क्या राहुल गांधी की 'मिनिमम इनकम योजना' कांग्रेस की चुनावी नैय्या पार लगाएगी?
By विकास कुमार | Published: March 25, 2019 06:14 PM2019-03-25T18:14:29+5:302019-03-25T18:14:29+5:30
2019 में देश की कूल जीडीपी 190 लाख करोड़ (2.7 बिलियन डॉलर) होने का अनुमान जताया गया है. कांग्रेस की मिनिमम इनकम सपोर्ट योजना को कूल जीडीपी का 4 प्रतिशत भी मान लिया जाये तो यह लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठती है.
राहुल गांधी अपनी रैलियों में जिस चुनावी ब्रह्मास्त्र का ज़िक्र बार-बार कर रहे थे आज उसका एलान कर दिया है. न्यूनतम समर्थन आय भारतीय राजनीति की नई पेशकश है जिसके जरिये एक बार फिर देश के गरीबों को स्वप्न दिखाया गया है. इसके पहले मनरेगा और किसानों की लोन माफी द्वारा दिखाया गया था.
राहुल गांधी का पॉजिटिव शॉक
अभी मोदी सरकार किसानों के खाते में 2 हजार रुपये के पहले किस्त का हस्तांतरण कर ही रही थी कि कांग्रेस पार्टी के नीति-निर्माताओं ने 'कौन ज्यादा गरीब समर्थक' के नैरेटिव को एक्वायर करने के लिए अपना सबसे मजबूत दावा पेश किया है. राहुल गांधी ने इसे पॉजिटिव शॉक बताया जिसे सुनने के बाद आपकी आँखों में आंसू भी आ सकते हैं. लेकिन इतना तो तय है कि गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाओं का डंका पीटने वाली मोदी सरकार फिलहाल 'प्रो पुअर' दिखने की होड़ में पिछड़ चुकी है.
राहुल गांधी की योजना देश के हर गरीब को 12 हजार की आय सुनिश्चित कर रही है. इस योजना के तहत 5 करोड़ गरीब परिवारों के 25 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा और सरकार की तरफ से सालाना 72 हजार रुपये की आय सुनिश्चित की जाएगी.
फिस्कल प्रूफ कैसे हो गई
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह योजना फिस्कल प्रूफ है. इसका मतलब है कि भारत सरकार वित्तीय हालत पर इस योजना का कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा. योजना को लेकर डिटेल्स अभी नहीं दिया गया है. लेकिन अर्थशास्त्रियों के हवाले से यह बता दिया गया है कि यह योजना कांग्रेस सरकार बिना किसी आर्थिक अड़चन के लागू कर सकती है.
मिनिमम इनकम सपोर्ट योजना विश्व के कई देशों में लागू है लेकिन टर्म और कंडीशन के साथ. राहुल गांधी बिना किसी शर्त के यह योजना देश के गरीबों को उपहार में देना चाहते हैं. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, कांग्रेस की यह योजना देश की कूल जीडीपी का 3 प्रतिशत हो सकती है. मनरेगा कूल जीडीपी का 0.33 प्रतिशत है और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत मिलने वाली अनाज सब्सिडी 0.84 प्रतिशत है. नीति आयोग द्वारा किए गए आर्थिक सर्वे में यह योजना कूल जीडीपी का 5 प्रतिशत तक होने का संकेत दिया गया था.
बिना टर्म और कंडीशन के
2019 में देश की कूल जीडीपी 190 लाख करोड़ (2.7 बिलियन डॉलर) होने का अनुमान जताया गया है. कांग्रेस की मिनिमम इनकम सपोर्ट योजना को कूल जीडीपी का 4 प्रतिशत भी मान लिया जाये तो यह लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठती है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने मोदी सरकार के 'आयुष्मान भारत' को 1 लाख करोड़ की योजना बताया था, जबकि मोदी सरकार ने अपने पहले बजट में मात्र 2000 करोड़ रुपये का बजट दिया था.
चिदम्बरम ने अपने कई आर्टिकल में मोदी सरकार की इस योजना के आर्थिक अड़चन को रेखांकित किया था. बाद में सरकार ने कहा था कि डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर से 90 हजार करोड़ रुपये की बचत सरकार को हर साल हो रही है और इसी पैसे का इस्तेमाल आयुष्मान भारत योजना के आर्थिक पोषण के रूप में किया जायेगा.
मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना 50 करोड़ गरीबों को स्वास्थय स्कीम देने का वाद करती है तो राहुल गांधी ने 25 करोड़ लोगों को मिनिमम इनकम देने का वादा किया है. ऐसे राहुल गांधी ने खुद कहा है कि इस योजना के तकनीकी पहलूओं को ख़ुद पी चिदम्बरम समझायेंगे. अब उन्हें बताना चाहिए कि योजना के लिए सालाना 4 लाख करोड़ रुपये कहाँ से आएगा.