किसान आंदोलनः नए कानून का विरोध, एपी में किसान से रूबरू हुए पीएम मोदी, एमएसपी का अर्धसत्य....
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 18, 2020 07:51 PM2020-12-18T19:51:56+5:302020-12-18T19:53:20+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्च कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में लाए गए नए कानूनों का विरोध कर रहे सियासी दलों पर निशाना साधा है और मध्य प्रदेश के किसानों संग रूबरू होते समय नए कृषि कानूनों के विरोध का जिक्र करते हुए कहा है कि- अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन जोतने के खेल खेले जा रहे हैं.
किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं. उन्होंने बड़ी सियासी चतुराई दिखाते हुए कहा कि एमएसपी हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? छह महीने से ज्यादा का समय हो गया है, जब ये कानून लागू किए गए थे.
कानून बनने के बाद भी वैसे ही एमएसपी की घोषणा की गई, जैसे पहले की जाती थी. कोरोना महामारी से लड़ाई के दौरान भी ये काम पहले की तरह किया गया. एमएसपी पर खरीद भी उन्हीं मंडियों में हुई, जिन में पहले होती थी. मैं देश के प्रत्येक किसान को ये विश्वास दिलाता हूं कि पहले जैसे एमएसपी दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी, एमएसपी न बंद होगी, न समाप्त होगी.
जाहिर है, एमएसपी को लेकर बेहद मुखर हैं पीएम मोदी, लेकिन एमएसपी गारंटी कानून बनाने को लेकर मौन हैं. सियासी सयानों का मानना है कि जुबानी जमा-खर्च से क्या फर्क पड़ता है, इसीलिए एमएसपी का अर्धसत्य सामने आ रहा है, लेकिन कानून बन गया तो एमएसपी तो स्थाई समस्या बन जाएगा, यही वजह है कि मोदी एमएसपी पर तो मुखर हैं, परन्तु एमएसपी गारंटी कानून पर मौन हैं!