राज्यों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के विस्तार की दिशा में कदम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: June 23, 2025 07:30 IST2025-06-23T07:15:43+5:302025-06-23T07:30:00+5:30

जल्दी ही ये संयंत्र नीमच, देवास, सिवनी और शिवपुरी में लगेंगे

Steps towards expansion of nuclear power plants in the states | राज्यों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के विस्तार की दिशा में कदम

राज्यों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के विस्तार की दिशा में कदम

प्रमोद भार्गव

केंद्र सरकार अब देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने की दृष्टि से ज्यादातर राज्यों में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी. ये संयंत्र केवल उन राज्यों में नहीं लगाए जाएंगे, जो भूकंप प्रभावित राज्य हैं. ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि भविष्य में जब कार्बन उत्सर्जन नियंत्रित करने के लिए ताप बिजली संयंत्रों पर निर्भरता खत्म की जाए तो परमाणु ऊर्जा जैसे विश्वसनीय व पर्यावरण को न्यूनतम हानि पहुंचाने वाले ऊर्जा स्रोतों को विद्युत आपूर्ति के लिए प्रयोग में लाया जा सके.

सरकार ने इस साल के आम बजट में वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को मौजूदा 8000 मेगावाट से बढ़ाकर एक लाख मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए देश में अनेक छोटे-छोटे परमाणु ऊर्जा रिएक्टर आधारित संयंत्र लगाए जाने की तैयारी में केंद्र सरकार है.

ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा है कि ‘वर्ष 2037 के बाद ताप विद्युत बिजली उत्पादन संयंत्र नहीं लगाए जाएंगे.’ यह वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बड़ी पहल है. इस बदली स्थिति में जिन राज्यों में ताप बिजली संयंत्र बंद किए जाएंगे, वहां परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से बिजली का उत्पादन होगा. निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी इन संयंत्रों को लगाने का दायित्व सौंपा जाएगा.

जम्मू-कश्मीर, गुजरात का कुछ भू-भाग, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के कुछ क्षेत्रों में भूकंप की संभावना हमेशा ही बनी रहती है. इसलिए इन क्षेत्रों में ये संयंत्र नहीं लगाए जाएंगे.

भारत के अभी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में ही परमाणु ऊर्जा संयंत्र बिजली का उत्पादन कर रहे हैं. इनकी संयुक्त बिजली उत्पादन क्षमता 8000 मेगावाट से कुछ कम है. जबकि सरकार द्वारा 12000 मेगावाट क्षमता के बिजली उत्पादन की मंजूरी इन संयंत्रों को मिली हुई है.

हालांकि भारत सरकार के उपक्रम परमाणु ऊर्जा निगम ने मध्यप्रदेश में चार नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की मंजूरी हाल ही में दी है. जल्दी ही ये संयंत्र नीमच, देवास, सिवनी और शिवपुरी में लगेंगे. सब कुछ सही रहा तो जल्दी ही इन परियोजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा. इन संयंत्रों के शुरू हो जाने पर 1200 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली पैदा होगी. भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता पिछले 10 साल में करीब दोगुनी हो चुकी है.

2031 तक इसके तीन गुना होने की उम्मीद है. बिजली मंत्री ने यह भी बताया कि फिलहाल देश में बिजली उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता 4.72 लाख मेगावाट है, जिसमें 2.40 लाख मेगावाट कोयला आधारित ताप विद्युत है. वहीं 2.22 लाख मेगावाट उत्पादन क्षमता नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से है.

दिसंबर 2025 तक इस नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन 2.50 लाख मेगावाट हो जाने की उम्मीद है. इस लक्ष्य की पूर्ति हो जाने पर भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा, जिनमें ताप संयंत्रों से ज्यादा बिजली का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से होता है.

भारत की जिस तेजी से आबादी और अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, उसके प्रबंधन और सुचारु सुविधा के लिए शहरीकरण के साथ ऊर्जा की उपलब्धता आवश्यक है. इसी नजरिये से परमाणु ऊर्जा का उत्सर्जन बढ़ाने की दिशा में तेजी से प्रगति के उपाय हो रहे हैं.

Web Title: Steps towards expansion of nuclear power plants in the states

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