president droupadi murmu: जरा सोचिए कि राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर धंस गया!
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 24, 2025 05:30 IST2025-10-24T05:30:55+5:302025-10-24T05:30:55+5:30
सवाल यह उठता है कि जब हेलिकॉप्टर उतरने वाला था, तब क्या इस बात की जांच नहीं की गई कि हेलीपैड का कांक्रीट सूखा है या नहीं? यदि जांच की गई तो सवाल उठता है कि किसने कहा कि कांक्रीट जम चुका है?

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यह कितनी बड़ी विडंबना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जिस हेलीकॉप्टर में सवार थीं, उतरते समय उस हेलिकॉप्टर के पहिये प्रामदम स्थित राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम के नवनिर्मित हेलिपैड में धंस गए! इसे सामान्य घटना के रूप में कतई नहीं देखा जा सकता. इस हेलिकॉप्टर में कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बैठा था. उसमें हमारी राष्ट्रपति थीं.
📍Kerala | #Watch: A portion of the helipad tarmac sank in after a chopper carrying President Droupdi Murmu landed at Pramadam Stadium. Police and fire department personnel deployed at the spot physically pushed the helicopter out of the sunken spot.
— NDTV (@ndtv) October 22, 2025
📹: ANI/X pic.twitter.com/5zpXTGDHuv
जब इस बड़े स्तर पर सुरक्षा में चूक हो सकती है तो सामान्य आदमी की हैसियत क्या है, यह आसानी से समझा जा सकता है. राष्ट्रपति सबरीमाला जा रही थीं. पहले उनके हेलीकॉप्टर को पंबा के नजदीक निलक्कल में उतरना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण उनके हेलीकॉप्टर को प्रामदम में उतारने का निर्णय लिया गया.
आनन-फानन में वहां हेलीपैड के लिए कांक्रीटिंग की गई लेकिन वह रात भर में सूख नहीं पाया. इसलिए हेलिकॉप्टर के पहिये धंस गए. सवाल यह उठता है कि जब हेलिकॉप्टर उतरने वाला था, तब क्या इस बात की जांच नहीं की गई कि हेलीपैड का कांक्रीट सूखा है या नहीं? यदि जांच की गई तो सवाल उठता है कि किसने कहा कि कांक्रीट जम चुका है?
क्या उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है? यदि जांच नहीं की गई और हेलिकॉप्टर को उतरने की अनुमति दे दी गई तो यह और भी गंभीर मामला है. न केवल भारत बल्कि दुनिया के हर देश में खासकर राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री और अन्य प्रमुख लोगों की सुरक्षा के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल है.
वे जहां भी जाते हैं, उस स्थल की जांच होती है. इसके बावजूद यदि राष्ट्रपति की सुरक्षा में इस तरह की चूक होती है तो यह अत्यंत गंभीर मामला है. अधिकारियों को इस बात का खयाल रखना चाहिए था कि नम मौसम में कांक्रीट को जमने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है और हेलिकॉप्टर जब लैंड करता है तो कांक्रीट शायद उसका वजन न झेल पाए!
यह सामान्य समझ तो उनमें होनी ही चाहिए थी. प्राथमिक दृष्टि से यही प्रतीत होता है कि अधिकारियों ने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि कांक्रीट जम नहीं पाया है. यह अक्षम्य भूल है. इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए ताकि फिर ऐसी गलती करने की हिमाकत कोई न कर पाए!