लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: नीतीश के पालाबदल के राजनीतिक निहितार्थ

By राजकुमार सिंह | Updated: January 30, 2024 10:31 IST

इस घटनाक्रम की चर्चा इसलिए क्योंकि नीतीश ने अपने ताजा पालाबदल के लिए कांग्रेस के चलते ‘इंडिया’ की निष्क्रियता तथा राजद की शासकीय और राजनीतिक प्राथमिकताओं को जिम्मेदार ठहराया है, पर ये दोनों ही अलग-अलग हैं।

Open in App

याद नहीं पड़ता कि जिस मुख्यमंत्री ने दोपहर को त्यागपत्र दिया हो, उसी ने शाम को फिर शपथ ले ली हो. यह कीर्तिमान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को बनाया। 17 महीनों से नीतीश राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री थे। रविवार को त्यागपत्र देकर फिर उसी एनडीए की सरकार के मुख्यमंत्री बन गए, जिसे छोड़ कर महागठबंधन में आए थे। तब एनडीए की अगुवा भाजपा के बारे में तल्ख टिप्पणियां की थीं।

कभी वापस न जाने का संकल्प भी जताया था। वैसा ही कुछ अब महागठबंधन के मित्र दलों- राजद और कांग्रेस के बारे में कहा है। भारतीय राजनीति में दलबदल और पालाबदल अब अप्रत्याशित घटनाएं नहीं रह गई हैं। फिर जेपी आंदोलन से निकले समाजवादी पृष्ठभूमिवाले नीतीश तो इसकी मिसाल बन चुके हैं। एक दशक में चार बार और चार साल में दो बार पालाबदल कर वह कुल नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। कभी नीतीश को सांप्रदायिक राजनीति देश-समाज के लिए बड़ा खतरा नजर आती है तो कभी परिवारवाद व भ्रष्टाचार सबसे बड़ी चुनौती दिखते हैं।

इस अतीत के बावजूद नीतीश के ताजा पालाबदल ने ज्यादा चौंकाया तो इसलिए कि उन्होंने दोबारा भाजपा के साथ जाने से मरना बेहतर बताया था और 10 साल पुरानी नरेंद्र मोदी सरकार को केंद्रीय सत्ता से बेदखल करने के वादे-इरादे से 28 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के गठन में सूत्रधार की भूमिका भी निभाई थी।

बेशक सात महीने बीत जाने के बावजूद उन्हें ‘इंडिया’ का पीएम फेस या संयोजक नहीं बनाया गया, लेकिन अग्रणी नेता स्वाभाविक ही थे। यह भी तथ्य है कि ममता बनर्जी, के. चंद्रशेखर राव, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल की भाजपा-कांग्रेस से समान दूरी के आधार पर तीसरा मोर्चा बनाने की पैरवी के बीच नीतीश ने ही स्टैंड लिया था कि भाजपा को हराना है तो कांग्रेस को साथ लेकर सिर्फ एक ही मोर्चा बनाना पड़ेगा। उन्हें इस मुहिम में सफलता भी मिली, जब 28 विपक्षी दल ‘इंडिया’ बैनर तले साथ आ गए, पर उसके बाद गठबंधन अपेक्षित गति नहीं पकड़ पाया। पिछले साल नवंबर में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तो ‘इंडिया’ के घटक दलों में आपसी टकराव भी दिखा।

दोनों ही स्थितियों के लिए ज्यादातर ने कांग्रेस को जिम्मेदार माना। हिंदी पट्टी के तीनों बड़े राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की करारी हार के बाद ‘इंडिया’ की बैठक तो हुई, लेकिन फैसले नहीं हो पाए। मुंबई बैठक में बनी समितियां भी कागजों से जमीन पर नहीं उतर पाईं। नीतीश समेत कई लोगों ने कांग्रेस से सीट बंटवारे में तेजी लाने को कहा, पर कोई परिणाम नहीं निकला और इसी बीच राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकल गए।

इस घटनाक्रम की चर्चा इसलिए क्योंकि नीतीश ने अपने ताजा पालाबदल के लिए कांग्रेस के चलते ‘इंडिया’ की निष्क्रियता तथा राजद की शासकीय और राजनीतिक प्राथमिकताओं को जिम्मेदार ठहराया है, पर ये दोनों ही अलग-अलग हैं। अगर कांग्रेस के चलते ‘इंडिया’ अपेक्षित रूप से सक्रिय नहीं हो पा रहा था तो गठन के सूत्रधार रहे नीतीश अन्य घटक दलों के साथ मिल कर दबाव बना सकते थे या कांग्रेस के बिना भी उसे सक्रिय किया जा सकता था। पर वे जिस भाजपा को केंद्रीय सत्ता से बेदखल करने का संकल्प जता रहे थे, उसी के साथ चले गए!

टॅग्स :नीतीश कुमारबिहारBihar BJPआरजेडीजेडीयू
Open in App

संबंधित खबरें

भारतनीतीश सरकार के 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना पर पड़ा बुरा असर

भारतबिहार हिजाब विवादः 20 दिसंबर को डॉ नुसरत प्रवीण ज्वाइन करेंगी सरकारी नौकरी, सीएम नीतीश कुमार के समर्थन में उतरे NDA नेता, देखिए किसने क्या कहा

कारोबारविधानसभा चुनाव में महिला को 10000 रुपये?,  मुफ़्त बिजली, महिलाओं को 2-2 लाख की मदद और लोकलुभावन वादों ने नीतीश सरकार की तोड़ी कमर?

भारतभाजपा कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नबीन पहली बार 23 दिसंबर को पटना पहुंचेंगे, भव्य रोड शो में शामिल हो सकते अमित शाह

भारतBihar: घने कोहरे और शीतलहर का असर, बिहार में स्कूलों का समय बदला; जानें नई टाइमिंग

भारत अधिक खबरें

भारतहरियाणा सरकार पर जनता का नॉन-स्टॉप भरोसा, मुख्यमंत्री

भारतमध्य प्रदेश: '2047 तक प्रदेश की इकोनॉमी 2.5 ट्रिलियन डॉलर होगी', मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा के विशेष सत्र को किया संबोधित

भारतBMC छोड़ सभी निकायों में सीट बंटवारा पूरा?, राज और उद्धव ठाकरे में गठजोड़, ऐलान 20-25 दिसंबर के बीच

भारतNagpur Solar Plant: पानी की टंकी गिरने से 6 लोगों की मौत

भारतपीएम मोदी भारत में X की नई 'सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली' रैंकिंग में सबसे आगे