रहीस सिंह का ब्लॉगः दिवालिया होने की ओर बढ़ता पाकिस्तान

By रहीस सिंह | Published: October 22, 2019 06:58 AM2019-10-22T06:58:00+5:302019-10-22T06:58:00+5:30

पिछले दिनों चरमपंथी संगठनों को मिलने वाली वित्तीय मदद की निगरानी करने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को अंतिम रूप से चार महीने का समय दिया. यदि इस समयावधि में पाकिस्तान कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता है तो एफएटीएफ उसे ब्लैक लिस्ट में डाल देगी. 

Pakistan moves towards bankruptcy, fatf | रहीस सिंह का ब्लॉगः दिवालिया होने की ओर बढ़ता पाकिस्तान

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Highlightsभारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान दिवालिया होने की ओर बढ़ रहा है. उसने सम्पूर्ण जीवनकाल में जिन अयोग्यताओं को पोषित किया, वही अब उसे धीरे-धीरे नेस्तनाबूद कर रही हैं. उसके द्वारा पैदा किया गया कट्टरपंथ और जिहादी मानसिकता उसे आज बाहरी आर्थिक सहयोग पाने से रोक रही है. 

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान दिवालिया होने की ओर बढ़ रहा है. उसने सम्पूर्ण जीवनकाल में जिन अयोग्यताओं को पोषित किया, वही अब उसे धीरे-धीरे नेस्तनाबूद कर रही हैं. उसके द्वारा पैदा किया गया कट्टरपंथ और जिहादी मानसिकता उसे आज बाहरी आर्थिक सहयोग पाने से रोक रही है. 

उसकी सेना एक बार फिर लोकतांत्रिक शक्तियों का अपहरण कर पाकिस्तान की अवाम को मार्शलों के बूटों के नीचे लाने की कोशिश में है. आज जब पाकिस्तानी रुपया धूल चाट रहा है, वित्तीय स्थिति आपदा की ओर बढ़ रही और सरकार कटोरा लेकर दर-दर भटक रही है, तब सवाल यह उठता है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का ही नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान का भविष्य क्या होगा?

 पिछले दिनों चरमपंथी संगठनों को मिलने वाली वित्तीय मदद की निगरानी करने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को अंतिम रूप से चार महीने का समय दिया. यदि इस समयावधि में पाकिस्तान कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता है तो एफएटीएफ उसे ब्लैक लिस्ट में डाल देगी. 

ध्यान रहे कि यह अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी पिछले साल ही पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में डाल चुकी है. यह वह सूची है जिसमें उन देशों को शामिल किया गया है जो मनी लांड्रिंग और चरमपंथी समूहों/संस्थाओं को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे हैं. हालांकि एफएटीएफ की अध्यक्षता इस समय चीन के पास है, इसलिए पाकिस्तान की सरकार पूरी तरह से आश्वस्त रही होगी कि एक सदाबहार दोस्त उसे पूरी मदद देगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. 

कारण यह है कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 29 टास्क दिए थे जिसमें वह सिर्फ पांच ही पूरे कर पाया है. शेष पर अभी तक या तो आंशिक प्रगति हुई है अथवा बिल्कुल नहीं हो पाई है. इस स्थिति में यह कहना मुश्किल है कि पाकिस्तान अगले चार महीनों में सभी टास्क पूरे लेगा. फिर यह कहना कहीं अधिक तर्कसंगत होगा कि पाकिस्तान का काउंटडाउन शुरू हो गया है. ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि पाकिस्तान के पास ऐसी काबिलियत नहीं है कि वह निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी पक्षों पर उचित प्रगति कर सके.  

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपना पद संभालने के बाद अपने देश के लोगों से कहा था कि वे एक नया पाकिस्तान बनाएंगे. क्या वास्तव में यह उनका बनता हुआ नया पाकिस्तान ही है अथवा इसमें एक ऐसा नयापन आने वाला है जो उसे पुराने इतिहास की ओर ले जाएगा. इस बन रहे नए पाकिस्तान को क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज पहले ही साख के लिहाज से नकारात्मक श्रेणी में डाल चुकी है.

Web Title: Pakistan moves towards bankruptcy, fatf

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