प्रमोद भार्गव का ब्लॉगः हवा के बाद दिल्ली का पानी हुआ दूषित
By प्रमोद भार्गव | Published: November 20, 2019 02:19 PM2019-11-20T14:19:57+5:302019-11-20T14:19:57+5:30
केंद्र सरकार ने देशभर के 21 शहरों के पानी के नमूने लिए. जांच के बाद खाद्य एवं वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने जानकारी दी कि दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा दूषित पाया गया है.
दिल्ली की जहरीली हवा के बाद अब भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने दिल्ली का पानी दूषित होने की जानकारी दी है। दरअसल, केंद्र सरकार ने देशभर के 21 शहरों के पानी के नमूने लिए. जांच के बाद खाद्य एवं वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने जानकारी दी कि दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा दूषित पाया गया है. पानी की गुणवत्ता परखने के लिए 21 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है. इनमें मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची व रायपुर का पानी तो पेयजल की दृष्टि से उत्तम है, लेकिन अमरावती, शिमला, चंडीगढ़, त्रिवेंद्रम, पटना, भोपाल, गुवाहटी, बेंगलुरू, गांधीनगर, लखनऊ, जम्मू, जयपुर, देहरादून, चेन्नई, कोलकाता व दिल्ली का स्थान है.
केंद्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का भू-जल स्तर प्रत्येक वर्ष 0.5 मीटर से लेकर 2 मीटर से भी ज्यादा की दर से कम हो रहा है. नतीजतन दिल्ली का करीब 90 प्रतिशत क्षेत्र भयावह जलसंकट के मुहाने पर आ खड़ा हुआ है. यदि जल-संग्रह के सार्थक उपाय नहीं किए गए तो तीस साल बाद यहां का भू-जल पीने के लायक ही नहीं रह जाएगा. यमुना नदी के पानी की जो ताजा रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार नदी जल में अमोनिया की मात्रा इस हद तक बढ़ गई है कि उसे छूना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इस पानी में अमोनिया की मात्रा खतरे के स्तर को पार कर चुकी है. इस कारण फरवरी 2016 को दिल्ली के वजीराबाद और चंदावल जल शोधन संयंत्रों को दो दिनों के लिए बंद भी कर दिया गया था.
अभी भी इस नदी के नीचे जल संचय करने की अद्भुत क्षमता है. बस, दिल्ली में यमुना और इसके दो से पांच किमी चौड़े तटों पर होने वाले जल-भराव से विभिन्न भू-जल भंडारों के पुनर्भरण के महत्व को ध्यान में रखने की जरूरत है. दरअसल, दिल्ली दो हिस्सों में विभाजित है. एक राष्ट्रपति भवन, रायसीना पहाड़ियां और अरावली के मुहाने वाला क्षेत्र है, जिसकी प्राचीन पहचान खांडवप्रस्थ के रूप में है. दूसरा हिस्सा इंद्रप्रस्थ है, जिससे यमुना में जल का पुनर्भरण होता है.
यही वे क्षेत्र हैं, जहां सीमेंट-कांक्रीट के जंगल खड़े कर दिए गए हैं. इस विस्तार की आपाधापी में कुएं, तालाब, बावड़ियां और झीलें खत्म हो गए. दिल्ली चिड़ियाघर परिसर में जिस झील में नावें चला करती थीं, वह भी अब सूखी रहती हैं.
पौराणिक कथाएं कहती हैं कि सूर्य की पुत्री यमुना ने अपने भाई यम को अमरत्व देने के लिए यमुना-जल से तिलक किया था, लेकिन आज यमुना यमपुरी में बदलने को अभिशप्त हो रही है. यह पुराण-कथा मिथक भले ही हो, लेकिन असत्य नहीं है, क्योंकि कुछ साल पहले तक दिल्ली में सर्वाधिक वर्षा होती थी. वैसे भी नदियों की प्रदूषित व बदहाल तस्वीर हमारी आंखों के सामने है.