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दीर्घकालिक नीतियों के चलते आया है कश्मीर में बदलाव

By विवेक शुक्ला | Updated: April 8, 2025 07:17 IST

लंबे समय तक उनका राज्य जलता रहा.

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कश्मीर घाटी में ईद और कश्मीरी हिंदुओं के नूतन वर्ष नवरेह को धूमधाम से मनाए जाने के बाद अब गृह मंत्री अमित शाह वहां के दौरे पर हैं. दरअसल कश्मीर में यह नया बदलाव एक दिन में नहीं आया है, इसके लिए पूरी केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सरपरस्ती में दीर्घकालीन नीति पर काम कर रही है.

सबसे पहले कश्मीर की शांति के लिए नासूर बने मुद्दों की पहचान की गई, कश्मीर की बर्बादी के लिए जिम्मेदार वंशवाद की राजनीति पर प्रहार किया गया, आतंकवाद  को समाप्त किया गया, नीतियों में अकर्मण्यता और जड़ता को खत्म किया गया और जनता द्वारा चुने गए स्थानीय शासन की पद्धति को बहाल किया गया.

लंबे समय तक अशांति, देश विरोधी ताकतों और पत्थरबाजी के कारण कश्मीर घाटी जलती रही. अब सबसे अहम बात ये हुई कि कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने की संख्या में भारी गिरावट आई है. 2004 और 2014 के बीच, जम्मू और कश्मीर में 7,217 आतंकवादी घटनाएं दर्ज की गईं; जबकि 2014 से 2024 के बीच, यह संख्या घटकर 2,242 रह गई.

आतंकी हमलों के कारण नागरिकों की मौतों में 81% की कमी आई है, जबकि सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्या आधी हो गई है. ये आंकड़े सिद्ध करते हैं कि कश्मीर अब देश की मुख्यधारा से जुड़ चुका है. राज्य में विकास परियोजनाओं के दो तरह से लाभ हो रहे हैं.

पहला- राज्य में सड़कें, पुल, शिक्षण संस्थान और अस्पताल बन रहे हैं. यानी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए भरपूर काम हो रहा है. दूसरा- केंद्र सरकार की परियोजनाओं से हजारों स्थानीय नौजवानों को रोजगार मिल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में, जम्मू-कश्मीर  के विकास के लिए 80,000 करोड़ रुपए की 63 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिसमें से 51,000 करोड़ रुपए का उपयोग किया जा चुका है. मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई औद्योगिक नीति ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश आकर्षित किया है.

बेशक, दस-पंद्रह साल पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक तरफ हजरत बल दरगाह मैदान में हजारों मुस्लिम एक-दूसरे के गले लगकर ईद की बधाइयां देंगे और वहीं दूसरी तरफ क्षीर भवानी मंदिर में कश्मीरी पंडित नवरेह के पर्व पर घंटी बजाकर मां भवानी की आरती गाएंगे.

श्रीनगर के लाल चौक में 55 साल के बैंक कर्मी मकसूद भट्ट कुछ भावुक होकर कह रहे थे कि ये वही कश्मीर है, जिसे उन्होंने अपने बचपन में देखा था. तब यहां सब मिल-जुलकर रहते थे. लंबे समय तक उनका राज्य जलता रहा. पर अब इधर अमन और विकास की बयार बहने लगी है. अब जो भी कश्मीर घूमने जाता है, उसको तुरंत एहसास हो जाता है कि केंद्र सरकार ने कश्मीर के विकास को कितनी प्राथमिकता दी है.

टॅग्स :जम्मू कश्मीरKashmir PoliceJammuCentral and State Government
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