ब्लॉग: कम उम्र की शादियों के हैं अनेक नुकसान, भारत में हर साल लगभग 15 लाख अवयस्क लड़कियों की होती है शादी
By वेद प्रताप वैदिक | Published: February 6, 2023 02:27 PM2023-02-06T14:27:58+5:302023-02-06T14:29:37+5:30
बाल विवाह विरोधी कानून के उल्लंघन के लिए असम में इस बार 1800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन शादियों को अवैध भी घोषित कर दिया गया है.
भारत में कन्याओं की शादी 18 साल से कम उम्र में करना जुर्म है, गैरकानूनी है लेकिन इस कानून की कितने लोग परवाह करते हैं? भारत में हर साल लगभग 15 लाख अवयस्क लड़कियों की शादी करवा दी जाती है. यह आंकड़ा तो अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘यूनिसेफ’ का है लेकिन यह विदेशी संस्था सभी ऐसी अवैध शादियों का ठीक से पता लगा पाती होगी, इसमें मुझे संदेह है.
2006 के बाल विवाह विरोधी कानून के मुताबिक अकेले असम प्रांत में इस बार 1800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन शादियों को अवैध भी घोषित कर दिया गया है. अकेले असम में पिछले 10 दिन में ऐसी कम उम्र की 4000 शादियों के विरुद्ध पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है. जरा सोचिए कि यदि पुलिस थोड़ी और सक्रिय हो जाए तो क्या लाखों लोग पकड़े नहीं जाएंगे?
इस तरह के मामलों में वर-वधू को तो पकड़ा जाएगा ही, उनके अभिभावकों और शादी करवानेवालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. कम उम्र की ये शादियां कई दृष्टियों से बड़ी खतरनाक सिद्ध होती हैं. कम उम्र की किशोरियां जब मां बनती हैं तो प्रायः वे गर्भपात की शिकार हो जाती हैं और अपने शरीर में तरह-तरह के रोग पाल लेती हैं.
कम उम्र में बच्चे हो जाने से उनकी संख्या बढ़ती है और उनका समुचित लालन-पालन और शिक्षण नहीं हो पाता. इसके कारण देश में अशिक्षा और गरीबी बढ़ती है. यदि शादी की उम्र बढ़ा दी जाए तो हमारे युवक-युवतियां भारत को दुनिया का सबसे संपन्न राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. क्या ही अच्छा हो कि भारत में वर की न्यूनतम आयु 25 और वधू की 22 वर्ष कर दी जाए?
इस प्रस्ताव का विरोध कई लोग कर सकते हैं. ऐसे में मेरा निवेदन यह है कि ऐसा कानूनी प्रावधान चाहे न किया जाए लेकिन लोगों के दिलों में प्रेम से यह बात बिठाई जा सके तो देश का बड़ा कल्याण हो सकता है.