ब्लॉग: वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास के लिए मोदी की नीतियों को वैश्विक स्वीकृति

By विवेकानंद शांडिल | Published: December 25, 2022 09:57 AM2022-12-25T09:57:25+5:302022-12-25T09:59:35+5:30

पीएम नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं, जो रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी बात कर सकते हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी संवाद कर सकते हैं। इसलिए दुनिया को उनसे उम्मीदें भी हैं।

Global acceptance of PM Narendra Modi policies for global peace, stability and development | ब्लॉग: वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास के लिए मोदी की नीतियों को वैश्विक स्वीकृति

ब्लॉग: वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास के लिए मोदी की नीतियों को वैश्विक स्वीकृति

कोरोना वैश्विक महामारी ने संपूर्ण मानव जाति के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। वर्ष 2020 में शुरु हुए इस महामारी के कारण दुनियाभर में करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवायी और वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला बाधित होने के कारण अर्थव्यवस्थाओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, हमें वर्ष 2022 में परिस्थितियों में कुछ सुधार की उम्मीद थी और वास्तव में हमने कोरोना की तीसरी लहर पर जीत हासिल करते हुए, इस ओर अपने कदम बढ़ा भी दिए थे। लेकिन तभी रूस और यूक्रेन के बीच एक खूनी संघर्ष शुरू हो गया। यह एक ऐसी घटना थी, जिसने वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास के समक्ष नई चुनौतियों को खड़ा कर दिया। 

इस संघर्ष में एक ओर, रूस को पूर्ण विश्वास था कि वह अपनी ताकत के बदौलत यूक्रेन पर फतह हासिल कर लेगा। तो, वहीं अमेरिका और यूरोपीय देशों का विचार था कि वह यूक्रेन के कंधे पर अपनी बंदूक रखकर रूस को बर्बाद कर देगा और इसी उद्देश्य के साथ इन देशों ने रूस पर न सिर्फ कई तरह के प्रतिबंध लगाए, बल्कि युद्ध के लिए हथियार और अन्य सैन्य सहायता देने का भी ऐलान किया। दूसरी ओर, रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमले की धमकी देकर सभी को सकते में डाल दिया था। 

मुसीबत की इस घड़ी में, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के सामने शांति के अग्रदूत बनकर उभरे। उनके द्वारा किये गए प्रयासों को लेकर, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआई, के निदेशक बिल बर्न्स ने हाल ही में कहा कि फरवरी में शुरू हुए इस युद्ध में अबतक हजारों बेगुनाह अपनी जान गंवा चुके हैं। इस युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की थी, जिसका रूसियों पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा। यही वजह है कि रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमला नहीं किया। 

वास्तव में पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं, जो रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी बात कर सकते हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी संवाद कर सकते हैं और दोनों राष्ट्रों के बीच युद्ध के आगाज के बाद उन्होंने बारंबार यह चरितार्थ भी किया है। पीएम मोदी की नीतियों को भले ही वैश्विक स्वीकृति मिल चुकी हो, लेकिन अपने ही देश के कुछ लोग पहचान को धूमिल करने, अपनी औछी राजनीति के लिए देशवासियों को भटकाने के लिए दिन-रात प्रयासरत रहते हैं। 

लेकिन सीआई के दावे, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का मोदी के प्रति वैश्विक मंचों पर मुलाकात की तस्वीरें, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा मोदी के वैश्विक स्थिरता और शांति के प्रयासों की प्रशंसा करने जैसे घटनाक्रमों ने सभी आलोचकों को एक मुँहतोड़ जवाब दिया है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष आज एक मोड़ पर पहुँच चुका है, जहाँ न रूस हारा है और न ही यूक्रेन। इसके लिए पीएम मोदी की जितनी प्रशंसा की जाए, कम होगी। 

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने केन्द्रीय सत्ता में अपने 8 वर्ष पूरे कर लिये हैं। उनके कालखण्ड में भारत की विदेश नीति पर बड़ा बदलाव आया है। आज उनकी अगुवाई में हमारी सोच पुरानी बेड़ियों से स्वतंत्र है। उन्होंने अपनी करिश्माई नेतृत्व कौशल से एक बहुआयामी और व्यवहारिक विदेश नीति को स्थापित किया है।

उनके पहले कार्यकाल के दौरान पुलवामा आतंकी हमले के पश्चात् पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक का मामला हो या अनुच्छेद 370 हटाने का, उन्होंने हमेशा अपनी कूटनीतिक क्षमता का लोहा मनवाया है।

अमेरिका और रूस की प्रतिद्वंदिता जगजाहिर है, लेकिन पीएम मोदी ने दोनों विरोधी देशों के बीच अपने रिश्ते को हमेशा बनाए रखा। रूस से एस.400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीद का मामला हो या कच्चे तेल की, उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि वह भारत के हितों की रक्षा के लिए किसी भी शक्ति के दबाव में नहीं आएंगे, चाहे वह अमेरिका ही क्यों न हो।

वहीं, उन्होंने सत्ता में आते ही भारतीय संस्कृति और विरासत को एक वैश्विक आयाम देने का बीड़ा अपने कंधों पर उठाया। यही कारण है कि आज चाहे योग हो या महात्मा बुद्ध का जीवन संदेश, पूरी दुनिया मान रही है कि हमारे विचारों में विश्व कल्याण का मार्ग छिपा है और इसके माध्यम से हम धरती को एक बार फिर से बेहतर बना सकते हैं। 

हालांकि, आज जब वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहे हैं, तो हमारे सामने अपनी विश्वसनीयता और शक्ति-सामर्थ्य को निरंतर बनाए रखते हुए अपने वैश्विक दायित्वों को निभाने की एक बड़ी चुनौती होगी। हमें आने वाले समय में कई संस्थागतए संरचनात्मक और वैचारिक प्रश्नों के उत्तर तलाशने होंगे, ताकि हम हर अग्नि परीक्षा से गुजरने के लिए तैयार रहें और इस सदी को अपने नाम कर सकें।

Web Title: Global acceptance of PM Narendra Modi policies for global peace, stability and development

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