Maharashtra road accident: सड़क दुर्घटना को कैसे रोका जाए, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 78 हादसा, 34 लोग रोज गंवा रहे जान!
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: June 27, 2024 09:56 IST2024-06-27T09:55:35+5:302024-06-27T09:56:53+5:30
Maharashtra road accident: कुल 2920 सड़क दुर्घटनाओं में 1320 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. जबकि विदर्भ में 2889 दुर्घटनाओं में 1172 लोगों की जान गई.

सांकेतिक फोटो
Maharashtra road accident: महाराष्ट्र में सड़क दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं, जो गहरी चिंता का विषय है. सोमवार को पुणे में फिर एक डॉक्टर की कार ने पांच लोगों को टक्कर मार कर घायल कर दिया. लोकमत समाचार की पड़ताल में सामने आया है कि राज्य में प्रतिदिन लगभग 78 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें औसतन 34 लोग रोज अपनी जान गंवा रहे हैं. राज्य में इस साल 1 जनवरी से 31 मई की अवधि में हुई 11896 दुर्घटनाओं में 5 हजार 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 7 हजार से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
सबसे अधिक 382 मौतें पुणे में हुई हैं, जबकि अहमदनगर में 361 और सोलापुर में 347 लोगों की जान गई है. पश्चिम महाराष्ट्र में स्थिति सबसे चिंताजनक है जहां इस साल कुल 2920 सड़क दुर्घटनाओं में 1320 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. जबकि विदर्भ में 2889 दुर्घटनाओं में 1172 लोगों की जान गई.
पिछले माह 19 मई को पुणे के कल्याणीनगर क्षेत्र में एक नाबालिग कार चालक ने तेज रफ्तार से कार चलाकर दोपहिया पर सवार दो लोगों की जान ले ली थी. यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था. इसके बाद लग रहा था कि शायद लोगों में जागरूकता बढ़े, प्रशासन सख्ती दिखाए और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए. लेकिन दुर्घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं.
अभी तीन दिन पहले ही रविवार को रायगढ़ जिले में तेज रफ्तार कार का टायर फटने से हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई. पुणे में सोमवार को डॉक्टर की कार के हादसे में भी कार के टायर फटने को ही कारण बताया जा रहा है. शराब के नशे में वाहन चलाने के कारण भी दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है.
प्रशासन को पाररंपरिक तरीकों से तो दुर्घटनाएं रोकने की कोशिश करनी ही चाहिए, नई तकनीकों का भी पूरा इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके. सरकार के पास हर जगह का डाटा तो उपलब्ध है ही कि कहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं, किस जगह पर और किस समय हो रही हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) की मदद से सारे आंकड़ों का विश्लेषण किया जाना चाहिए और पता लगाया जाना चाहिए कि इन पर अंकुश लगाने के लिए क्या किया जा सकता है. विदेशों में इसकी मदद से कई जगह दुर्घटनाओं की संख्या को कम किया जा सका है और हमें भी इस दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ना चाहिए.