ब्लॉग: अबुधाबी में मंदिर के साथ इतिहास के नए अध्याय का निर्माण

By अवधेश कुमार | Published: February 16, 2024 11:25 AM2024-02-16T11:25:13+5:302024-02-16T11:28:46+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबुधाबी में अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक घटना है. किसी इस्लामिक देश में संपूर्ण सनातन रीति-रिवाज से मंदिर का निर्माण, पूजन, प्राण प्रतिष्ठा , उद्घाटन और बिना किसी बाधा के सारे कर्मकांडों का पालन होना सामान्य घटना नहीं है

New chapter of history created with temple in Abu Dhabi | ब्लॉग: अबुधाबी में मंदिर के साथ इतिहास के नए अध्याय का निर्माण

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Highlightsइस मंदिर के निर्माण की कहानी पढ़ने के बाद लगता है कि असंभव संभव हुआ है20 अप्रैल, 2019 को महंत स्वामी महाराज और प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया थाप्रधानमंत्री मोदी ने पहल नहीं की होती तो मंदिर का इतने भव्य रूप में साकार होना संभव नहीं होता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबुधाबी में अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक घटना है. किसी इस्लामिक देश में संपूर्ण सनातन रीति-रिवाज से मंदिर का निर्माण, पूजन, प्राण प्रतिष्ठा , उद्घाटन और बिना किसी बाधा के सारे कर्मकांडों का पालन होना सामान्य घटना नहीं है।

इस मंदिर के निर्माण की कहानी पढ़ने के बाद लगता है कि असंभव संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले में सौभाग्यशाली मानना होगा कि उनके कार्यकाल में ही इसके लिए जमीन मिली, शिलान्यास हुआ और उन्हें ही इसके उद्घाटन का भी अवसर मिला. 20 अप्रैल, 2019 को महंत स्वामी महाराज और प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया था और लगभग 5 वर्ष बाद दोनों ने इसका उद्घाटन भी किया।

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबुधाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की उदारता का अभिनंदन करना होगा जिन्होंने न केवल इसकी अनुमति दी बल्कि कुल 27 एकड़ जमीन दी तथा हर तरह का आवश्यक सहयोग भी किया। किंतु यह भी सच है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहल नहीं की होती तो मंदिर का इतने भव्य रूप में साकार होना संभव नहीं होता।

मंदिर का सपना 1997 में देखा गया था। सच यही है कि मोदी के आने के बाद ही काम आगे बढ़ा। अक्षरधाम के दुनिया भर में 1200 मंदिर हैं और सब की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। किंतु अबुधाबी का मंदिर सबसे विशिष्ट और भविष्य की दृष्टि से विश्व में अलग-अलग संस्कृतियों सभ्यताओं मजहबों आदि के बीच संबंध में तथा शांति की आशा पैदा करने वाला है। मंदिर के निर्माण में हर धर्म के व्यक्ति ने योगदान दिया है।

इस मंदिर का निर्माणकर्ता बीएपीएस यानी बचासन वासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था हिंदू संस्था है। लेकिन जमीन इस्लामी सरकार ने दिया, मुख्य आर्किटेक्ट ईसाई, निदेशक जैन , प्रोजेक्ट मैनेजर सिख ,स्ट्रक्चर इंजीनियर बौद्ध तथा कंस्ट्रक्शन काॅन्ट्रैक्टर पारसी रहे। मंदिर की सात मीनारें संयुक्त अरब अमीरात की सात अमीरातों का प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति का उल्लेख करते हुए कहा कि सबके सम्मान का यही भाव हिज हाइनेस शेख जायेद के जीवन में भी यही विजन दिखता है. उनका विजन है- वी आर ऑल ब्रदर्स.इस तरह मूल रूप से हिंदू मंदिर होते हुए भी और हिंदुत्व सनातन की विश्व कल्याण में विचार और भूमिका को पूरी तरह प्रभावित तरीके से रखते हुए भी सभी धर्म के प्रति सम्मान में की भावना को शक्ति देने का स्थल बन सकता है।

अबुधाबी में मंदिर के उद्घाटन के साथ इतिहास का वह अध्याय आगे बढ़ा है जो हिंदुत्व और भारत राष्ट्र का मूल लक्ष्य रहा है।

Web Title: New chapter of history created with temple in Abu Dhabi

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