ब्लॉग: शांतिपूर्ण और सफल चुनावों से मजबूत होता है लोकतंत्र
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 9, 2024 06:50 IST2024-10-09T06:49:54+5:302024-10-09T06:50:01+5:30
राज्य में तीन चरणों में हुए मतदान में 63 प्रतिशत से भी अधिक लोगों ने अपना मत दिया। चुनाव के दौरान मतदाताओं का उत्साह साफ दिखाई दे रहा था।

ब्लॉग: शांतिपूर्ण और सफल चुनावों से मजबूत होता है लोकतंत्र
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के बहुप्रतीक्षित चुनाव परिणाम आ चुके हैं. एग्जिट पोल में हालांकि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई जा रही थी और जम्मू-कश्मीर में खंडित जनादेश का अनुमान व्यक्त किया जा रहा था, लेकिन चुनाव परिणामों ने दोनों राज्यों के बारे में एग्जिट पोल को नकार दिया है। हरियाणा में जहां भाजपा को बहुमत मिला है, वहीं जम्मू-कश्मीर में नेकां-कांग्रेस गठबंधन के सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
बहरहाल, सरकार किसी की भी बने, दोनों राज्यों में हुए शांतिपूर्ण चुनाव और सामने आए स्पष्ट जनादेश ने हमारे देश में लोकतंत्र की मजबूती को ही साबित किया है। हरियाणा में मतदाताओं ने जहां पिछले दो कार्यकाल से चली आ रही भाजपा सरकार पर ही विश्वास व्यक्त किया है, वहीं जम्मू-कश्मीर में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को स्पष्ट बहुमत देकर जनता ने संदेश दिया है कि वह अब पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से ऊब चुकी है और राज्य में निर्वाचित सरकार के जरिये विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहती है।
दरअसल जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दशकों से चुनाव आतंक के साये में ही हो रहे थे. आतंकवादियों के खौफ से मतदान प्रतिशत भी बहुत कम रहता था। इस बार सरकार ने वहां के लोगों में सुरक्षा का जो विश्वास पैदा किया, उसी का नतीजा था कि लोगों ने निर्भय होकर वोट डाला। राज्य में तीन चरणों में हुए मतदान में 63 प्रतिशत से भी अधिक लोगों ने अपना मत दिया। चुनाव के दौरान मतदाताओं का उत्साह साफ दिखाई दे रहा था। अब वहां निर्वाचित सरकार का यह कर्तव्य होगा कि वह राजनीति को परे रखकर पूरी तरह से राज्य के विकास पर ध्यान दे, क्योंकि वहां के लोगों की स्थिति अभी भी देश के अन्य राज्यों से भिन्न है। आतंकवाद ने लोगों के सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर डाला है, जिसे पटरी पर लाना और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना निर्वाचित सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
केंद्र सरकार को भी राजनीति को परे रखकर राज्य सरकार की इसमें पूरी मदद करनी होगी, क्योंकि वहां लोकतंत्र मजबूत होने में ही सभी की भलाई है. वहां सफलतापूर्वक संपन्न होने वाले चुनाव पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर करारा प्रहार है और राज्य की जनता ने लोकतंत्र में अपना जो विश्वास जताया है, उस पर अब खरा उतरने की जिम्मेदारी सभी राजनीतिक दलों की है।