कोरोना वायरसः लाॉकडाउन, कर्फ्यू के साथ कुछ प्रायोगिक सुविधाएं भी जरूरी!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: March 24, 2020 08:07 IST2020-03-24T08:07:53+5:302020-03-24T08:07:53+5:30
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच इससे निपटने की भी कोशिश जारी हैं। केवल इमोशनल और प्रशासनिक फैसलों से जनता को राहत नहीं मिलेगी। इससे आगे जाने की भी जरूरत है।

कोरोना वायरसः लाॉकडाउन, कर्फ्यू के साथ कुछ प्रायोगिक सुविधाएं भी जरूरी!
जनता कर्फ्यू कामयाब रहा और अब कई राज्यों में कोरोना संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन के साथ-साथ कर्फ्यू भी लगा दिया गया है, ये अच्छे निर्णय हैं, लेकिन केवल इमोशनल और प्रशासनिक फैसलों से जनता को राहत नहीं मिलेगी, केन्द्र और राज्य सरकारों की ओर से जनता को कुछ प्रायोगिक सुविधाएं भी दी जानी जरूरी हैं।
- बैंकों में सभी तरह के एकाउंट में मिनिमम बैलेंस की शर्त समाप्त की जाए, हर तरह का जुर्माना हटाया जाए.
- ऐसा इसलिए कि सारे कामकाज बंद हो चुके हैं, इसलिए इस संकट से मुक्ति तक के लिए हर सेविंग एकाउंट पर कम-से-कम 10 हजार रूपए की सीसी लिमिट दी जाए, ताकि ऐसे समय में आर्थिक भविष्य को लेकर लोग चिंतित नहीं हों.
- मार्च माह से जब तक कोरोना संकट समाप्त नहीं हो जाए, तब तक के लिए प्रत्येक परिवार को कुछ न्यूनतम यूनिट बिजली और पानी मुफ्त उपलब्ध करवाया जाए.
- जब तक कोरोना संकट समाप्त नहीं हो जाए, तब तक के लिए बिजली के बकाया बिल, लोन ईएमआई, चैक बाउंस, किराया नहीं दे पाने जैसे मामलों में किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाए.
- साठ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और बीपीएल परिवारों को मुफ्त राशन उपलब्ध करवाया जाए.
- गैस सिलेंडर के दाम कम किए जाएं और हर परिवार को नियमितरूप से मिलता रहे यह सुनिश्चित किया जाए.
- जनता इंकम टैक्स समेत तमाम तरह के टैक्स देती रही है इसलिए सरकार की भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह जनता की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा का ध्यान रखे!