जिन्ना ने भारत के मुसलमानों का जितना नुकसान किया, कोई और नहीं कर सकता!

By आदित्य द्विवेदी | Published: May 7, 2018 05:19 PM2018-05-07T17:19:07+5:302018-05-07T17:19:07+5:30

अंग्रेजीदां, गैर-नमाजी, हैम-सैंडविच खाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना ने इस्लाम के नाम पर अलग मुल्क बनाया।

Mohammad Ali Jinnah two nation theory harmed indian Muslims | जिन्ना ने भारत के मुसलमानों का जितना नुकसान किया, कोई और नहीं कर सकता!

Mohammad Ali Jinnah

अगर धर्म के नाम पर देश बनते तो आज दुनियाभर में करीब 50 मुस्लिम देशों की बजाए एक 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ इस्लाम' होता। ये देश एक दूसरे से लड़ नहीं रहे होते। अगर धर्म के नाम पर देश बनते तो सैकड़ों ईसाई देशों की बजाए सिर्फ एक 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ क्रिस्चियानिटी' होता और ये देश एक दूसरे पर अत्याचार ना कर रहे होते। अगर सचमुच ही भारत के हिन्दू एक राष्ट्र और मुस्लिम दूसरा राष्ट्र होते तो इस्लाम के नाम पर बने पाकिस्तान के जन्म के महज 25 साल के अंदर दो टुकड़े न हुए होते। जिन्ना की महात्वाकांक्षा ने भारत के मुसलमानों का जितना नुकसान किया है उतना कोई और नहीं कर सकता।

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15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश बनने जा रहा था। लोकतांत्रिक देश में बहुसंख्या का महत्व होता है। जिन्ना ने इस्लाम के नाम पर अलग देश बनाने की मांग की। इस फैसले की वजह से दुनिया को सदी का सबसे बड़ा विस्थापन देखने को मिला। करीब 10 लाख लोग मारे गए। करोड़ों बेघर हो गए। ये ऐसे घाव थे जो कुछ सालों में भरे जा सकते थे। लेकिन जिन्ना का दिया एक और घाव भारत के मुसलमानों को 70 साल बाद भी सालता है। वो घाव है किसी लोकतांत्रिक देश में किसी कौम को अल्पमत बना देने का। जिन्ना ने मुसलमानों को कमजोर कर दिया।

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जिन्ना अंग्रेजी में भाषण देते थे। जिन्ना नमाजी नहीं थे। जिन्ना हैम-सैंडविच खाते थे। जिन्ना शराब पीते थे। ये सारी बातें इस्लाम में हराम मानी गई हैं। इसके बावजूद जिन्ना ने इस्लाम के नाम पर अलग मुल्क बनाने की मांग की। हालांकि भारत में रहने वाले मुसलमानों ने बहुत पहले ही जिन्ना को खारिज कर दिया था। भारत का कोई भी मुसलमान जिन्ना से अपनी पहचान कभी नहीं जोड़ना चाहेगा। भारत के मुसलमानों की पहचान महात्मा गांधी और मौलाना आजाद से जुड़ी है।

मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर ताजा विवाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ। यहां के यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर 1938 से लगी हुई है। अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के वीसी तारिक मंसूर को पत्र लिखकर इस तस्वीर को हटाने की मांग की। छात्रसंघ ने इसका विरोध किया और कैंपस में तनाव फैल गया।

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