कर्नाटक: आंकड़े गवाह हैं मायावती के JDS से हाथ मिलाने से कांग्रेस को लग सकता है झटका, बीजेपी को होगा लाभ
By आदित्य द्विवेदी | Updated: May 5, 2018 12:09 IST2018-05-05T12:09:25+5:302018-05-05T12:09:25+5:30
Karnataka Assembly Elections 2018: कर्नाटक चुनाव में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने जनता दल सेकुलर के साथ गठबंधन किया है। मायावती-देवगौड़ा की जोड़ी से बिगड़ सकता है कांग्रेस का समीकरण।

Karnataka assembly election and mayawati bjp
उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हराने के लिए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन दे दिया था। मायावती के हालिया बयानों को देखते हुए भी यह प्रतीत होता है कि मौजूदा राजनीति में बीजेपी ही उनकी दुश्मन नंबर 1 है। लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मायावती का एक कदम कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकता है। इससे बीजेपी को फायदा होने की उम्मीद है। 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी 18 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। मायावती ने प्रदेश में एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेकुलर के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन से बना राजनीतिक समीकरण बहुत कुछ इशारे कर रहा है। (कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जुड़ी सभी खबरों के लिए यहां क्लिक कीजिए)
यह भी पढ़ेंः- इस वजह से पीएम मोदी एक साँस में 11 बार बोले गरीब, गरीब, गरीब, गरीब...
कर्नाटक में करीब 25 फीसदी एससी-एसटी वोटर हैं। दलितों में राजनीतिक जमीन का इस्तेमाल कर रही मायावती ने साल 2004 में कर्नाटक में भी एक प्रयोग करने का फैसला किया। 2004 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने 102 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए। हालांकि उनका प्रयोग असफल रहा है और 100 प्रत्याशी जमानत जब्त करा बैठे। साल 2008 में दोगुने जोश के साथ 217 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए लेकिन 214 की जमानत जब्त हो गई। 2013 में 175 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन हार का ही सामना करना पड़ा।
यह भी पढ़ेंः- कर्नाटक चुनाव में पीएम मोदी और अमित शाह ने झोंकी ताकत, जानें आज का पूरा कार्यक्रम
मायावती के प्रत्याशियों की हार का पैटर्न कुछ ऐसा था कि जिन सीटों पर बीएसपी ने ठीक-ठाक वोट हासिल किए वहां कांग्रेस प्रत्याशी बहुत करीबी मुकाबले में हार गए। जनता दल सेकुलर ने इस बात को ध्यान में रखते हुए 2018 के चुनाव में मायावती से गठबंधन की पेशकश की, जिसे उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। इस गठबंधन का जमीनी नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। दलितों के वोटर कांग्रेस से बंटकर जेडीएस के खाते में जा सकते हैं। इससे भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ेंः- Video: कर्नाटक में राहुल गांधी और पीएम मोदी के वार-पलटवार
दलित और मुस्लिम वोटर जेडीएस को वोट देने में हिचकिचा रहे हैं। इसकी पीछे की वजह एक संभावना है जिसमें कहा जा रहा है कि अगर परिणाम बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति आई तो जेडीएस बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना लेगी। मुस्लिम वोटर बीजेपी को साम्प्रदायिक पार्टी मानता है वहीं दलित वोटर बीजेपी को अपर कास्ट की पार्टी मानता है। जेडीएस को मायावती का साथ दलित वोटर की हिचकिचाहट को कम कर सकता है और दलितों का बड़ा वोट जेडीएस के खाते में जा सकता है।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें