ब्लॉग: एक साथ चुनाव और चुनाव सुधार का राजनीतिक समर्थन
By शशिधर खान | Published: November 24, 2023 11:50 AM2023-11-24T11:50:31+5:302023-11-24T11:53:33+5:30
एक साथ चुनाव की संभावनाओं पर विचार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय कमेटी गठन के समय से ही विवाद के घेरे में है। अभी वैसे समय में रामनाथ कोविंद ने सफाई देकर राजनीतिक दलों को आश्वस्त करने का प्रयास किया है, जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों हो रहे हैं।
एक साथ चुनाव की संभावनाओं पर विचार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय कमेटी गठन के समय से ही विवाद के घेरे में है। अभी वैसे समय में रामनाथ कोविंद ने सफाई देकर राजनीतिक दलों को आश्वस्त करने का प्रयास किया है, जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों हो रहे हैं।
कोविंद के स्पष्टीकरण पर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘यह भाजपा का पार्टी एजेंडा है।’ चौधरी ने उच्चस्तरीय कमेटी के गठन पर 2 सितंबर को ही इसका सदस्य बनने से यह कहकर इनकार कर दिया कि सूचना उन्हें मीडिया से मिली।
केंद्र की भाजपा गठजोड़ सरकार ने जब यह कमेटी गठित की, उस समय चर्चा गरम थी कि चुनाव आयोग छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और मिजोरम विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा कभी-भी कर सकता है। सभी दलों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी, लेकिन किसी भी पार्टी ने केंद्र सरकार के एक साथ चुनाव पर विचार करने के प्रस्ताव का स्वागत नहीं किया।
उल्टे लोकसभा चुनाव करीब होने के समय ऐसी कमेटी गठित करने के औचित्य पर सवाल उठाए। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का विरोध तो अधिसूचना जारी होने के समय ही उजागर हो गया। अधिसूचना के अनुसार रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित 8-स्तरीय कमेटी के सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में पूर्व विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व वित्त आयोग अध्यक्ष एन. के. सिंह, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे, पूर्व लोकसभा सेक्रेटरी जनरल सुभाष सी. कश्यप, पूर्व सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल किए गए।
कानूनी मामलों के सचिव नितेन चंद्रा सचिव बनाए गए और यह व्यवस्था की गई कि कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल उच्चस्तरीय कमेटी की बैठकों में मौजूद रहेंगे। केंद्र सरकार ने विधि आयोग की 170वीं रिपोर्ट का हवाला अधिसूचना में दिया कि, ‘हर साल चुनाव का चक्र बंद किया जाना चाहिए। अभी इस हफ्ते 20 नवंबर को रामनाथ कोविंद ने इस चर्चा को दुहराया, जब राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। कोविंद ने रायबरेली में संवाददाताओं से बातचीत इसी बात से शुरू की कि एक साथ चुनाव दलगत भावना से परे देश के और जनता तथा केंद्र के हित में है।
उन्होंने कहा, ‘हम सबसे आग्रह कर रहे हैं कि आप हमें अपना सकारात्मक सहयोग इसमें दीजिए। इससे जो भी दल केंद्र में सत्ता में होगा, उसको फायदा होगा-वो चाहे भाजपा हो, कांग्रेस हो या दूसरे राजनीतिक दल हों।