पीयूष पांडे का ब्लॉग: फटी जींस को लेकर फटोला चिंतन
By पीयूष पाण्डेय | Updated: March 20, 2021 13:37 IST2021-03-20T13:27:47+5:302021-03-20T13:37:51+5:30
नेताजी परेशान हैं कि संस्कार विहीन देश का क्या होगा? उनकी चिंता बच्चों से ज्यादा महिलाओं के फटी जींस पहनने को लेकर है. उनकी चिंता जायज है. देश को नेताओं ने धक्का लगा-लगाकर संस्कार के मार्ग पर लाया है और महिलाएं फटी जींस पहनकर संस्कारों को तिलांजलि दे रही हैं.

फटी जींस पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान के बाद महिलाओं ने किया प्रदर्शन (सोशल मीडिया फोटो साभार)
देश में कई लोगों का मानना है कि जिस तरह बैंक अपने धंधे के चक्कर में जमा रकम पर साल दर साल ब्याज कम देने लगे हैं, वैसे ही घर-परिवार के लोग अपनी व्यस्तताओं के चक्कर में बच्चों को संस्कार कम देने लगे हैं.
उधर, बच्चे परेशान हैं कि संस्कारों का सिलेबस इतना बड़ा है कि वो बेचारे कितना भी पढ़ लें, इम्तिहान के वक्त गड़बड़ हो ही जाती है. हद ये कि बंदा थोड़े बहुत संस्कार जमा कर भी ले तो उनके फटी जींस से गिरने की आशंका बनी रहती है.
नेताजी परेशान हैं कि संस्कार विहीन देश का क्या होगा? उनकी चिंता बच्चों से ज्यादा महिलाओं के फटी जींस पहनने को लेकर है. उनकी चिंता जायज है. देश को नेताओं ने धक्का लगा-लगाकर संस्कार के मार्ग पर लाया है, और महिलाएं फटी जींस पहनकर संस्कारों को तिलांजलि दे रही हैं.
नेताजी का बस चले तो वह फटी जींस पहनने वाली महिलाओं को संस्कारों की हत्या के आरोप में जेल भेज दें. लेकिन चाहने से कहां कुछ होता है? जिन वरिष्ठ नेताओं ने मंत्नी-प्रधानमंत्नी पद चाहा, वो मार्गदर्शक मंडल भेज दिए गए. मैं स्वयं चाहता हूं कि टॉप का भ्रष्ट बनूं लेकिन कहां मौका मिलता है?
खैर, मैं नेताजी की चिंता को लेकर चिंतित हूं. फटी जींस की झांकती खिड़कियों से संस्कार टपकने लगेंगे तो फिर संस्कार बचेंगे कैसे? मेरी खोपड़ी में कुछ उपाय कुलांचे मार रहे हैं, जो नेताजी को अवश्य पसंद आएंगे.
1-सफेद कुर्ता पायजामा को राष्ट्रीय पोशाक बनाया जाए क्योंकि सफेद कुर्ता पायजामा पहनते ही ऑटोमेटिकली संस्कार आपके भीतर आ सकते हैं.
2-शहरों में कई क्रैश कोर्स संचालित होते हैं, लेकिन घंटे भर में संस्कारवान होने का कहीं कोई क्रैश कोर्स नहीं है. सरकारी खर्चे पर इस तरह के कोर्स चलाए जाएं.
3-जब तक क्रैश कोर्स संचालित नहीं हो रहे, तब तक स्किल डेवलपमेंट कोर्स में संस्कार सिखाए जाएं.
4-भले सरकारी नौकरी अब ज्यादा बची नहीं लेकिन जितनी बची हैं, उससे फटी जींस पहनने वालों को वंचित रखा जाए.
5-जिस तरह हेलमेट न पहनने वालों का चालान कटता है, वैसा ही फटी जींस पहनने वालों का चालान काटा जाए.
6-फटी जींस पहनने वालों से अतिरिक्त इनकम टैक्स लिया जाए. आखिर फटी जींस बहुत महंगी
आती हैं.
7-फटी जींस में सोशल मीडिया पर तस्वीर डालने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए.
जी हां, ये उपाय जरूरी हैं. आपको हंसी आ सकती है लेकिन मुद्दा संस्कार बचाने का है. फटी जींस से छिटकते संस्कारों को बचाना जरूरी है. विकास-फिकास होता रहेगा.