संपादकीयः ड्रग्स पर लगाम लगाने के लिए बने वैश्विक गठजोड़

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: November 23, 2022 04:33 PM2022-11-23T16:33:57+5:302022-11-23T16:34:26+5:30

 ड्रग्स के हिंसक मनोवृत्ति से संबंधों का शायद इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ताजा श्रद्धा मर्डर केस में श्रद्धा के एक दोस्त का कहना है कि श्रद्धा ने उसे करीब दो साल पहले बताया था कि उसका ब्वॉयफ्रेंड (आफताब) ड्रग्स लेता है और वह उसकी इस लत को छुड़वाना चाहती थी।

Editorial need Global alliance formed to curb drugs | संपादकीयः ड्रग्स पर लगाम लगाने के लिए बने वैश्विक गठजोड़

संपादकीयः ड्रग्स पर लगाम लगाने के लिए बने वैश्विक गठजोड़

देश में पिछले काफी समय से जिस तरह से अलग-अलग घटनाओं में ड्रग्स की बरामदगी हो रही है, वह निश्चित रूप से चिंताजनक है। यह राहत की बात है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां इतनी चौकस हैं कि बाहर से आने वाली ड्रग्स को हवाई अड्डे पर ही जब्त कर लेती हैं लेकिन लगातार जब्ती के बाद भी अगर ड्रग्स का आना रुक नहीं रहा है तो इसके मायने क्या हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि सारा ड्रग्स सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में नहीं आ पा रहा हो और ड्रग्स तस्करों को माल लक्षित जगह तक पहुंचाने में सफलता मिल रही हो? इसलिए ड्रग्स की बरामदगी के साथ ही उसकी निकासी की जड़ों तक पहुंचना भी जरूरी है ताकि सीधे वहीं प्रहार किया जा सके। 

ड्रग्स बरामदगी का ताजा मामला मुंबई का है जहां एनसीबी ने रविवार को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो अफ्रीकी महिलाओं को गिरफ्तार कर उनके पास से 20 करोड़ रुपए मूल्य की 2.8 किलोग्राम कोकीन जब्त की। ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। 13 नवंबर को गुजरात के सूरत शहर में एक दुकान और एक वाणिज्यिक परिसर के बेसमेंट से 2.176 किलोग्राम एमडी ड्रग्स बरामद की गई। इसके कुछ दिन पहले भी सूरत में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 590 ग्राम मेफेड्रोन बरामद की थी। करीब दो हफ्ते पहले मिजोरम में 58 करोड़ रुपए की ड्रग्स पकड़ी गई। जुलाई में दिल्ली पुलिस ने करीब ढाई हजार करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की थी, जिसे अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते लाकर पंजाब भेजा जाने वाला था। गुजरात में कच्छ के मुंद्रा पोर्ट पर तो पिछले साल करीब 21 हजार करोड़ रुपए की ड्रग्स पकड़ी गई थी। ड्रग्स बरामदगी की यह फेहरिस्त बहुत लंबी है। हकीकत तो यह है कि ड्रग्स सिर्फ हमारे देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों, खासकर युवाओं का भविष्य तबाह कर रहा है। शायद यही कारण है कि कई देशों में ड्रग्स के खिलाफ अत्यंत सख्त कानून हैं और सऊदी अरब ने हाल ही में अपने यहां ऐसे दस लोगों का सिर कलम करवा दिया है जिनके खिलाफ ड्रग्स से संबंधित मुकदमे चल रहे थे। भले ही सजा देने का यह तरीका बर्बर हो लेकिन मूल मुद्दा यह है कि ड्रग्स की तस्करी पर आखिर लगाम कैसे लगे?

 ड्रग्स के हिंसक मनोवृत्ति से संबंधों का शायद इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ताजा श्रद्धा मर्डर केस में श्रद्धा के एक दोस्त का कहना है कि श्रद्धा ने उसे करीब दो साल पहले बताया था कि उसका ब्वॉयफ्रेंड (आफताब) ड्रग्स लेता है और वह उसकी इस लत को छुड़वाना चाहती थी। दरअसल जिन बर्बर कामों को करने की हिम्मत कोई अपने होशोहवास में नहीं जुटा पाता, नशे में वह उन्हें भी करने का दुस्साहस कर बैठता है। एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में मादक पदार्थों का अवैध व्यापार सालाना लगभग 30 लाख करोड़ रुपए का है। भारत के लिए ड्रग्स का जोखिम इसलिए ज्यादा है कि वह दुनिया के दो सबसे बड़े अफीम उत्पादक क्षेत्रों के मध्य में स्थित है जिसके एक तरफ स्वर्ण त्रिभुज (Golden triangle) क्षेत्र तो दूसरी तरफ स्वर्ण अर्धचंद्र (Golden crescent) क्षेत्र स्थित है। स्वर्ण त्रिभुज क्षेत्र में थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और लाओस शामिल हैं, जबकि स्वर्ण अर्द्धचंद्र क्षेत्र में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान शामिल हैं। इसलिए ड्रग्स तस्करी में जो आरोपी पकड़े जा रहे हैं, उन पर तो कार्रवाई जरूरी है ही, लेकिन इस पर प्रभावी रोकथाम के लिए वैश्विक गठजोड़ बनाना भी बेहद जरूरी है, तभी ड्रग्स से युवाओं का भविष्य तबाह होने से बचाया जा सकता है।

Web Title: Editorial need Global alliance formed to curb drugs

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