Independence Day 2024: भारत ने अपनी 77 वर्षों की उपलब्धियों से मिसाल पेश की, आओ मिलकर...
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: August 15, 2024 13:38 IST2024-08-15T13:37:41+5:302024-08-15T13:38:55+5:30
Independence Day 2024: आज 77 वर्षों की यात्रा पर नजर डालने के बाद भारत का विकास देखकर हमारा अहित चाहने वालों तथा हमारी क्षमता पर संदेह करने वालों को करारा जवाब मिल गया है.

सांकेतिक फोटो
Independence Day 2024: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 77 वर्षों की अपनी गौरवशाली यात्रा में हमारे देश ने विकास के ऐसे श्रेष्ठ प्रतिमान स्थापित किए हैं, जिन पर प्रत्येक देशवासी को गर्व हो सकता है. देश को आजादी बहुत बड़े बलिदान के बाद मिली. अंग्रेज व्यंग्य करते थे कि अगर भारतवासियों को आजादी दे दी तो वे मुल्क को संभाल नहीं सकेंगे और देश घोर अराजकता की स्थिति में पहुंच जाएगा. आज 77 वर्षों की यात्रा पर नजर डालने के बाद भारत का विकास देखकर हमारा अहित चाहने वालों तथा हमारी क्षमता पर संदेह करने वालों को करारा जवाब मिल गया है.
जिस ब्रिटेन ने भारत पर दो सौ वर्ष तक शासन किया, आज उसी भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से आगे निकल चुकी है और हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं. सन् 1947 में जब भारत को आजादी मिली, तब उसकी आर्थिक हालत बेहद खस्ता थी.
विभाजन की त्रासदी ने देश की आर्थिक रीढ़ को तोड़ दिया था लेकिन हम उठ खड़े हुए और विश्व मंच पर एक ऐसी असरदार ताकत बन गए हैं कि दुनिया का हर देश भारत के साथ दोस्ती तो करना चाहता ही है, साथ ही अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भी वह हमारे देश से मदद एवं मार्गदर्शन की अपेक्षा करता है.
पिछले सौ वर्षों में दुनिया में अनेक देश आजाद हुए. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उनमें से कई देश अपनी स्वतंत्रता को सार्थक नहीं कर सके. वे देश गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा, राजनीतिक अस्थिरता और तानाशाही की चपेट में हैं. ये देश आज भी भयावह परिस्थितियों के गुलाम हैं और उन्हें एक सफल राष्ट्र नहीं कहा जा सकता.
इनमें हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान ही है जो बंटवारे के पहले भारत का ही हिस्सा था, कभी बर्मा कहे जाने वाले म्यांमार का भी यही हाल है. अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका के कई देश इतनी बदहाली का सामना कर रहे हैं कि सोचकर ही बहुत पीड़ा होने लगती है. ऐसा नहीं है कि स्वंतत्रता प्राप्ति के बाद से अपनी अब तक की यात्रा में भारत ने उतार-चढ़ाव नहीं देखे.
भीषण अकाल, कोरोना महामारी जैसी विभिन्न आपदाओं का देश ने सामना किया. 1962 में चीन के आक्रमण तथा आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान के हमले और उसके पश्चात 1965, 1971 के हमलों एवं 1999 के कारगिल आक्रमण का भारत ने मुस्तैदी से सामना किया और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया.
पाकिस्तान तो अपनी हरकतों से टूट गया लेकिन भारत तमाम चुनौतियों का सामना मजबूती से करता गया और आज वह विश्व की महाशक्ति की कतार में खड़ा हो गया है. भारत चांद अैर मंगल तक पहुंच चुका है. सूर्य के रहस्यों का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 मिशन अंतरिक्ष में भारत की सफलता का एक और स्वर्णिम अध्याय है.
अगले 15 वर्षों में भारत चांद पर मानव को भेजने की तैयारी में जुट गया है. साइकिल पर शुरू हुआ भारत के अंतरिक्ष मिशन का सफर आज सफलता की बुलंदियों पर है. आज से 60 साल पहले हमने भयावह अकाल देखा था लेकिन आज भारत अनाज के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है. हम अनाज का निर्यात तो करते ही हैं, जरूरत पड़ने पर अकाल या सूखे की चपेट में आए देशों का पेट भरने में भी सक्षम हैं.
हथियारों के मामले में भारत तेजी से आत्मनिर्भर होता जा रहा है. ‘मेक इन इंडिया’ की पहल बेहद सफल रही है और अब हम कई हथियारों का निर्यात करने लगे हैं. दुनिया के कई समृद्ध देश भी भारत की रक्षा प्रणाली की सफलता का मॉडल अपनाने को आतुर हैं. चार वर्ष पूर्व कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था.
दुनिया के विकसित देशों तक ने इस महामारी के आगे घुटने टेक दिए थे लेकिन भारत ने इस संकट पर भी विजय पा ली. भारत की अर्थव्यवस्था अपनी मजबूत बुनियाद पर टिकी रही. यही नहीं, इस महामारी के दौरान भारत ने कई देशों को कोविड के टीके तथा अनाज भेजकर लाखों लोगों के प्राणों की रक्षा कर मानवीयता की मिसाल पेश की.
कुछ माह पूर्व सफलतापूर्वक हुए लोकसभा के चुनावों से साबित हो गया कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें कितनी मजबूत हैं तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारतीय जनता की आस्था कितनी गहरी है. राष्ट्र के प्रति हमारी जांबाज सेना तथा नागरिकों के अगाध-समर्पण भाव ने स्वतंत्र भारत की सफलता का नया इतिहास रचा है. आतंकवाद जैसी समस्याओं का हम अभी भी सामना कर रहे हैं.
लेकिन हमारा दृढ़ संकल्प इस संकट को भी कुचल देगा. देश ने अनेकता में एकता की मिसाल पेश की है. 77 वर्षों के आजाद भारत को अपनी तमाम उपलब्धियों पर गर्व है और हम जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं, उससे एक बात विश्वास के साथ कह सकते हैं कि वर्ष 2047 से पहले ही परमाणु शक्ति संपन्न भारत विकसित राष्ट्रों की कतार में सबसे आगे खड़ा नजर आएगा.