कश्मीर के लिए सबसे बड़ा सवाल- विदेशी मेहमानों के आगमन पर ही क्यों होते हैं आतंकी हमले

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 18, 2021 05:15 PM2021-02-18T17:15:43+5:302021-02-18T17:21:28+5:30

श्रीनगर के सबसे प्रसिद्ध कृष्णा ढाबा पर आतंकी हमले की कार्रवाई ने एक बार फिर सुरक्षा को लेकर कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं। आतंकियों ने इससे पहले कभी भी इस ढाबे को निशाना नहीं बनाया था

Jammu Kashmir terrorist attack krishna dhaba why such incident happens on foreign guests arrival | कश्मीर के लिए सबसे बड़ा सवाल- विदेशी मेहमानों के आगमन पर ही क्यों होते हैं आतंकी हमले

श्रीनगर के सबसे प्रसिद्ध कृष्णा ढाबा पर आतंकी हमला (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsश्रीनगर के सबसे प्रसिद्ध कृष्णा ढाबा पर आतंकी हमले से खड़े हुए कई सवालकृष्णा ढाबे पर हमला ऐसे समय पर हुआ जब कश्मीर में 24 देशों के राजनयिक आए थे 2019 में यूरोपीय राजनयिकों के दौरे के दौरान भी आतंकियों ने शोपियां में पांच प्रवासी मजदूरों की हत्या की थी

पिछले 32 सालों से कश्मीर में आतंकी हमले कोई नई बात नहीं हैं। ये भी सवाल है कि आखिर विदेशी मेहमानों के आगमन पर ही ऐसे हमले और ऐसी कवायदें क्यों तेज हो जाती हैं।

ताजा घटनाक्रम में श्रीनगर के सबसे प्रसिद्ध एकमात्र शुद्ध शाकाहारी कृष्णा ढाबा पर हुआ आतंकी हमला है। फिलहाल ये जांच का विषय है कि आखिर आतंकियों ने पहली बार इस ढाबे को निशाना क्यों बनाया। 

कश्मीर में फैले 32 सालों के आतंकवादके इतिहास में आतंकियों ने कभी भी इस ढाबे को निशाना नहीं बनाया था जो कश्मीर आने वाले लाखों पर्यटकों की खास पसंद है।

दरअसल कृष्णा ढाबे पर हुआ हमला ऐसे समय पर हुआ था जब कश्मीर में 24 देशों के राजनयिक आए थे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद विदेशी राजनयिकों का यह तीसरा दौरा था जिसे कांग्रेस ‘गाइडेड टूर’ के नाम पुकारती रही है।

इससे पूर्व अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद अक्टूबर 2019 में यूरोपीय राजनयिकों के दल ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया था। इस दौरे के दौरान आतंकियों ने शोपियां जिले में पश्चिम बंगाल के पांच मजदूरों की हत्या कर दी थी। 

यही सवाल अब उठ रहा है कि आखिर वर्ष 2000 के मार्च की 20 तारीख को आतंकियों ने कश्मीर के छत्तीसिंहपोरा में 36 सिखों का नरसंहार क्यों किया था। तब अमेरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर आने वाले थे।

छत्तीसिंहपोरा नरसंहार की जिम्मेदारी आज तक किसी भी आतंकी गुट ने नहीं ली है। इतना जरूर है कि कृष्णा ढाबे पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी उस 'मुस्लिम जानबाज फोर्स' ने ली जिसने हमले के कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर धमकी दी थी कि वे प्रवासी नागरिकों को कश्मीर से मार भगाएंगें। 

सवाल यह है कि इस हमले में गंभीर रूप से जख्मी होने वाला आकाश मेहरा ढाबे के मालिक का बेटा था और जम्मू के जानीपुरा का रहने वाला था। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता था कि वाकई आतंकियों ने उसे प्रवासी नागरिक मान कर हमला किया था या फिर उनके निशाने पर वे टूरिस्ट थे जो देश विदेश से आए थे।

सवाल ये भी है कि आखिर राजनयिकों के दौरे से पहले ही श्रीनगर शहर से उन कई सुरक्षा बंकरों को क्यों हटा दिया गया था जिन्हें सुरक्षा के लिए कुछ माह पहले बनाया गया था।

Web Title: Jammu Kashmir terrorist attack krishna dhaba why such incident happens on foreign guests arrival

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