ब्लॉग: ट्रेनों को बेपटरी करने की साजिशों की गहराई से हो जांच

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 11, 2024 09:35 IST2024-09-11T09:34:12+5:302024-09-11T09:35:07+5:30

वह तो सौभाग्य से चालक ने पहले ही देख लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगाए, जिससे ट्रेन की रफ्तार काफी धीमी हो गई. फिर भी सिलेंडर उससे टकरा गया और दूर जा गिरा. अगर ट्रेन की रफ्तार तेज होती तो टकराने के बाद सिलेंडर फट भी सकता था और बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती थी.

Conspiracies to derail trains should be investigated in depth | ब्लॉग: ट्रेनों को बेपटरी करने की साजिशों की गहराई से हो जांच

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsआए दिन होने वाले रेल हादसों से यात्री परेशान ही थे कि अब एक नया सिरदर्द पैदा हो गया है.रेलवे ट्रैक पर भारी वस्तुएं रखकर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त किए जाने की साजिशें रची जा रही हैं. इस तरह की इतनी घटनाएं सामने आ चुकी हैं कि इसके पीछे गहरी साजिश होने की आशंका पैदा हो रही है.

आए दिन होने वाले रेल हादसों से यात्री परेशान ही थे कि अब एक नया सिरदर्द पैदा हो गया है. रेलवे ट्रैक पर भारी वस्तुएं रखकर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त किए जाने की साजिशें रची जा रही हैं. इस तरह की इतनी घटनाएं सामने आ चुकी हैं कि इसके पीछे गहरी साजिश होने की आशंका पैदा हो रही है. बीते सोमवार को कानपुर में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर मिला था, जिससे कालिंदी एक्सप्रेस टकरा गई थी. 

वह तो सौभाग्य से चालक ने पहले ही देख लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगाए, जिससे ट्रेन की रफ्तार काफी धीमी हो गई. फिर भी सिलेंडर उससे टकरा गया और दूर जा गिरा. अगर ट्रेन की रफ्तार तेज होती तो टकराने के बाद सिलेंडर फट भी सकता था और बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. इस घटना की खबर की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि अजमेर में रेलवे ट्रैक पर दो स्थानों पर एक-एक क्विंटल के सीमेंट ब्लॉक मिलने से हड़कंप मच गया. 

यहां साजिश मालगाड़ी को पलटाने की थी. राजस्थान में तो एक महीने में यह तीसरी बार ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची गई है. इससे पहले 28 अगस्त को बारां के छबड़ा में मालगाड़ी के ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप फेंका गया था, जिसमें इंजन बाइक के कबाड़ से टकरा गया. उसके पहले 23 अगस्त को पाली में अहमदाबाद-जोधपुर वंदे भारत ट्रैक पर रखे सीमेंट ब्लॉक से टकरा गई थी. 

5 सितंबर को कुरडुवाड़ी रेलवे स्टेशन के पास भी एक बड़ा हादसा होते-होते बचा. वहां एक सिग्नल पॉइंट के पास ट्रैक पर जानबूझकर एक फाउलिंग मार्क स्लैब रखा गया था लेकिन सतर्क लोको पायलट ने समय रहते ट्रेन को रोक लिया और हादसा होने से बचा लिया. यही नहीं, ट्रेनों पर पत्थर फेंकने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. 5 सितंबर को ही रांची से पटना जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस को झारखंड के हजारीबाग में निशाना बनाया गया. 

ट्रेन पर पत्थर फेंके गए, जिससे कई खिड़कियों को नुकसान पहुंचा. इसके एक दिन पहले, 4 सितंबर को वाराणसी स्टेशन से रवाना होने के कुछ देर बाद ही लखनऊ से पटना जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर भी पत्थर फेंके गए थे, जिससे ट्रेन की खिड़कियों को काफी नुकसान पहुंचा. यह जांच का विषय है कि  देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही वारदातों को अलग-अलग उपद्रवी तत्व अंजाम दे रहे हैं या उनके बीच कोई संबंध है. 

लेकिन जिस तरह से लगातार घटनाएं हो रही हैं, उससे साजिश की आशंका को बल मिलता है.  हाल ही में रेलवे की सुरक्षा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 70 प्रतिशत रेल दुर्घटनाएं बेपटरी होने की वजह से हो रही हैं. हालिया घटनाओं को देखते हुए काफी संभावना है कि ट्रेनों को इसी तरह से साजिशन बेपटरी किया गया हो. 

भारतीय रेलवे ने एक रिपोर्ट में बताया है कि जून 2023 से अब तक ऐसी 24 घटनाएं हुईं, जिसमें अधिकारियों को पटरियों पर गैस सिलेंडर, साइकिल, लोहे की छड़ें और सीमेंट ब्लॉक सहित कई चीजें रखी मिलीं. 

इनमें से 15 घटनाएं पिछले अगस्त में ही हुई हैं और तीन घटनाएं इस सितंबर माह में हुई हैं. अगस्त में हुई एक बड़ी घटना में अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन के 20 डिब्बे कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास पटरी से उतर गए थे और जांच में पता चला कि इंजन ट्रैक पर रखी एक वस्तु से टकरा गया था. 

निश्चित रूप से इस तरह की बढ़ती घटनाएं गहरी चिंता का विषय हैं और सरकार को इस बारे में सूक्ष्मता से जांच कराकर मामले की तह तक पहुंचना चाहिए ताकि भी संभावित बड़ी दुर्घटना को समय रहते टाला जा सके.

Web Title: Conspiracies to derail trains should be investigated in depth

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