ब्लॉग: सभी ट्रेनों का सफर सुरक्षित और सुचारू बनाना जरूरी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 26, 2024 11:12 IST2024-07-26T11:11:36+5:302024-07-26T11:12:23+5:30

ब्लॉग: सभी ट्रेनों का सफर सुरक्षित और सुचारू बनाना जरूरी
भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है. हर रोज करोड़ों यात्री इससे सफर करते हैं. देश के कुछ इलाकों में तो रेलगाड़ी परिवहन का एकमात्र साधन है. वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में महाराष्ट्र को रेलवे विकास के लिए 15,900 करोड़ रुपए का बजट आवंटन मिला है. इसी के साथ अगले पांच वर्षों में मुंबई को मिलेंगी 250 से अधिक लोकल ट्रेनें.
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत महाराष्ट्र में 128 स्टेशनों का पुनर्विकास करना प्रमुख पहलों में से एक है. इसके अतिरिक्त, राज्य ने 100 प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण हासिल कर लिया है और हर साल 180 किलोमीटर नई पटरियां बिछाई जा रही हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव प्रेस काॅन्फ्रेंस में जब यह जानकारी देते हैं तो बेशक देश में रेलवे की प्रगति पर गर्व होता है.
रेल मंत्री ने 2024-25 के बजट को रेलवे के लिए अब तक का सबसे अधिक पूंजीगत खर्च वाला बजट बताया है. देश के इस सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट साधन से हर साल 11 हजार ट्रेनों के जरिए 800 करोड़ यात्री सफर करते हैं. ऐसे में भारतीय रेलवे की चुनौतियों से पार पाना और यात्रियों की आम शिकायतों से निपटना किसी भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहती है. बजट के आंकड़ों से आम रेल यात्री को बहुत लेना-देना नहीं होता है.
आम तौर पर यात्रियों को टिकट न मिलने, सुरक्षा और यात्रा के दौरान रेलवे की गंदगी और ट्रेनों के विलंब से चलने से जुड़ी शिकायतें होती हैं. ट्रेनों की टक्कर और रेल पटरियों पर होने वाली दुर्घटनाओं का न रुकना हमेशा से ही एक आम यात्री की चिंता का विषय रहा है. लोगों को कई बार कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता है, ऐसे में यात्रियों को लगता है कि आखिर देश में ऐसा दिन कब आएगा, जब हम किसी भी वक्त कंफर्म टिकट पा सकेंगे.
इसके अलावा लगातार हो रहे ट्रेन हादसे भी लोगों की चिंता को कम नहीं कर पा रहे हैं. बीती 18 जुलाई को यूपी के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे, 19 जुलाई को डूंगरी स्टेशन यार्ड में मालगाड़ी की ट्रॉली के पहिये पटरी से उतरे, 20 जुलाई को अमरोहा यार्ड में गाजियाबाद-मुरादाबाद सेक्शन के बीच कंटेनर ट्रेन के सात डिब्बे पटरी से उतरे और 21 जुलाई को राजस्थान के अलवर में मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतरे. ये तो हाल की दुर्घटनाएं हैं, इससे पहले भी कई हादसे हुए हैं. लोग ट्रेनों में 100 प्रतिशत सुरक्षा के साथ यात्रा करना चाहते हैं.
ट्रेनों से सफर करते वक्त अक्सर लोगों को खान-पान और साफ-सफाई से जुड़ी शिकायतें भी रहती हैं. रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में मिलने वाले खाद्य पदार्थ से अक्सर लोग संतुष्ट नहीं रहते. जब टिकट बुक कराते वक्त अच्छे खाने का पैसा लिया जाता है, तो फिर खाने की गुणवत्ता भी अच्छी होनी चाहिए. मौजूदा समय में वंदे भारत एक्सप्रेस सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रही है.
करीब 52 वंदे भारत ट्रेनों का देश के सभी राज्यों में (पूर्वोत्तर को छोड़कर) सफल संचालन हो रहा है. जब हम वंदे भारत जैसी ट्रेन को सफलतापूर्वक चला रहे हैं, तो बाकी ट्रेनें भी चला ही सकते हैं.
सरकार 2026 में बुलेट ट्रेन चलाने जा रही है, लेकिन जो ट्रेनें इस समय आम आदमी को इधर-से उधर ले जा रही हैं, चाहे लंबी दूरी की हों या छोटी दूरी की- उन्हें समय पर चलाना और सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.