ब्लॉग: भाजपा-कांग्रेस, दोनों पर है जीतने का दबाव

By राजकुमार सिंह | Updated: October 9, 2023 10:32 IST2023-10-09T10:16:20+5:302023-10-09T10:32:45+5:30

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 सीटों में से 24 सीटें भाजपा की झोली में गई थीं, जबकि मध्य प्रदेश की 29 सीटों में 28 सीटों पर कमल खिला था।

Congress-BJP, Both are in pressure for win the upcoming election | ब्लॉग: भाजपा-कांग्रेस, दोनों पर है जीतने का दबाव

फाइल फोटो

Highlightsचुनाव में सत्ताधारी दल और उनके उम्मीदवार जीत की उम्मीद के साथ उतरते हैंजीतने का दबाव हो तब मुकाबला महत्वपूर्ण ही नहीं, मुश्किल भी बन जाता हैआने वाले दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर है

हर चुनाव में सत्ताधारी दल और उनके उम्मीदवार जीत की उम्मीद के साथ उतरते हैं, पर जब जीतने का दबाव हो तब मुकाबला महत्वपूर्ण ही नहीं, मुश्किल भी बन जाता है। निकट भविष्य में जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें से तीन राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का चुनावी परिदृश्य कुछ वैसा ही है।

इसके कारण स्पष्ट है कि एक, इन राज्यों में भाजपा-कांग्रेस के बीच सत्ता के लिए सीधा मुकाबला होता रहा है। इस समय भी दो राज्यों में कांग्रेस और एक में भाजपा सत्तारूढ़ है। दूसरा, ये कि चुनाव अगले लोकसभा चुनाव से बमुश्किल छह महीने पहले हो रहे हैं और इन राज्यों से लोकसभा के 65 सदस्य चुने जाते हैं।

पिछली बार इनमें से 61 सीटें भाजपा जीतने में सफल रही थी। राजस्थान की तो 25 में से 24 सीटें भाजपा की झोली में गई थीं, जबकि एक सीट उसके मित्र दल आरएलपी के हनुमान बैनीवाल ने जीती थी, जो इस बार भाजपा के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।

मध्य प्रदेश की 29 में 28 सीटों पर कमल खिला था। लेकिन, एकमात्र सीट छिंदवाड़ा कांग्रेस की झोली में गई, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 11 में से नौ सीटें भाजपा जीती थी।

विधानसभा चुनाव में मतदाता नई राज्य सरकार तो चुनेंगे ही, उनके फैसले के आईने में अगले लोकसभा की संभावनाओं की तस्वीर भी देखने की कोशिश की जाएगी। बेशक 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों की सत्ता कांग्रेस को सौंपते हुए भी चंद महीने बाद मतदाताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा के पक्ष में जनादेश दिया था, लेकिन इतिहास खुद को हमेशा दोहराए-यह जरूरी नहीं है।

इसलिए भाजपा हो या कांग्रेस कोई भी इन राज्यों के चुनावों में कसर नहीं छोड़ना चाहता। अंत में सिर्फ जीत मायने रखती है, इसलिए चुनावी राजनीति में कुछ भी हो सकता है।

Web Title: Congress-BJP, Both are in pressure for win the upcoming election

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे