सारंग थत्ते का कॉलमः आतंकवाद को समेटना अब आसान रहेगा 

By सारंग थत्ते | Updated: August 7, 2019 14:17 IST2019-08-07T14:17:19+5:302019-08-07T14:17:19+5:30

पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को सीमा पार भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ती है, आतंकियों के शिविर पाकिस्तानी सेना की आंखों के नीचे चल रहे हैं. वहीं देश के भीतर विशेष रूप से कश्मीर के अलगाववाद की आग में घी का काम घाटी के नेता करते आए हैं. अब यह सब थमेगा.

Sarang Thatte's column: It will now be easy to contain terrorism | सारंग थत्ते का कॉलमः आतंकवाद को समेटना अब आसान रहेगा 

सारंग थत्ते का कॉलमः आतंकवाद को समेटना अब आसान रहेगा 

पूरे देश में धारा 370 की बयार ने मानसून के कहर को भी भुला दिया है. एक सुनामी की तरह मोदी-शाह-डोभाल की सोच और कार्यकुशलता से भारत का इतिहास बदलकर भूगोल भी तब्दील हो गया है. कश्मीरी पंडितों को जीने की राह नजर आ रही है. आतंकवाद की जड़ें कश्मीर में पिछले तीन दशक से फैलती जा रही हैं. खाद-पानी देने के लिए एक तरफ पाकिस्तान के हुक्मरान हथियार और पैसे मुहैया कराने के लिए दिन-रात तत्पर हैं. पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को सीमा पार भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ती है, आतंकियों के शिविर पाकिस्तानी सेना की आंखों के नीचे चल रहे हैं. वहीं देश के भीतर विशेष रूप से कश्मीर के अलगाववाद की आग में घी का काम घाटी के नेता करते आए हैं. अब यह सब थमेगा.

अब खुलकर यह कहा जा रहा है कि करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे ये अलगाववादियों के हमसफर वर्षो से मदद देते आए हैं. लेकिन अब इन आकाओं को छुपने की जगह नहीं नसीब होगी. देश की मुख्य धारा से जुड़ने के साथ ही देश का कानून अब इन्हें अपनी गिरफ्त में जरूर लेगा. आतंकियों का दाना पानी बंद जरूर होगा. यही वजह है कि पाकिस्तान ने अपने बयान में संयुक्त राष्ट्र तक इस धारा 370 को हटाने के लिए भारत सरकार के निर्णय के विरोध में अपनी बात रखी है. कश्मीर का मसला पाकिस्तान की हुकूमत एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाह रही है, जबकि भारत का यह शुरू से कहना है कि यह दो देशों का आपसी मामला है. 

पाकिस्तान से भारत की सीमा में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को यहां पनाह देने वालों को भी आतंक के मददगार के रूप में धर दबोचा जाएगा. अभी तक कश्मीरी लोग आतंक के सिपहसालारों से घबराते थे, लेकिन अब इस मुल्क ने उन्हें आजादी दी है. बेखौफ होकर अब आम बाशिंदे पुलिस का साथ दे सकेंगे. प्रदेश की हुकूमत अब बदल दी गई है अब केंद्र का शासन रहेगा भारत के उत्तरी छोर पर. आतंकियों के मददगारों ने बच्चों के स्कूल बैग में किताबों की जगह पैसे के बल पर पत्थर भरवाए थे. 

सेना की आतंक विरोधी कार्रवाई में अवरोध उत्पन्न करने के इरादे से आम नागरिकों की फौज सिर्फ पैसे की खातिर ढाल बनकर आतंकियों को भागने में मदद करती रही थी. इसमें कुछ हद तक बेकसूर लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन अब जब धारा 370 हट गई है तब देश के बाकी हिस्सों से नई सौगात के रूप में नए उपक्रम कश्मीर में लगाए जाएंगे, कश्मीर के युवकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. नई नौकरियों से प्रदेश का भला होगा. गरीबी दूर होगी और युवा वर्ग आतंकी बनने के बजाय देश की मुख्यधारा में आने के लिए प्रयत्नशील होगा. सेना को उम्मीद है कि राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को कश्मीर के बाशिंदे बेहतर समङोंगे. देश के भीतर और बाहरी आक्र मण से बेहतर ढंग से निपटने में आसानी होगी.

Web Title: Sarang Thatte's column: It will now be easy to contain terrorism

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