BLOG: भारत में तेजी सी बदलती राजनीति

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 13, 2018 03:45 AM2018-09-13T03:45:11+5:302018-09-13T03:45:11+5:30

पिछले दिनों भारत की राजनीति ने तेजी से करवट बदली। पहले एससी/एसटी एक्ट के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शनों का दौर चला। बाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक हुई

Rapid politics in India | BLOG: भारत में तेजी सी बदलती राजनीति

BLOG: भारत में तेजी सी बदलती राजनीति

(गौरीशंकर राजहंस-पूर्व सांसद एवं पूर्व राजदूत)

पिछले दिनों भारत की राजनीति ने तेजी से करवट बदली। पहले एससी/एसटी एक्ट के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शनों का दौर चला। बाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें पार्टी ने संकल्प लिया कि वह जी जान से प्रयास करके 2019 में पहले से अधिक सीटें जीतेगी और नरेंद्र मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। 

इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष कोई जवाबदेही लेने को तैयार नहीं है। उनके पास कोई मुद्दा भी नहीं है। विपक्ष मुद्दों पर बहस करे तो हम तैयार हैं। उनके हर तर्क का हम जवाब देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता तय करेगी कि किसने अच्छा और देशहित में काम किया।   कार्यकारिणी में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश करते हुए विश्वास दिलाया कि 2022 तक ‘न्यू इंडिया’ का सपना पूरा होकर ही रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसे भारत का निर्माण कर रहे हैं जहां गरीबी, जातपांत, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता नहीं हो।

उधर विपक्ष के नेताओं ने गत 10 सितंबर को भारत बंद का आह्वान कर डाला। उनका मुद्दा था कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं और डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य तेजी से गिर रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि उनकी बातों में कुछ सच्चाई भी है। पेट्रोल और डीजल प्रतिदिन महंगा हो रहा है जिस कारण महंगाई तेजी से बढ़ रही है। इसका असर आम आदमी के जीवन पर पड़ रहा है। आम जनता परेशान है। परंतु इसमें सरकार का उतना दोष नहीं है जितना विपक्ष बखान कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल का भाव तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में भारत सरकार भला क्या करे? हां ‘एक्साइज’ में छूट देकर जनता को राहत दी जा सकती है। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा है कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही अच्छी खबर आएगी। 

 आज भारत की उभरती हुई मजबूत अर्थव्यवस्था की सारे संसार में चर्चा हो रही है। अनजाने में ही हम कुछ ऐसा नहीं कर बैठें कि सारी उपलब्धियों पर पानी फिर जाए। विपक्ष को शांत मन से देश की समृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक बात तो माननी ही होगी कि आज की तारीख में जनता पूरी तह जागरूक है। वह झूठी अफवाहों पर न विश्वास करेगी और न ही ध्यान देगी। जनता भी समझ गई है कि उसके लिए देशहित सर्वापरि है। आईए, हम सुखी और संपन्न उभरते हुए भारत का स्वागत करें

Web Title: Rapid politics in India

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे