प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: हेल्थ इमरजेंसी ही हमें बचाएगी कोरोना से

By Prakash Biyani | Updated: April 11, 2020 13:47 IST2020-04-11T13:46:45+5:302020-04-11T13:47:03+5:30

दुनिया की 87 फीसदी आबादी कोरोना से प्रभावित हो चुकी है. दुनिया के जिन 90 देशों में लॉकडाउन है वहां कोरोना से बचाव के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं.

Prakash Biyani's blog: Only Health Emergency will save us from Corona | प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: हेल्थ इमरजेंसी ही हमें बचाएगी कोरोना से

प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: हेल्थ इमरजेंसी ही हमें बचाएगी कोरोना से

कोरोना के खतरे को समझने में जिन देशों ने देर की है वहां मरनेवालों का अंतिम संस्कार लावारिस की तरह हो रहा है. दुनिया के सुपर पॉवर अमेरिका ने भी कोरोना के आगे घुटने टेक दिए हैं. वहां कब्रिस्तानों में जगह नहीं बची है. अमेरिकन राष्ट्रपति ने मान लिया है कि करीब 2.50 लाख अमेरिकन्स की जिंदगी खतरे में है. इटली में सबसे ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण से मरे हैं. वहां सूटेड-बूटेड लोग सड़कों पर घुटने के बल बैठकर रुदन करते हुए सामूहिक प्रार्थना कर रहे हैं.

दुनिया की 87 फीसदी आबादी कोरोना से प्रभावित हो चुकी है. दुनिया के जिन 90 देशों में लॉकडाउन है वहां कोरोना से बचाव के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं. उनके उल्लंघन पर भारी जुर्माने और दंड का प्रावधान है. इस मामले में हमारी सरकार उदार है और हम अहसान फरामोश. हम जीवनरक्षक चिकित्साकर्मियों पर थूकते हैं. लॉकडाउन का उल्लंघन करने से रोकनेवाले पुलिसकर्मियों पर पथराव करते हैं.  

स्थानीय प्रशासन अपील कर रहा है कि संक्रमित लोग आइसोलेशन सेंटर चलें पर हमने अपने घरों में कोरोना बम (संक्रमित लोग) छुपा रखे हैं. हमें डर नहीं लगता कि वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को भी मारेंगे. 21 दिन के लॉकडाउन के पहले सप्ताह में कोरोना संक्र मित लोगों की संख्या देखकर लगा था कि यह वैश्विक महामारी हमारे देश को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी. हम व्यापक संक्र मण की चेन तोड़ने लगे थे कि कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे हालात में 14 अप्रैल को लॉकडाउन खोलना या नहीं इस पर चिंतन-मनन करते हुए अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्नी ने प्रधानमंत्नी से कहा है कि अभी नहीं.

सच यह है कि केवल लॉकडाउन हमें अन्य देशों जैसी दुर्दशा से नहीं बचाएगा. इसके लिए सरकार को अविलंब ‘हेल्थ इमरजेंसी’ लागू करनी होगी. सारे धार्मिक स्थलों को कम से कम तीन माह तक सील करना पड़ेगा. राजनीतिक, सामाजिक समारोहों पर बंदिश लगाना होगा ताकि किसी एक जगह किसी भी बहाने से भीड़ न जुटे. निजी वाहन पर बंदिश हो और केवल गुड्स परिवहन के लिए ट्रक चलें. 

हाटस्पॉट शहरों को संक्रमणमुक्त होने तक सील कर दिया जाए और वहां बिना रुके चुनिंदा रूट्स पर रेल यात्ना शुरू की जाए. किसी भी विदेशी नागरिक को बिना क्लियरेंस भारत में प्रवेश न मिले. संक्षेप में कहें तो आम लोगों खासकर सीनियर सिटिजन्स और बच्चों को घर से निकलने से नहीं रोका गया तो हमारे देश में भी कोई मौत का तांडव नहीं रोक पाएगा.

नि:संदेह हेल्थ इमरजेंसी की ऐसी सख्त आचार संहिता से देश में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ जाएंगी. पर मित्नों, जिंदा रहे तो ही तो व्यापार कर पाएंगे! आज तो हम ही नहीं सारी दुनिया विश्वयुद्ध से ज्यादा खतरनाक युद्ध लड़ रही है. युद्ध में आमने सामने मुकाबला होता है पर कोराना तो ऐसा शत्नु है जो अपनों को ही अपनों से दूर कर देता है.
 

Web Title: Prakash Biyani's blog: Only Health Emergency will save us from Corona

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