रमेश ठाकुर का ब्लॉग: रिकार्ड तोड़ती ठंड के मायने

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 30, 2019 05:34 IST2019-12-30T05:34:24+5:302019-12-30T05:34:24+5:30

दरअसल, पृथ्वी की जलवायु के निरंतर गर्म होते जाने के संभावित दुष्परिणामों की तस्वीर अब दिखने लगी है. कुछ उदाहरण हमारे समक्ष हैं. जो यदा-कदा देखने और सुनने में आते हैं. 

Ramesh Thakur's blog: Record breaking cold means | रमेश ठाकुर का ब्लॉग: रिकार्ड तोड़ती ठंड के मायने

रमेश ठाकुर का ब्लॉग: रिकार्ड तोड़ती ठंड के मायने

Highlightsहाड़ कंपाती सर्दी को फिलहाल मौसम विभाग ने बदलते पर्यावरण से जोड़ा है. पर्यावरणविद् भी इसकी तस्दीक करते हैं.मौसम विभाग ने चेता दिया है कि मौसम का यह मिजाज अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा.

बीते कुछ दिनों से समूचा देश भीषण ठंड से ठिठुर रहा है. ऐसा कई सालों बाद हुआ है जब मैदानी इलाकों में इस कदर ठंड पड़ रही हो. मौसम विभाग द्वारा 27 दिसंबर यानी शनिवार को देश के कई हिस्सों को इस सीजन का सबसे सर्द दर्ज किया गया, जिसमें दिल्ली और साउथ के इलाके प्रमुख रहे. राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में तो पारा जीरो तक पहुंच गया. ऐसा 120 साल बाद हुआ, जब लोधी रोड जैसे सामान्य क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया हो. अहमदाबाद, पटना, लखनऊ में भी कमोबेश ऐसा ही हाल बना हुआ है.

हाड़ कंपाती सर्दी को फिलहाल मौसम विभाग ने बदलते पर्यावरण से जोड़ा है. पर्यावरणविद् भी इसकी तस्दीक करते हैं. दरअसल, पृथ्वी की जलवायु के निरंतर गर्म होते जाने के संभावित दुष्परिणामों की तस्वीर अब दिखने लगी है. कुछ उदाहरण हमारे समक्ष हैं. जो यदा-कदा देखने और सुनने में आते हैं. 

जैसे, धरती में दरारों का पड़ना, नमी वाले क्षेत्रों में अचानक सूखा पड़ना, जंगलों का सूखना, वन्य प्राणियों का गायब होना और ग्रीनलैंड व अंटार्कटिका की बर्फ का पिघलना, सागर की सतह का अचानक ऊपर उठ जाना ऐसे बदलाव हैं जो आने वाले दिनों में मानव जीवन के लिए खतरों का संकेत हैं. ठंड को लेकर पूरे देश में जो स्थिति बनी हुई है उससे फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं हैं.  

मौसम विभाग ने चेता दिया है कि मौसम का यह मिजाज अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा. मौसम के सर्द होने के पीछे एक कारण पहाड़ों पर होती लगातार बर्फबारी भी है. बर्फबारी और शीतलहर के चलने के कारण ही मैदानी इलाके ठंड की चपेट में आए हैं. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से बर्फबारी हो रही है. वहां ठिठुरन सबसे ज्यादा बढ़ी हुई है. कश्मीर की बात करें तो वहां पर्यटक जाने से कतराने लगे हैं. 

जबकि, कश्मीर में सर्दी के सीजन में सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन इस बार हालात पहले से जुदा हैं. वहां की मनमोहक झीलें बर्फ बनी हुई हैं. झीलों का पानी जम गया है, जिससे नौकाओं का चलना भी बंद है.

Web Title: Ramesh Thakur's blog: Record breaking cold means

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