में विविधता के बीच एकता कायम रहे और केंद्र व राज्य सरकारों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध बने रह सकें। 

Web Title: The increasing conflict between governors and state governments is worrying

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे