मुकुल रोहतगी का ब्लॉग: मोदी : वन मैन आर्मी की तरह किया काम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 24, 2019 01:04 PM2019-05-24T13:04:03+5:302019-05-24T13:04:03+5:30
एक और महत्वपूर्ण बात जो देखने में आई है, वह यह है कि लोगों ने विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में अलग-अलग तरह से वोट दिया है. हालिया उदाहरण ओडिशा का है, जहां विधानसभा चुनावों में तो पटनायक को भारी वोट मिले, लेकिन आम चुनावों में उनके प्रति लोगों का वैसा उत्साह देखने को नहीं मिला
इस चुनाव में जो कुछ हुआ, मुझे ऐसा लगता है कि वह एक आदमी और उसके खिलाफ समूचे विपक्ष की लड़ाई रही है. मुझे लगता है कि एनडीए के पक्ष में पड़ने वाले सारे वोट असल में मोदी के नाम पर पड़े हैं और लोगों ने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है कि उस पार्टी से कौन सा उम्मीदवार इस चुनाव में उनके सामने था. पूरे देश ने जिस तरह से मोदी के प्रति अपना समर्थन दिखाया है, उससे साबित हुआ है कि लोगों ने विकास के लिए वोट दिया है और मानते हैं कि मोदी देश को मजबूत बनाएंगे तथा भारत को दुनिया में उसका सही स्थान मिलेगा. जनता ने आतंक और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट दिया है.
लोगों ने मोदी के जीएसटी जैसे एकीकृत टैक्स और नोटबंदी जैसे कदमों के पक्ष में वोट दिया है. इन दोनों कदमों के खिलाफ विपक्ष का अभियान पूरी तरह से विफल साबित हुआ है. युवाओं ने मोदी को एक गतिशील नेता के रूप में देखा है, जो उनकी आकांक्षाओं को साकार करेंगे. लोगों ने उनकी स्वच्छ भारत और गरीबों के उत्थान, उज्ज्वला योजना और आधार लाभ के साथ बैंकिंग प्रणालियों तक पहुंच जैसी नीतियों का भी स्वागत किया है. हाल के दिनों में, मुझे लगता है कि कश्मीर के बारे में धारा 370 हटाने के प्रस्ताव जैसी साहसिक पहलों को भी लोगों ने पसंद किया है.
मतदाताओं ने उत्तर-पूर्व पर विशेष ध्यान देने की उनकी नीति का समर्थन किया है, जो कि पिछले 70 वर्षो से उपेक्षित रहे हैं. आतंकवाद और पाकिस्तान जैसे शत्रुता रखने वाले पड़ोसियों के खिलाफ आगे बढ़कर कार्रवाई करने, जिसमें बालाकोट का हमला शामिल है, का भी लोगों ने समर्थन किया है. डोकलाम गतिरोध के समय चीन के खिलाफ हमने मोदी की ‘56 इंच की छाती’ को देखा है. लोगों को उनकी स्वाभाविक तौर पर स्वच्छ और भ्रष्टाचार के दाग से रहित छवि पसंद है.
एक और महत्वपूर्ण बात जो देखने में आई है, वह यह है कि लोगों ने विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में अलग-अलग तरह से वोट दिया है. हालिया उदाहरण ओडिशा का है, जहां विधानसभा चुनावों में तो पटनायक को भारी वोट मिले, लेकिन आम चुनावों में उनके प्रति लोगों का वैसा उत्साह देखने को नहीं मिला. देश ने विपक्ष को एक करारा झटका दिया है और मोदी की उनके बारे में ‘महामिलावट’ की अवधारणा को सही ठहराया है. कामना है कि ईश्वर उन्हें (मोदी को) दीर्घायु दे और वे आगामी अनेक वर्षो तक देश का नेतृत्व करते रहें.