शोभना जैन का ब्लॉग: बांग्लादेश के साथ पेचीदा मुद्दे सुलझाने की कोशिश
By शोभना जैन | Updated: October 5, 2019 05:38 IST2019-10-05T05:38:29+5:302019-10-05T05:38:29+5:30
वैसे तो शेख हसीना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और आर्थिक एवं आपसी संपर्क को मजबूत करने के एजेंडे के साथ भारत यात्ना पर हैं लेकिन इस दौरे में एनआरसी, बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या के मानवीय हल का समाधान खोजने की दिशा में लगी साइलेंट डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाते हुए शिखर नेताओं के बीच अहम चर्चा होने की संभावना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (दाएं) के साथ बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्नी शेख हसीना की मौजूदा भारत यात्ना को जहां दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ती आपसी समझ-बूझ और दोस्ती के एक और बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ उभयपक्षीय रिश्तों के साथ-साथ कुछ संवेदनशील पेचीदा मुद्दे भी हैं, जिन्हें दोनों देश आपसी भरोसे से मिल कर हल करने का प्रयास कर रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच इस दौरान विचार- विमर्श से उभयपक्षीय संबंधों को गति मिलने के साथ ही दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर संबंधों में उपजे संशय को दूर करने, बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ जैसे मुद्दों पर आपसी चिंताओं और सरोकार को ले कर आपसी समझ-बूझ बढ़ सकेगी और ऐसे मुद्दों का सर्वमान्य मानवीय समाधान निकालने की दिशा में सकारात्मक प्रगति हो सकेगी. हालांकि पेंच वाले एक अन्य मुद्दे, तीस्ता जल विवाद जैसे चर्चित या यूं कहें विवादास्पद मुद्दे पर तो फिलहाल यही लगता है कि इस यात्ना में बात कुछ खास बनती नजर नहीं आती.
वैसे तो शेख हसीना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और आर्थिक एवं आपसी संपर्क को मजबूत करने के एजेंडे के साथ भारत यात्ना पर हैं लेकिन इस दौरे में एनआरसी, बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या के मानवीय हल का समाधान खोजने की दिशा में लगी साइलेंट डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाते हुए शिखर नेताओं के बीच अहम चर्चा होने की संभावना है. इस दौरे की खास बात यह है कि बांग्लादेश और भारत में संसदीय चुनाव होने के बाद शेख हसीना की यह पहली भारत यात्ना है. ऐसे दौर में जब कि दोनों देशों के बीच राजनैतिक, आर्थिक, सुरक्षा संबंधी मुद्दे, राजनयिक स्तर पर बेहतरीन दौर में हैं.
वैसे भी पीएम नरेंद्र मोदी के पहले शासनकाल के दौरान ही बांग्लादेश और भारत के बीच लंबित जमीन के मुद्दे को हल किया गया था जिसके तहत जमीन का आदान-प्रदान भी हुआ. अब इस दौरे पर खास निगाहें हैं. देखना होगा कि इन पेचीदा मुद्दों पर बात कैसे आगे बढ़ती है. दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती दूरियों को नजरदांज करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान ने शेख हसीना की भारत यात्ना के चंद घंटों पहले उन्हें फोन कर उनकी कुशल क्षेम पूछी. स्वाभाविक था कि इस खैरियत के समय को लेकर सवालिया निशान उठते. कश्मीर मुद्दे को लेकर खान जिस तरह से भारत विरोधी अभियान चला रहे हैं, इसी क्रम में वह दुनियाभर के मुस्लिम नेताओं से फोन पर बात कर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं. पाकिस्तान के इस कदम की ओर भारत को नजर रखनी होगी.